रजरप्पा (सुरेंद्र कुमार/शंकर पोद्दार) : झारखंड सरकार के निर्देश पर 8 अक्तूबर, 2020 को 17 अक्टूबर को शुरू हो रहे शारदीय नवरात्रि 2020 से पहले देश के प्रसिद्ध सिद्धपीठ रजरप्पा स्थित मां छिन्नमस्तिके के मंदिर का पट खुलने जा रहा है. उसी दिन से मां छिन्नमस्तिके भक्तों को दर्शन देंगी. रामगढ़ जिला के उपायुक्त संदीप सिंह, एसपी प्रभात कुमार सहित कई अधिकारियों ने इस संबंध में रजरप्पा मंदिर का दौरा किया.
अधिकारियों ने प्रशासनिक भवन में स्थानीय पुजारियों के साथ बैठक भी की. उपायुक्त ने पत्रकारों को बताया कि सरकार के गाइडलाइन के अनुसार छिन्नमस्तिके मंदिर को खोलने का निर्णय लिया गया है. मंदिर परिसर में एक बार में 150 लोग सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करते हुए मां छिन्नमस्तिके देवी की पूजा करेंगे.
इस पंक्ति के खत्म होने के बाद बारी-बारी से इसी तरह 150-150 लोग दिन भर पूजा-अर्चना करते रहेंगे. सभी श्रद्धालुओं के लिए मास्क पहना अनिवार्य होगा. मंदिर पहुंचने से पहले कई जगह बैरिकेडिंग की जायेगी. मंदिर में प्रवेश के लिए लाइन लगाने वाले भक्तों को कई बार जगह-जगह पर सैनिटाइज किया जायेगा.
Also Read: झारखंड के 90% बच्चों को नहीं मिलता पोषक आहार, 3.3 करोड़ में 1.3 करोड़ लोग गरीब, कैसे खत्म हो पीढ़ियों से चला आ रहा कुपोषण?थर्मल स्कैनर से श्रद्धालुओं का तापमान भी मापा जायेगा. इसके बाद ही उन्हें मंदिर परिसर में प्रवेश करने की अनुमति दी जायेगी. श्रद्धालुओं के मंदिर में प्रवेश के लिए दो फीट की दूरी पर जगह-जगह गोला बनाया गया है.
मौके पर एसडीओ कृतिश्री जी, बीडीओ उदय कुमार, इंस्पेक्टर बिनोद कुमार मुर्मू, सीआइ शशि शेखर के अलावा मंदिर न्यास समिति के अध्यक्ष अशेष पंडा, सचिव शुभाशीष पंडा, अजय पंडा, असीम पंडा, रंजीत पंडा, ब्रजेश पंडा, संजीत पंडा, राकेश पंडा सहित कई पुजारी एवं दुकानदार मौजूद थे.
उपायुक्त ने दुकानदारों को सख्त निर्देश दिया कि किसी भी हाल में बिना मास्क के श्रद्धालुओं को पूजन सामग्री न दें. अगर किसी तरह की कोई शिकायत मिली, तो दुकान को तीन दिन के लिए बंद कर दिया जायेगा. इसके बाद दोबारा शिकायत मिलने पर दुकान को हमेशा के लिए सील कर दिया जायेगा. उन्होंने दुकानदारों से कहा कि वे सड़क आदि का अतिक्रमण न करें. यदि पहले से कर रखा है, तो उसे हटा लें.
रजरप्पा मंदिर के इर्द-गिर्द कई जगह अतिक्रमण किया जा रहा है. इस पर उपायुक्त ने नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने कहा कि इस तरह का काम न करें. मंदिर के वातावरण को स्वच्छ रखें. यहां मास्टर प्लान के तहत विकास कार्य चल रहा है. इसमें अड़चन न डालें. किसी भी तरह का खुद से कोई भी निर्माण न करें.
इस बार 17 अक्टूबर से शारदीय नवरात्र की शुरुआत हो रही है. मां इस बार घोड़े पर सवार होकर आ रही हैं. इसके संकेत अच्छे नहीं माने जा रहे हैं. माना जाता है कि घोड़े पर मां के आगमन से पड़ोसी देशों से युद्ध, सत्ता में उथल-पुथल के साथ ही रोग और शोक फैलता है.
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17 अक्टूबर 2020 – प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा, घटस्थापना
18 अक्टूबर 2020 – दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा
19 अक्टूबर 2020 – तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा
20 अक्टूबर 2020 – चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा
21 अक्टूबर 2020 – पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा
22 अक्टूबर 2020 – षष्ठी को मां कात्यायनी की पूजा
23 अक्टूबर 2020 – सप्तमी को मां कालरात्रि की पूजा
24 अक्टूबर 2020 – अष्टमी को मां महागौरी दुर्गा की पूजा
25 अक्टूबर 2020 – नवमी को मां सिद्धिदातृ की पूजा
26 अक्टूबर 2020 – महादशमी को मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन
Posted By : Mithilesh Jha