Skin Care tips in Summer: हर मौसम अपने साथ कुछ चुनौतियां लेकर आता है, जिसके अनुसार अपने हेल्थकेयर रूटीन में बदलाव की भी जरूरत पड़ जाती है.
खासकर महिलाओं को गर्मियों में डिहाइड्रेशन, इन्फेक्शन, त्वचा संबंधी समस्याएं आदि सामान्य दिनों के मुकाबले ज्यादा देखने को मिलती हैं. ऐसी स्थिति में महिलाओं को विशेष सावधानी बतरने की आवश्यकता पड़ती है.
कुछ ऐसी बीमारियां है, जो गर्मियों के मौमस में लोगों को अधिक प्रभावित करती हैं. गर्मियों में होने वाली ये बीमारियां वैसे तो काफी सामान्य होती हैं, लेकिन अगर इन बीमारियों का समय पर ध्यान और इलाज नहीं कराया गया, तो इससे कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं.
डिहाइड्रेशन की समस्या गर्मियों में महिलाओं और पुरुषों में समान रूप से देखी जाती है, लेकिन महिलाओं में डिहाइड्रेशन कई बार और भी बड़ी समस्याओं को जन्म देने लगता है. पानी की कमी की वजह से कई तरह के संक्रमण का खतरा बढ़ने लगता है. खासकर इससे महिलाओं में यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (यूटीआइ) की समस्या होने आम बात है. इससे बचने के लिए महिलाओं को ज्यादा से पानी पीने की आदत डालनी चाहिए और अपने जेनिटल हाइजीन का भी खास ख्याल रखना चाहिए.
गर्मी के मौसम में वजाइनल बर्न की समस्या भी काफी आम हो जाती है. हालांकि, ऐसा बैक्टीरियल इन्फेक्शंस की वजह से हो सकता है, लेकिन ज्यादातर मामलों में यह पानी की कमी के कारण ही देखने को मिलता है. जो महिलाएं कैफीन का सेवन ज्यादा मात्रा में करती हैं, उन्हें डिहाइड्रेशन का खतरा और भी ज्यादा होता है. कैफीन हमारे शरीर में जाने के बाद शरीर में मौजूद पानी को सोख लेता है. इस वजह से यूरिन ज्यादा कन्सन्ट्रेट हो जाता है और उसका रंग भी गहरा होने लगता है. ऐसा कोई भी लक्षण दिखने पर अपने डायट में लिक्विड की मात्रा तुरंत बढ़ा देनी चाहिए. साथ ही गर्मी के मौसम में जहां तक संभव हो चाय या कॉफी का सेवन कम से कम करना चाहिए.
महिलाओं की स्किन काफी सेंसिटिव होती है. इस वजह से गर्मी में उन्हें स्किन से जुड़ी समस्याओं का सामना ज्यादा करना पड़ता है. खासकर टाइट अंडर गारमेंट्स की वजह से बिकनी लाइन रैशेज की समस्या लगभग हर महिला को झेलनी पड़ती है. पसीना इस एरिया में ज्यादा तेजी से इकट्ठा होता है और फिर सूख भी नहीं पाता है. इस वजह से स्किन में रैशेज आने लगते हैं. इससे बचने के लिए कॉटन के लाइट और ढाले कपड़े पहनने की कोशिश करें. महिलाओं के लंबे बाल बंधे होने के की वजह से उनके बालों में भी काफी सारा पसीना इकट्ठा होने लगता है, जिससे बाल काफी चिपचिपे हो जाते हैं. इससे स्कैल्प में खुजली और रूसी के साथ हेयरफॉल की परेशानी भी बढ़ने लगती हैं. इसलिए इस मौसम में बालों को हर दो-तीन दिन में धोते रहना चाहिए.
गर्मियों में सनबर्न की वजह से स्किन में खुजली, जलन, सूजन जैसी समस्याएं भी होने लगती हैं. इनसे बचने के लिए सीधे धूप के संपर्क में आने से बचना चाहिए. अगर धूप में जाना ही हो, तो शरीर को अच्छी तरह ढंक कर निकलना चाहिए. बाहर निकलते समय सनस्क्रीन का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए. हीट रैशेज से बचने के लिए दिन में कम से कम दो बार जरूर नहाएं.
हॉट फ्लैशेज की समस्या ज्यादातर उन महिलाओं में देखने को मिलती है, जो मेनोपॉज के दौर से गुजर रही होती हैं. इसमें चेहरे, गर्दन और छाती के आसपास के एरिया में अचानक तेज गर्मी सी महसूस होने लगती है. इसके अलावा थकान, धड़कनों का असामान्य हो जाना, अपर बॉडी में अचानक तेज पसीना आने लगना जैसी चीजें देखने को मिलती हैं. गर्मियों में ये समस्या और बढ़ जाती है. इससे बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा हेल्दी लिक्विड जैसे नारियल पानी, मौसमी फलों का जूस आदि पीते रहना चाहिए.
गर्मी में हमेशा फ्रेश और हेल्दी खाना ही खाना चाहिए. अक्सर महिलाएं रात का बचा बासी खाना खुद ही खा लेती हैं, लेकिन गर्मी के मौसम में खाना जल्दी खराब होने लगता है. इसलिए देर का बना खाना खाने से बचना चाहिए. इससे पेट का इंफेक्शन और डायरिया होने का खतरा रहता है.
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इस दौरान महिला के शरीर में खून की मात्रा 50 फीसदी तक बढ़ जाती है. बढ़ी मात्रा को संभालने के लिए खून की नसें थोड़ी फैल जाती हैं और खून सतह की तरफ आ जाता है. इस वजह से प्रेग्नेंसी में गर्मी थोड़ी ज्यादा ही लगती है.नतीजतन हमेशा कुछ ठंडा खाने या पीने का मन करता है, लेकिन प्रेग्नेंसी के दौरान ज्यादा ठंडी चीजें खाने से सूजन की समस्या हो सकती है. ऐसे में कैलोरी और चीनी वाले ड्रिंक्स या आइसक्रीम खाने की बजाय केले या खीरे को ठंडा करके खाएं. पीनट बटर या फलों में ठंडा दही मिला कर खाने से भी गर्मी से काफी राहत मिलेगी. ये स्वास्थ्य के लिए भी काफी अच्छा है.
बातचीत व आलेख :
पूजा कुमारी