Makar Sankranti 2021: सरायकेला (शचिंद्र कुमार दाश) : सरायकेला-खरसावां जिला में मकर संक्रांति त्योहार 14 जनवरी को मनाया जायेगा. इसकी तैयारी जोरों पर है. क्षेत्र में मकर संक्रांति के दिन नदी-सरोवरों में स्थान कर दान-पुण्य करने का रिवाज है. इस दिन किया गया दान पुण्य और अनुष्ठान अभीष्ठ फल देने वाला होता है.
मकर संक्रांति का जितना धार्मिक महत्व है, उतना ही वैज्ञानिक महत्व भी बताया जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने पर ही मकर संक्रांति योग बनता है. इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है.
पं एके मिश्रा के अनुसार, इस वर्ष मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी दिन गुरुवार को मनाया जायेगा. इस दिन सूर्य देव सुबह मकर राशि में 08:30 बजे प्रवेश करेंगे. यह मकर संक्रांति का क्षण होगा. इस दिन मकर संक्रांति का पुण्य काल कुल 09 घण्टे 16 मिनट का है.
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मकर संक्रांति के दिन स्नान, दान और सूर्य देव की आराधना का विशेष महत्व होता है. सनातन धर्म में मकर संक्रांति को मोक्ष की सीढ़ी बताया गया है. मान्यता है कि इसी तिथि पर भीष्म पितामह को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी. इस दिन को सुख और समृद्धि का दिन माना जाता है.
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धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, मकर संक्रांति से सूर्य देव का रथ उत्तर दिशा की ओर मुड़ जाता है. ऐसा होने पर सूर्य देव का मुख पृथ्वी की ओर होता है और वे पृथ्वी के निकट आने लगते हैं. जैसे-जैसे वे पृथ्वी की ओर बढ़ते हैं, वैसे-वैसे सर्दी कम होने लगती है और गर्मी बढ़ने लगती है.
सूर्य देव के मकर संक्रांति के आगमन के साथ ही एक माह का खरमास खत्म हो जाता है. सूर्य देव के मकर राशि में प्रवेश के साथ ही विवाह, मुंडन, सगाई, गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं. मकर संक्रांति को भगवान सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण होते हैं.
14 जनवरी को मकर संक्रांति का पुण्य काल सुबह 08:30 बजे से शाम को 05:46 बजे तक है. वहीं, मकर संक्रांति का महा पुण्यकाल 01 घंटा 45 मिनट का है, जो सुबह 08:30 बजे से दिन में 10:15 बजे तक है.
Posted By : Mithilesh Jha