Research : कैसे कीड़ों के लिए जीवन को कठिन बना रहा वायु प्रदूषण, आबादी में भी तेजी से गिरावट

Research : जीवों के जीवन की एक महत्वपूर्ण धारा के रूप में कीड़े हमारे प्राकृतिक परिसर में विशेष महत्व रखते हैं. ये जीव वनस्पतियों के साथ अंतर्निहित रूप से संवाद करते हैं और वनस्पतियों के लिए एक प्राकृतिक सहायक होते हैं लेकिन हम कीड़ों का जीवन कठिन बना रहे हैं

By Agency | September 24, 2023 5:05 PM

(बेन लैंगफोर्ड, ब्रिटिश पारिस्थितिकी एवं जल विज्ञान केंद्र; जेम्स रेयाल्स, दक्षिणी क्वींसलैंड विश्वविद्यालय)

Research : वैलिंगफोर्ड/टुवूम्बा : चाहे आप उनसे प्यार करें या उनसे नफरत करें, लेकिन हम सभी कीड़ों पर निर्भर हैं.कीड़े दुनिया की तीन-चौथाई फसल किस्मों को परागित करने में मदद करते हैं, जिससे वे एक कीमती संसाधन बन जाते हैं.लेकिन, हम कीड़ों का जीवन कठिन बना रहे हैं क्योंकि वे जलवायु परिवर्तन, बसावट के अवसरों में कमी और कीटनाशकों के उपयोग के खिलाफ लड़ाई का सामना कर रहे हैं, जिससे दुनिया भर में कीड़ों की आबादी में तेजी से गिरावट आ रही है.

अब, हम वायु प्रदूषण के खतरों को भी इस सूची में जोड़ सकते हैं. 2022 के हमारे शोध से पता चला कि जब कीड़े दो सामान्य वायु प्रदूषकों के संपर्क में आए, तो परागण करने वाले कीड़ों का फूलों पर आना 90 प्रतिशत तक कम हो गया.

दो वर्षों की अवधि में, हमने उन खेतों के आसपास ओजोन या डीजल से निकले धुएं के स्तर को बढ़ा दिया, जहां फूल वाली काली सरसों के पौधे और बिना फूल वाले गेहूं के खेत थे. हमने दोनों खेतों के चारों ओर सावधानीपूर्वक प्रदूषकों की निगरानी की.

इस विधि के जरिये हमें प्रदूषित भूखंडों में फूलों पर आने वाले परागण करने वाले कीड़ों की संख्या की निगरानी करने और प्रदूषक रहित भूखंडों के साथ इसकी तुलना करने का मौका मिला. जो निष्कर्ष मिला उससे आश्चर्यचकित रह गये. जहां ओजोन या डीजल से निकले धुएं को छोड़ा, परागण करने वाले कीड़ों की संख्या में 70 प्रतिशत की कमी आई और समग्र परागण सफलता दर में 31 प्रतिशत तक की कमी आई.

यह सिर्फ मधुमक्खियां और तितलियां ही नहीं थीं जो प्रभावित हुईं बल्कि जमीन पर रहने वाले कीड़ों को भी नुकसान हुआ, इन प्रदूषकों के संपर्क में आने से उनकी संख्या में 36 प्रतिशत तक की कमी देखी गई.

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वायु प्रदूषण जीवन को इतना कठिन क्यों बना देता है?

कई कीड़े अपनी गंध क्षमता के जरिये फूलों का पता लगाते हैं. जब वे पराग का सेवन करते हैं, तो वे तुरंत फूल की सुगंध को उसके शर्करा प्रतिफल के साथ जोड़ देते हैं. नतीजतन, जब उन्हें बाद में वही खुशबू मिलती है, तो वे किसी अन्य स्वादिष्ट व्यंजन की तलाश में उसे खोजना शुरू कर देते हैं.

इस प्रकार, फूल दोहरे उद्देश्य की पूर्ति करते हैं. वे न केवल देखने में सुंदर हैं बल्कि परागणकों को आकर्षित करने के लिए सुगंधित रसायनों के विशिष्ट मिश्रण वाला एक संकेत छोड़ते हैं.

लेकिन, ये संकेत खतरे में हैं.ओजोन जैसे वायु प्रदूषक अत्यधिक प्रतिक्रियाशील होते हैं और फूलों की गंध बनाने वाले रसायनों को नष्ट करके संकेतों को नुकसान पहुंचा सकते हैं.

हमारे हालिया शोध में, वैज्ञानिकों ने 20 मीटर लंबी सुरंग में फूलों की खुशबू का अनुकरण किया और फिर पता चला कि बढ़ते ओजोन प्रदूषण के कारण खुशबू बनाने वाले प्रत्येक रसायन का स्तर बदल गया.

रासायनिक संकेत केवल कम दूरी तक ही यात्रा कर सकता था, जिससे उसके पहुंचने वाले कीड़ों की संख्या सीमित हो जाती थी.

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