Vitamin K: ‘विटामिन के’ की कमी से हो सकते हैं कई रोग, अधिक ब्लीडिंग हो सकती है ‘विटामिन K’ की कमी के संकेत
विटामिंस शरीर के लिए बहुत जरूरी होते हैं. शरीर में इसकी कमी से कई तरह के रोगों का खतरा बढ़ जाता है. ये हमारे शरीर के विकास और अंगों के सुचारु रूप से काम करने के लिए जरूरी होते हैं. 'विटामिन K' हमारे शरीर में ब्लड क्लॉटिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
Vitamin K: शरीर में नये टिशूज के निर्माण के लिए विटामिन ए, रेड ब्लड सेल्स के निर्माण के लिए विटामिन ई और कैल्शियम को अवशोषित करने के लिए विटामिन डी जरूरी है. वहीं, विटामिन K हमारे शरीर में ब्लड क्लॉटिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. शरीर में चोट या खरोंच लगने पर जो ब्लीडिंग होता है, वह यदि न जमें, तो शरीर का सारा खून बाहर निकल जायेगा. हमारे आंत में मौजूद जीवाणु भी विटामिन K का निर्माण करते हैं, लेकिन सल्फा मेडिसिन के ज्यादा प्रयोग से विटामिन K का निर्माण करने वाले जीवाणु का नाश हो जाता है.
‘विटामिन K’ की कमी कुछ सामान्य लक्षण
- नाक या दांत से खून आना : अगर आपके नाक या दांत से बिना कारण खून आता हो, तो यह शरीर में विटामिन K की कमी का संकेत हो सकता है.
- खून न जमना : चोट या खरोंच लगने पर थोड़ी देर में रक्त का थक्का जम जाता है और खून बहना बंद हो जाता है. मगर यदि ऐसी स्थिति में आपका खून बहना बंद नहीं हो, तो यह शरीर में विटामिन K की कमी हो सकती है.
- पीरियड्स में ज्यादा ब्लीडिंग होना : विटामिन K की कमी से महिलाओं को पीरियड्स के दौरान सामान्य से ज्यादा ब्लीडिंग होती है. इससे उनमें कमजोरी हो सकती है और एनिमिया भी हो सकता है. ऐसे में पीरियड्स में ज्यादा खून निकलने पर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और विटामिन K वाले आहारों का अधिक सेवन करें.
- यूरिन या मल के साथ खून आना : मल के साथ खून आने को ज्यादातर लोग बवासीर का संकेत समझते हैं, पर यह विटामिन K की वजह से भी हो सकता है. इसमें मल गहरे काले रंग या गहरे लाल रंग का भी हो सकता है. दरअसल, विटामिन K की कमी होने पर खून पतला हो जाता है, जिससे शरीर के किसी भी हिस्से से खून निकल सकता है.
- नाखून के नीचे खून जैसा जमना : अगर नाखूनों के नीचे खून रुका हुआ या जमा हुआ दिखाई देता है, तो यह विटामिन K की कमी का लक्षण हो सकता है.
किन आहारों से मिलेगा ‘विटामिन K‘
- विटामिन K की कमी पूरी करने के लिए पालक, सरसों साग, मेथी साग व अन्य हरी पत्तेदार सब्जियों को खाना चाहिए. इसके अलावा पत्ता गोभी, स्प्राउट्स, ब्रोकली खाना भी फायदेमंद होता है.
- पत्ता गोभी फाइबर के साथ-साथ विटामिन ए, सी और विटामिन K का अच्छा स्रोत है. इसे पकाकर या सलाद में कच्चा भी खा सकते हैं.
- अंडे भी विटामिन K का अच्छा स्रोत हैं. अंगूर, स्ट्रॉबेरी, कीवी, टमाटर, लाल और पीली शिमला मिर्च में भी विटामिन K पाये जाते हैं.
- आधा कप उबले हुए गाजर में 10.7 माइक्रोग्राम विटामिन K होता है. आधा कप सरसों के साग में 415 माइक्रोग्राम, आधा कप सोयाबीन में 43 माइक्रोग्राम, एक कप कद्दू में 40 माइक्रोग्राम, 100 ग्राम ब्लूबेरी में 19 माइक्रोग्राम, एक खीरा में 49 माइक्रोग्राम विटामिन K पाया जाता है.
प्रतिदिन कितनी मात्रा में चाहिए ‘विटामिन K’
0 से 6 माह | 2 माइक्रोग्राम |
7-12 माह | 2.5 माइक्रोग्राम |
1-3 वर्ष | 30 माइक्रोग्राम |
4-8 वर्ष | 55 माइक्रोग्राम |
9-13 वर्ष | 60 माइक्रोग्राम |
14-18 वर्ष | 74 माइक्रोग्राम |
19+ वर्ष | 120 माइक्रोग्राम (male) |
19+ वर्ष | 90 माइक्रोग्राम (female) |
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