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Shardiya Navratri: बुलेट पर सवार, हाथ में तलवार,मां दुर्गा की भक्ति की शक्ति से भरा देखिए महिलाओं का तलवार रास

Shardiya Navratri : दुर्गा पूजा यानी शक्ति की उपासना का पर्व, इस दौरान दुर्गा पूजा में गरबा की भी धूम मची है. , जहां चारों ओर आस्था और श्रद्धा भाव है. सोशल मीडिया पर गुजरात के राजकोट की महिलाओं ने तलवार के साथ ऐसा गरबा खेला कि वो पंक्त्यिां याद आ गईं. खूब लड़ी मर्दानी वो तो.. झांसी वाली रानी थी

Shardiya Navratri : नवरात्रि के मौके पर जगह जगह गरबा का आयेाजन किया जा रहा है जहां मां कि भक्ति के रंग में रंगे भक्त गरबा खेलते हुए देखे जा रहे हैं मगर गुजरात के राजकोट की महिलाओं ने वाकई जिस अंदाज में गरबा खेला देखने वाले बस दांतो तले उंगलियां दबाते रह गए. इनदिनों सोशल मीडिया पर गुजरात के राजकोट का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें महिला बुलेट पर एंट्री लेती है एक हाथ में बाइक की हैंडल तो दूसरे हाथ में तलवार और तो और शानदार हिम्मती कलाबाजियां देखकर दंग हो जाएंगे. इनक एक हाथ में तलवार जिससे हवा में कलाबाजी दिखाती हैं तो एक और महिलाओं का ग्रुप स्कूटी और बाइक पर हवा पर तलवार बाजी का शानदार प्रदर्शन करती हैं .

दरअसल तलवार रास या तलवार चलाना गुजरात की सांस्कृतिक विरासत का एक अभिन्न अंग है. वीडियो में पारंपरिक राजपूताना पोशाक पहने महिलाओं को राजकोट के राजवी पैलेस में देवी दुर्गा के प्रति श्रद्धा के प्रतीक के रूप में तलवार रास नृत्य करते हुए दिखाया गया है.

नवरात्रि में क्यों खेला जाता है गरबा?

नवरात्रि का मौका हो और गरबा ना हो, ऐसा भला हो सकता है क्या ? कई लोग तो बहुत समय पहले से ही तैयारियां करते हैं क्योंकि इस दौरान उन्हें गरबा खेलने, रंगीन कपड़े पहनने की अवसर मिलेगा. जानिए आखिर क्या है गरबा खेलने की असली वजह.

गरबा और नवरात्रि के कनेक्शन की बात करें तो नवरात्र के 9 दिन में मां को प्रसन्‍न करने के अलग-अलग उपायों में से एक उपाय नृत्‍य भी है. शास्‍त्रों में नृत्‍य को साधना का एक मार्ग बताया गया है. गरबा नृत्‍य के माध्‍यम से मां दुर्गा को प्रसन्‍न करने का एक माध्यम हैं

गरबा’ का असली अर्थ क्या हैः

गरबा का शाब्दिक अर्थ है गर्भ दीप. मतलब यह हुआ कि गर्भ दीप को स्‍त्री के गर्भ की सृजन शक्ति का प्रतीक माना गया है. इसी शक्ति की मां दुर्गा के स्‍वरूप में पूजा की जाती है. गरबा के दौरान महिलाएं 3 तालियों का प्रयोग करती हैं. ये 3 तालियां इस पूरे ब्रह्मांड के त्रिदेव ब्रह्मा, विष्‍णु और म‍हेश को समर्पित होती हैं.

गरबा खेलने के दौरान डांस करने में ये तीन तालियां बजाकर इन तीनों देवताओं का आह्वान किया जाता है. इन 3 तालियों की ध्‍वनि से जो तेज प्रकट होता है और तरंगें उत्‍पन्‍न होती हैं, उससे शक्ति स्‍वरूपा मां अंबा जागृत होती हैं

गरबा खेलते समय महिलाएं और पुरुष ताली, चुटकी, डांडिया और मंजीरों का उपयोग करते है ताल से ताल मिलाने के लिए महिलाएं और पुरुषों का समूह बनाकर डांस किया जाता है

गरबा और डांडिया में अंतर को समझिए

नवरात्रि के दौरान गरबा और डांडिया खेला जाता है. जो कि दो अलग तरह के नृत्य हैं और दोनों के बीच अंतर की बात करें तो गरबा मां दुर्गा की आरती से पहले किया जाता है, जबकि डांडिया मां दुर्गा की आरती के बाद खेला जाता है. डांडिया में दो स्टिक की जरूरत होती हैं जबकि गरबा के लिए हथेलियों का उपयोग होता है.

