Sawan Kanwar Yatra 2024: सावन के महीने में कांवर यात्रा के पीछे का क्या है राज, जानें पूरी जानकारी

Sawan Kanwar Yatra 2024 : कहते है सावन के महीने में शिव की आराधना कांवर भरने के साथ शुरू की जाए तो काफी शुभ होता है तो आईए जानते है सावन के महीने में कांवर यात्रा से जुड़ी पूरी कहानी के बारे में.

By Ashi Goyal | July 20, 2024 12:44 PM
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Sawan Kanwar Yatra 2024: सावन के महीने में कांवर यात्रा हिंदू धर्म में एक प्रमुख त्योहार है, जिसमें भगवान शिव की अराधना और भक्ति का विशेष महत्व होता है, यात्री अपने द्वारा लिए गए कांवड़ को समुद्र मथन के पुराने काल की याद दिलाते हुए, शिवालयों में चढ़ाते हैं, यह परंपरा समाज में एकता और धार्मिक भावनाओं का प्रतीक है, जो यात्रियों को सावन के माह में अपने श्रद्धा और समर्पण को प्रदर्शित करने का अवसर देती है, आईए जानते है इनसे ही जुड़े सवाल को विस्तार में:-

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1. कांवर यात्रा क्या है?

कांवर यात्रा हिंदू धर्म में एक प्रमुख धार्मिक पर्व है, जिसमें यात्री भगवान शिव के प्रति अपनी भक्ति और श्रद्धा को प्रकट करते हैं, ये यात्रा कांवड़ नामक भांडे (जल भरा धार्मिक प्रतीक) को शिवालय में लेकर चलते हैं। इसे सावन के महीने में करते हैं.

2. कांवर यात्रा की प्रारंभिक कहानी क्या है?

कांवर यात्रा की प्रारंभिक कथा में यह बताया जाता है कि सावन मास में भगवान शिव ने समुद्र मथन के समय अमृत प्राप्त किया था, जिसके द्वारा उन्होंने जीवन का अमरत्व प्राप्त किया था, इसलिए उनकी पूजा-अर्चना विशेष महत्वपूर्ण मानी जाती है.

3. कांवर यात्रा का महत्व क्या है हिंदू धर्म में?

कांवर यात्रा में भाग लेने से यात्री अपने आत्मिक और धार्मिक विकास में सुधार पाते हैं, इसे हिंदू समाज में एकता, सामर्थ्य और सम्मान का प्रतीक माना जाता है, यह यात्रा समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों को एक साथ लाती है और समूचे त्यौहार में एक अद्वितीय महत्व रखती है.

4. कांवर यात्रा किस तारीख से शुरू होती है और कितने दिन चलती है?

कांवर यात्रा सावन माह के पहले सोमवार से शुरू होती है और अगले कुछ हफ्तों तक चलती है, यात्री शिवालयों में कांवड़ लेकर पहुंचते हैं और वहां पूजा-अर्चना करते हैं.

5. कांवर यात्रा में क्या धार्मिक और सामाजिक महत्व होता है?

कांवर यात्रा में भाग लेने से यात्री अपने आत्मिक और धार्मिक विकास में सुधार पाते हैं, इसे हिंदू समाज में एकता, सामर्थ्य और सम्मान का प्रतीक माना जाता है, यह यात्रा समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों को एक साथ लाती है और समूचे त्यौहार में एक अद्वितीय महत्व रखती है.

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