Shivaji Jayanti 2022: आज है शिवाजी जयंती, जानें इस दिन का इतिहास, क्यों प्रसिद्ध हैं छत्रपति शिवाजी ?

Shivaji Jayanti 2022: आज पूरा देश इस महान मराठा राजा छत्रपति शिवाजी का 392वां जन्मदिन मना रहा है. जानें छत्रपति शिवाजी कौन थे और क्यों प्रसिद्ध हुए.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 19, 2022 11:59 AM

Shivaji Jayanti 2022:छत्रपति शिवाजी महाराज की कथा महाराष्ट्र की सीमाओं को पार करती है और पूरे भारत को पूरा करती है. भारत में मुगल शासन के दौरान मराठा साम्राज्य को पुनर्जीवित करने में उनके प्रयासों और योगदान को अच्छी तरह से प्रलेखित किया गया है. उनकी महानता के किस्से जिनमें मुगल बादशाह औरंगजेब के साथ उनका झगड़ा, बीजापुर सल्तनत के जनरल अफजल खान की वाघ नख (बाघ के पंजे) से हत्या और फलों की टोकरी में जेल से उनके भागने की कहानियां बार-बार सुनाई जाती हैं. और आज पूरा देश इस महान मराठा राजा का 392वां जन्मदिन मना रहा है.

शिवाजी जयंती 19 फरवरी को आयोजित की जाती है और इस वर्ष शनिवार को पड़ रही है. शिवाजी जयंती शिवाजी महाराज के जन्म के उपलक्ष्य में एक महाराष्ट्रीयन त्योहार है. इस दिन, राज्य में सार्वजनिक अवकाश होता है. यह दिन आमतौर पर जोश और गर्व के साथ मनाया जाता है.

छत्रपति शिवाजी क्यों प्रसिद्ध हैं?

शिवाजी महाराज का नाम देशी देवी शिवई के नाम पर रखा गया था. मराठा राज्य के संस्थापक शिवाजी महाराज को उनके प्रशासन, साहस और युद्ध कौशल के लिए जाना जाता है. वह अपनी मराठा सेना के माध्यम से गुरिल्ला लड़ने की तकनीक पेश करने वाले पहले व्यक्ति थे. अपने बढ़ते वर्षों के दौरान मराठा राज्य में गिरावट के साथ, उन्होंने मुगल शासन और दक्कन सल्तनत को सफलतापूर्वक एक समृद्ध मराठा साम्राज्य खोजने के लिए चुनौती दी. औरंगजेब के साथ उसकी लड़ाई जगजाहिर थी. औरंगजेब कभी भी साहसी नायक को अपने अधीन नहीं कर पाया.

मराठा प्रमुखों को एक साथ लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी

शिवाजी ने मायाल, कोंकण और देश क्षेत्रों के मराठा प्रमुखों को एक साथ लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. शिवाजी ने अदालत और प्रशासन में मराठी और संस्कृत जैसी क्षेत्रीय भाषाओं के उपयोग को भी बढ़ावा दिया और अपने समय की सामान्य भाषा फारसी को छोड़ दिया.

इस दिन का इतिहास और महत्व

महात्मा ज्योतिराव फुले ने 1870 में शिवाजी जयंती की शुरुआत की. शिवाजी महाराज के मकबरे की खोज महात्मा ज्योतिराव फुले ने पुणे से लगभग 100 किलोमीटर दूर रायगढ़ में की थी. पहला शिवाजी जयंती समारोह पुणे में आयोजित किया गया था. बाद में प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक ने इसे बढ़ावा देकर और शिवाजी महाराज की उपलब्धियों को आम जनता के सामने उजागर करके त्योहार को और अधिक लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

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मराठों का समृद्ध और विविध सांस्कृतिक इतिहास भी मनाया जाता है

महाराष्ट्र में, शिवाजी जयंती एक राज्यव्यापी अवकाश है जिसे बहुत धूमधाम और भक्ति के साथ मनाया जाता है. इस दिन मराठों का समृद्ध और विविध सांस्कृतिक इतिहास भी मनाया जाता है. महान नेता के योगदान के महत्व को बड़ी संख्या में लोगों द्वारा नृत्य और नाटकों के रूप में याद किया जाता है.

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