एक छोटा कदम छोटे एक छोटा कदम छोटे लक्ष्य के लिए, बाद में विशाल लक्ष्य भी हासिल करा देता है.
~ छत्रपति शिवाजी महाराज
एक वीर योद्धा हमेशा विद्वानों के सामने ही झुकता है.
~ छत्रपति शिवाजी महाराज
स्वतंत्रता एक वरदान है, जिसे पाने का अधिकारी हर कोई है.
~ छत्रपति शिवाजी महाराज
स्त्री के सभी अधिकारों में सबसे महान अधिकार मां बनने का है.
~ छत्रपति शिवाजी महाराज
“स्वतंत्रता एक वरदान है, जिसे पाने का अधिकारी हर कोई है.”
~ छत्रपति शिवाजी महाराज
“एक छोटा कदम छोटे लक्ष्य पर, बाद मे विशाल लक्ष्य भी हासिल करा देता है.”
~ छत्रपति शिवाजी महाराज
“जरुरी नही कि विपत्ति का सामना, दुश्मन के सम्मुख से ही करने मे, वीरता हो. वीरता तो
विजय मे है.”
~ छत्रपति शिवाजी महाराज
“जब हौसले बुलन्द हो, तो पहाङ भी एक मिट्टी का ढेर लगता है.”
~ छत्रपति शिवाजी महाराज
“शत्रु को कमजोर न समझो, तो अत्यधिक बलिष्ठ समझ कर डरना भी नही चाहिए.”
~ छत्रपति शिवाजी महाराज
“जब लक्ष्य जीत की हो, तो हासिल करने के लिए कितना भी परिश्रम, कोई भी मूल्य , क्यो न हो उसे चुकाना ही पङता है.”
~ छत्रपति शिवाजी महाराज
“सर्वप्रथम राष्ट्र, फिर गुरु, फिर माता-पिता, फिर परमेश्वर.अतः पहले खुद को नही राष्ट्र को देखना चाहिए.”
~ छत्रपति शिवाजी महाराज
“अगर मनुष्य के पास आत्मबल है, तो वो समस्त संसार पर अपने हौसले से विजय पताका लहरा सकता है.”
~ छत्रपति शिवाजी महाराज
“इस जीवन मे सिर्फ अच्छे दिन की आशा नही रखनी चाहिए, क्योकी दिन और रात की तरह अच्छे दिनो को भी बदलना पङता है.”
~ छत्रपति शिवाजी महाराज
“अंगूर को जब तक न पेरो वो मीठी मदिरा नही बनती, वैसे ही मनुष्य जब तक कष्ट मे पिसता नही, तब तक उसके अन्दर की सर्वौत्तम प्रतिभा बाहर नही आती.”
~ छत्रपति शिवाजी महाराज
“जो मनुष्य समय के कुच्रक मे भी पूरी शिद्दत से, अपने कार्यो मे लगा रहता है. उसके लिए समय खुद बदल जाता है.”
~ छत्रपति शिवाजी महाराज
“प्रतिशोध मनुष्य को जलाती रहती है, संयम ही प्रतिशोध को काबू करने का उपाय होता है.”
~ छत्रपति शिवाजी महाराज
“कोई भी कार्य करने से पहले उसका परिणाम सोच लेना हितकर होता है; क्योकी हमारी आने वाली पीढी उसी का अनुसरण करती है.”
~ छत्रपति शिवाजी महाराज
“अपने आत्मबल को जगाने वाला, खुद को पहचानने वाला, और मानव जाति के कल्याण की सोच रखने वाला, पूरे विश्व पर राज्य कर सकता है.”
~ छत्रपति शिवाजी महाराज
“शत्रु चाहे कितना ही बलवान क्यो न हो, उसे अपने इरादों और उत्साह मात्र से भी परास्त किया जा सकता है.”
~ छत्रपति शिवाजी महाराज