B.R. Ambedkar Quotes on Constitution Day: संविधान दिवस पर जानें डॉ.अंबेडकर के 5 प्रेरणादायक विचार

संविधान दिवस पर पढ़ें डॉ. भीमराव अंबेडकर के 5 प्रेरणादायक विचार, जो समाज में समानता और न्याय का संदेश देते हैं

By Pratishtha Pawar | November 26, 2024 8:46 AM

B.R. Ambedkar Quotes on Constitution Day:  संविधान दिवस, जिसे राष्ट्रीय कानून दिवस (National Law Day)भी कहा जाता है, हर साल 26 नवंबर को मनाया जाता है. यह दिन हमारे संविधान के निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर (B.R. Ambedkar) को श्रद्धांजलि देने और संविधान की महत्वता को समझने का अवसर है.

डॉ. अंबेडकर ने सामाजिक समानता, न्याय और मानवाधिकारों के लिए अपने जीवन को समर्पित किया. उनके विचार आज भी हमें प्रेरणा देते हैं. आइए जानते हैं डॉ. भीमराव अंबेडकर के 5 प्रेरणादायक विचार, जो हर भारतीय को जीवन में अपनाने चाहिए.

B. R. Ambedkar quotes on constitution day: संविधान दिवस पर जानें डॉ. अंबेडकर के 5 प्रेरणादायक विचार

1. शिक्षा का महत्व

शिक्षा वह हथियार है जो किसी भी समाज को सशक्त बना सकती है.”
डॉ. अंबेडकर ने हमेशा शिक्षा को सबसे बड़ा परिवर्तन का माध्यम माना. उनका मानना था कि शिक्षा हर व्यक्ति को आत्मनिर्भर और समाज में समानता लाने का जरिया बनाती है.

2. समानता पर जोर

“मैं ऐसे धर्म को मानता हूं जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा सिखाए.”
समानता और भाईचारा उनके जीवन और विचारधारा की मूलभूत बातें थीं. वे मानते थे कि समाज में हर व्यक्ति को बराबरी का अधिकार मिलना चाहिए, चाहे उसका धर्म, जाति या पृष्ठभूमि कुछ भी हो.

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3. स्वतंत्रता और जिम्मेदारी

“जीवन लंबा होने के बजाय महान होना चाहिए.”
डॉ. अंबेडकर ने हमेशा स्वतंत्रता को जिम्मेदारी के साथ जोड़ा. उनके अनुसार, सच्ची स्वतंत्रता वही है जिसमें हर व्यक्ति अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति सजग हो.

4. कड़ी मेहनत और आत्मनिर्भरता

“जिसे अवसर नहीं मिलता, उसे खुद अवसर बनाना चाहिए.”
डॉ. अंबेडकर ने हमेशा आत्मनिर्भरता और कड़ी मेहनत पर जोर दिया. उनका जीवन इस बात का प्रमाण है कि कैसे एक सामान्य व्यक्ति अपने प्रयासों से असाधारण बन सकता है.

5. संविधान की शक्ति

“संविधान केवल एक कानूनी दस्तावेज नहीं है; यह एक मार्गदर्शक है जो समाज को दिशा देता है.”
डॉ. अंबेडकर का मानना था कि संविधान में हर उस समस्या का समाधान है, जो किसी देश को उन्नति की राह पर ले जा सकता है. उन्होंने इसे भारतीय लोकतंत्र की आत्मा कहा.

डॉ. भीमराव अंबेडकर के ये विचार आज भी हमें प्रेरित करते हैं और हमारे संविधान को समझने व उसे सम्मान देने की याद दिलाते हैं. संविधान दिवस पर हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि उनके दिखाए रास्ते पर चलकर हम समाज में समानता, स्वतंत्रता और भाईचारे का संदेश फैलाएंगे.

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