आपको यह तो पता होगा कि हनुमान जी अपनी शक्तियों को कई बार भूल जाते थे. जब उन्हें कोई याद दिलाता, तब वे फिर से अपनी शक्ति के साथ किसी पुण्य कार्य में जुट जाते थे. इसी प्रकार कई बार आपको पता नहीं होता कि आप कितनी स्मार्ट हैं. हो सकता है अपनी कुछ आदतों के कारण आप खुद को दूसरों से पिछड़ा हुआ महसूस करती हों, लेकिन व्यवहार विशेषज्ञों और मनोविज्ञानियों ने कुछ ऐसी आदतों व गुणों का पता लगाया है जिनका किसी व्यक्ति में होना स्मार्टनेस की पहचान है. आप भी नजर डालें और जानें कि आप कितनी स्मार्ट हैं.
कई बार जब कोई व्यक्ति अपने विचारों के साथ दूसरों के विचारों को भी सही और महत्वपूर्ण बताता है, तो लोग उसे असमंजस या दुविधा में पड़ा हुआ या अधूरी समझ वाला व्यक्ति मान लेते हैं. जबकि, अपने ही विचारों को सही और महत्वपूर्ण नहीं मानते हुए दूसरों के विचारों को भी महत्व देने वाला व्यक्ति वैज्ञानिकों की नजर में स्मार्ट माना गया है.
यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिलवेनिया के वैज्ञानिकों द्वारा किये गये अध्ययन के मुताबिक, चीजों को दूसरे लोगों के नजरिये से देखने वाले और दूसरों के विचारों को भी तवज्जो देने वाले लोग स्मार्ट और इंटेलिजेंट होते हैं. ऐसे लोग किसी मुद्दे पर अलग-अलग विचारों को सुनना पसंद करते हैं और उनसे कुछ सीखना चाहते हैं. स्मार्ट लोग हमेशा नये विचारों का स्वागत करते हैं और अपने से भिन्न विचार रखने वालों का भी सम्मान करते हैं.
हो सकता है कि आपकी चॉकलेट खाने की आदत को लेकर कभी कोई आपको छोटा बच्चा या अबोध बालक बता देता हो या कह देता हो कि अभी आप बचपन से निकल नहीं पाये, पर यूनिवर्सिटी ऑफ रोम के शोधकर्ताओं की मानें, तो चॉकलेट खाने से कई ब्रेन फंक्शंस इंप्रूव होते हैं जैसे मेमोरी, अटेंशन और प्रोसेसिंग स्पीड. चॉकलेट खाने के शौकीन लोगों का दिमाग एक्टिव और शार्प होता है.
कम मात्रा में नियमित चॉकलेट खाने से बौद्धिक क्षमता में भी दीर्घकालीन इजाफा होता है. चॉकलेट फ्लेवेनॉल नामक कंपाउंड होते हैं, जो कॉग्निटिव परफॉर्मेंस करते हैं. इसलिए अगर आप चॉकलेट खाते हैं, तो आपको अपराध बोध महसूस करने की जरूरत नहीं.
शायद आप चौंक गयी होंगी कि यह तो सुस्त और ढीले लोगों का लक्षण है. स्मार्ट लोग तो फटाफट काम कर डालते होंगे. नहीं ! विशेषज्ञों ने अपने कई अध्ययनों में पाया है कि स्मार्ट लोग किसी भी काम को करने या किसी निर्णय पर पहुंचने से पहले भली-भांति उसके हर पहलू पर विचार करते हैं. कुछ ऐसे लोगों के उदाहरण देखते हैं जिन्होंने ऐसा काम किया हो और सारी बातों को समझने के बाद ही काम करते हैं. इस संबंध में वे दूसरों की सलाह लेने में भी नहीं हिचकते. जाहिर है उन्हें किसी काम को करने में थोड़ा-सा वक्त जरूर लगता है, लेकिन उस काम को वे अच्छी तरह करते हैं.
अगर आप कोई गंभीर काम करने के लिए शांत माहौल पसंद करती हैं और इसके लिए कोई आपको ताने सुनाता है, तो उसे ज्यादा महत्व न दें. क्योंकि, आपकी यह आदत चार्ल्स डार्विन, फ्रेंज काफ्का और एंटन चेखोव जैसी कई महान हस्तियों से मिलती-जुलती है. मनोविज्ञानियों का मानना है कि स्मार्ट और इंटेलिजेंट लोग किसी भी कार्य को पूरी एकाग्रता और लगन से करना पसंद करते हैं. इसके लिए वे अपने दिमाग को काम के वक्त जरा भी डिस्टर्ब नहीं होने देते. वे अपना काम पूरी ईमानदारी और परिपूर्णता से करना चाहते हैं.
कोई व्यक्ति आपसे कुछ कहना चाह रहा हो, लेकिन उसका वाक्य अधूरा हो. वह शायद सही शब्द तलाश रहा हो और इस बीच आपने उसकी बात को समझ लिया और वाक्य खुद ही पूरा कर दिया. अगर आप में यह गुण है, तो मनोविज्ञानी आपको स्मार्ट मानते हैं. दूसरों के मन की बात को समझना और उनके भाव को सही तरह से प्रस्तुत कर देने की क्षमता स्मार्ट लोगों में ही होती है. ऐसे लोग ना सिर्फ लोकप्रिय होते हैं ,बल्कि अपने फील्ड में सफलता भी जल्दी हासिल करते हैं.
नासमझ व्यक्तियों का खुद की इच्छाओं और भावनाओं पर नियंत्रण नहीं रहता. वे अक्सर दूसरों के बहकावे में आकर फिजूलखर्ची कर देते हैं या जरा से उकसावे में ही किसी से लड़ बैठते हैं. जबकि, स्मार्ट और इंटेलीजेंट लोगों का खुद पर नियंत्रण रहता है. वे कठिन परिस्थिति या क्रोध में भी बेकाबू नहीं होते. साइकोलॉजिकल साइंस में प्रकाशित अध्ययन के नतीजों में यह बात कही गयी है. येल व दूसरी यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता विभिन्न समूहों के तुलनात्मक अध्ययन के बाद इस नतीजे पर पहुंचे हैं