गरबा और डांडिया का धार्मिक महत्व

गरबा और डांडिया के पीछे एक धार्मिक महत्व जुड़ा हुआ है. गरबा की बात करें तो यह नृत्य मां दुर्गा की आरती से पहले उनकी प्रतिमा के पास जलाई गई ज्योत के पास किया जाता है. यह नृत्य ज्योत के पास एक गोले में किया जाता है जो कि जीवन के गोल चक्र का प्रतीक है.एक और धार्मिक मान्यता के अनुसार डांडिया मां दुर्गा और महिषासुर के बीच हुए युद्ध को प्रदर्शित करता है. डांडिया में उपयोग होने वाली रंगीन डंडियां मां दुर्गा की तलवार मानी जाती है और इसलिए इसे तलवार नृत्य भी कहा जाता है.

Shardiya Navratri: On the occasion of Navratri, Garba is being organized at many places where devotees colored in the colors of devotion to the Mother Goddess are seen playing Garba, but the style in which the women of Rajkot, Gujarat played Garba is truly astonishing. Kept pressing the fingers. These days, a video from Rajkot, Gujarat is going viral on social media in which a woman takes entry on Bullet.

You will be stunned to see the bike handle in one hand and the sword in the other and even more amazing acrobatics. They have a sword in one hand and perform acrobatics in the air while another group of women on scooters and bikes perform spectacular aerial sword fighting.

In fact, Talwar Raas or sword fighting is an integral part of the cultural heritage of Gujarat. The video shows women dressed in traditional Rajputana attire performing the Talwar Raas dance as a symbol of reverence for Goddess Durga at the Rajvi Palace in Rajkot.

Why is Garba played during Navratri?

s it possible that there is an occasion of Navratri and there is no Garba? Many people make preparations a long time in advance because during this time they will get the opportunity to play Garba and wear colorful clothes. Know what is the real reason for playing Garba. Talking about the connection between Garba and Navratri, dance is one of the various ways to please Mother Goddess during the 9 days of Navratri. In the scriptures, dance has been described as a path of spiritual practice. Garba is a medium to please Goddess Durga through dance.

What is the real meaning of ‘Garba’: Garba literally means womb lamp. This means that Garbh Deep is considered a symbol of the creative power of a woman’s womb. This Shakti is worshiped in the form of Mother Durga. During Garba, women use 3 claps. These 3 applauses are dedicated to the trinity of Brahma, Vishnu and Mahesh of this entire universe.

While playing Garba, these three deities are invoked by clapping while dancing. The light that appears and the waves generated by the sound of these 3 claps awakens Shakti Swarupa Maa Amba. While playing Garba, women and men use clap, chutki, dandiya and manjirs. Women and men dance in groups to keep pace with the rhythm.

What is the real meaning of ‘Garba’: Garba literally means womb lamp. This means that Garbh Deep is considered a symbol of the creative power of a woman’s womb. This Shakti is worshiped in the form of Mother Durga. During Garba, women use 3 claps. These 3 applauses are dedicated to the trinity of Brahma, Vishnu and Mahesh of this entire universe.

While playing Garba, these three deities are invoked by clapping while dancing. The light that appears and the waves generated by the sound of these 3 claps awakens Shakti Swarupa Maa Amba. While playing Garba, women and men use clap, chutki, dandiya and manjirs. Women and men dance in groups to keep pace with the rhythm.

Understand the difference between Garba and Dandiya Garba and Dandiya are played during Navratri. Which are two different types of dances and if we talk about the difference between the two, Garba is performed before the Aarti of Maa Durga, whereas Dandiya is played after the Aarti of Maa Durga. Dandiya requires two sticks while Garba uses palms.

Religious significance of Garba and Dandiya There is a religious significance attached behind Garba and Dandiya. Talking about Garba, this dance is performed near the lamp lit near the idol of Maa Durga before the Aarti. This dance is performed in a circle near the Jyot which symbolizes the circular cycle of life. According to another religious belief, Dandiya represents the war between Goddess Durga and Mahishasura. The colorful sticks used in Dandiya are considered to be the sword of Maa Durga and hence it is also called sword dance.

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