Shilajit नहीं है Viagra का सब्सिट्यूट, इस खबर से दूर हो जाएंगे जड़ी-बूटी से जुड़े 4 बड़े भ्रम
Shilajit न सिर्फ चुस्ती बल्कि तंदुरुस्ती बनाए रखने में मददगार होती है. आयुर्वेदाचार्य बताते हैं कि Shilajit को लेकर कुछ Myth फैले हैं कि यह शारीरिक ताकत बढ़ाने में मददगार है, जबकि ऐसा नहीं है. यह हिमालयी जड़ी-बूटी कई मामलों में हमारे शरीर के लिए फायदेमंद है.
Shilajit को लेकर कई तरह के भ्रम हैं. अगर हम इसके सेहतमंद रहने के फायदों को जानेंगे तो यह भ्रम टूट जाएगा. Shilajit को आयुर्वेद में रामबाण जड़ी-बूटी माना गया है. भारत में करीब 5000 साल पहले से इसका इस्तेमाल अलग-अलग काम में होता आया है. यह जड़ी-बूटी हिमालय पर 18000 फीट की ऊंचाई पर मिलती है.
शरीर के लिए फायदेमंद है Shilajit
Shilajit न सिर्फ चुस्ती बल्कि तंदुरुस्ती बनाए रखने में मददगार होती है. आयुर्वेदाचार्य बताते हैं कि Shilajit को लेकर कुछ Myth फैले हैं कि यह शारीरिक ताकत बढ़ाने में मददगार है, जबकि ऐसा नहीं है. यह हिमालयी जड़ी-बूटी कई मामलों में हमारे शरीर के लिए फायदेमंद है.
भ्रम 1 : Shilajit को उसकी मूल अवस्था में इस्तेमाल करना
आयुर्वेदाचार्यों की मानें तो Shilajit को अगर जड़ी-बूटी के रूप में लिया जाए तो ही वह फायदा करती है. अगर उसे प्रोसेस कर दिया जाए तो वह फायदा नहीं पहुंचाती. दरअसल Shilajit को unpurified और unprocessed form में नहीं लिया जा सकता क्योंकि वह काफी जहरीली होती है. यह पहाड़ों में पाई जाती है और इसमें lead, cadmium, arsenic जैसे मेटल मिलते हैं. इसमें काफी इमप्योरिटी होती हैं.
कैसे होती है प्रोसेस
Shilajit को आयुर्वेद की शोधन प्रक्रिया के जरिए purify किया जाता है ताकि यह इस्तेमाल के लायक बन सके. Shilajit को बिना शुद्ध किए इस्तेमाल करना नुकसानदेह हो सकता है.
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भ्रम 2 : Shilajit का नियमित इस्तेमाल
Shilajit को नियमित रूप से लेने में कोई हर्ज नहीं है. क्योंकि यह ऊर्जा बढ़ाने और सेहतमंद बने रहने में मदद करता है. हालांकि इसका इस्तेमाल करने से पहले किसी पेशेवर डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है.
भ्रम 3 : Viagra की सब्सिट्यूट है Shilajit
आयुर्वेदाचार्यों के मुताबिक Shilajit, Viagra का सब्सिट्यूट नहीं है. Shilajit में टेस्टोस्टेरॉन लेवल बढ़ाने की क्षमता होती है. इसके और Viagra के बीच कोई तुलना नहीं की जा सकती. यह जड़ी-बूटी है. Shilajit लेने से दिल की बीमारियां नहीं होतीं.
भ्रम 4 : गर्मी में Shilajit का इस्तेमाल
Shilajit को गर्मी में लेते वक्त ज्यादा मात्रा में पानी का इस्तेमाल करना चाहिए. साथ ही यह भी परखा जाना चाहिए कि गर्मी में इसके इस्तेमाल से शरीर में क्या बदलाव देखने को मिल रहे हैं. कहीं पाचन संबंधी परेशानी तो नहीं आ रही. आयुर्वेदाचार्य सलाह देते हैं कि जिन लोगों का हाजमा कमजोर है, उन्हें Shilajit का गर्मी में इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
डॉक्टर के परामर्श पर करें सेवन
जाड़े में Shilajit के इस्तेमाल से शरीर का तापमान गर्म बना रहता है. इसे दूध, गुनगुने पानी या किसी गर्म पेय पदार्थ के साथ लेना चाहिए, लेकिन इसका इस्तेमाल तभी शुरू करें जबकि आपके डॉक्टर इसकी राय दें. अपने आप से इसका इस्तेमाल सेहत खराब कर सकता है.
डॉक्टर की सलाह पर ही करें सेवन
आयुर्वेदाचार्य डॉ वेंकटेश कात्यायन बताते हैं कि शिलाजीत किसी भी बीमारी में काफी फायदेमंद है, लेकिन डॉक्टर के परामर्श पर ही इसका सेवन करना चाहिए. बिना चिकित्सक की सलाह के यूं ही इसका सेवन करने से परहेज करना चाहिए. हाई बीपी के मरीजों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए. कमजोरी व डायबिटीज समेत अन्य बीमारियों में ये काफी फायदेमंद है.