Shukarwar Ke Upay: हर शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी को समर्पित है. इस दिन ऐश्वर्य की देवी की पूजा विधिवत तरीके से करने से घर में कभी भी सुख-समृद्धि और खुशहाली की कमी नहीं होती है. शुक्रवार का दिन माता लक्ष्मी को समर्पित है. मां लक्ष्मी की आप पर कृपा बनी रहे और घर में सुख, शांति के साथ धन संपत्ति का वास हो इसके लिए शुक्रवार के दिन जानें कौन से कार्य नहीं करने चाहिए.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शुक्रवार के दिन पैसों का लेनदेन करने से बचना चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी रुष्ट हो जाती है.
वैसे तो हर किसी का सम्मान करना चाहिए. लेकिन जाने अनजाने में भी शुक्रवार के दिन किसी भी महिला, कन्या या किन्नर का अपमान न करें और ना करें और नाहीं किसी भी तरह के अपशब्द बोलें. मान्यता है इससे मां लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं और धन की हांनि होती है.
मान्यता है कि शुक्रवार के दिन किसी को भी चीनी नहीं देनी चाहिए. क्योंकि ऐसा करने से शुक्र ग्रह कमजोर होता है. जीवन में सुख समृद्धि इसी ग्रह के प्रभाव से आती है.
शुक्रवार के दिन प्रॉपर्टी से संबंधित काम करने से बचना चाहिए. माना जाता है कि शुक्रवार के दिन प्रॉपर्टी खरीदने से हानि का सामना करना पड़ सकता है.
शुक्रवार का दिन माता लक्ष्मी को समर्पित है. कहते हैं मां लक्ष्मी वहीं वास करती हैं, जहां साफ-सफाई होती है. यही वजह है कि दिवाली के दिन मां लक्ष्मी के पूजन से पूर्व घरों की अच्छे से साफ किया जाता है, जिससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर घर में वास करें और उनकी कृपा सदैव बनी रही.
लक्ष्मी जी की आरती
ॐ जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता
तुमको निशदिन सेवत
मैया जी को निशदिन सेवत
हरि विष्णु विधाता
।।ॐ जय लक्ष्मी माता।।
उमा रमा ब्रह्माणी तुम ही जगमाता
मैया तुम ही जगमाता
सूर्य चन्द्रमा ध्यावत
नारद ऋषि गाता
।।ॐ जय लक्ष्मी माता।।
दुर्गा रूप निरंजनी सुख सम्पत्ति दाता
मैया सुख सम्पत्ति दाता
जो कोई तुमको ध्यावत
ऋद्धि-सिद्धि धन पाता
।।ॐ जय लक्ष्मी माता।।
तुम पाताल निवासिनि तुम ही शुभदाता
मैया तुम ही शुभदाता
कर्मप्रभावप्रकाशिनी
भवनिधि की त्राता
।।ॐ जय लक्ष्मी माता।।
जिस घर में तुम रहती सब सद्गुण आता
मैया सब सद्गुण आता
सब सम्भव हो जाता
मन नहीं घबराता
।।ॐ जय लक्ष्मी माता।।
तुम बिन यज्ञ न होते वस्त्र न कोई पाता
मैया वस्त्र न कोई पाता
खान पान का वैभव
सब तुमसे आता
।।ॐ जय लक्ष्मी माता।।
शुभ गुण मन्दिर सुन्दर क्षीरोदधि जाता
मैया सुन्दर क्षीरोदधि जाता
रत्न चतुर्दश तुम बिन कोई नहीं पाता
।।ॐ जय लक्ष्मी माता।।
महालक्ष्मीजी की आरती जो कोई नर गाता
मैया जो कोई नर गाता
उर आनन्द समाता पाप उतर जाता
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता
तुमको निशदिन सेवत
हरि विष्णु विधाता
।।ॐ जय लक्ष्मी माता।।
।। मैया जय लक्ष्मी माता।।
मां महालक्ष्मी की जय