Socrates Quotes: सुकरात को विश्व के महान दार्शनिकों में माना जाता है और उनके दिए गए उपदेशों को लोग आज भी बहुत महत्व देते हैं. सुकरात एक प्राचीन यूनानी दार्शनिक थे. जिनके जीवन काल को एक रहस्य माना जाता है. सुकरात ने कभी-भी किसी ग्रंथ की रचना नहीं की थी, लेकिन उनके शिष्यों के द्वारा लिखे गए ग्रंथों में उनके विचारों का कई बार जिक्र किया गया है, जो प्रश्न और उत्तर की शैली में लिखें गए हैं. सुकरात के विचारों का लोगों के बीच इतने प्रचलित होने का एक कारण यह भी है कि उनके विचारों में बहुत सटीकता है, जिसे लोगों को मार्गदर्शन प्राप्त होता है. इस लेख में आपको यह बताया जा रहा है कि सुकरात के विचारों में दोस्ती का क्या महत्त्व है और सुकरात के अनुसार दोस्ती के रिश्ते और दोस्त में किन गुणों का होना आवश्यक है.
मित्रता करने में जल्दबाजी ना करें
मित्रता के बारे में सुकरात का यह मानना है कि यह एक ऐसा रिश्ता होता है, जिसमें व्यक्ति को धैर्य के साथ काम लेना चाहिए और किसी के भी साथ मित्रता करने में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए, क्योंकि मित्र एक ऐसा व्यक्ति होता है, जिससे व्यक्ति अपनी सारी दुख की बातें करता है, उसे अपनी कमजोरियों के संबंध में भी बतलाता है, इसलिए मित्र का भरोसेमंद होना बहुत जरूरी होता है.
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मित्रता को मजबूती से निभाएं
सुकरात का ऐसा मानना है कि अगर आप किसी से एक बार मित्रता कर लेते हैं तो उसे हर हाल में मजबूती से निभाने का भी समर्थ्य रखें. अपने दोस्त के हर सुख-दुख में उसका साथ देना, उसे सही-गलत के बीच अंतर समझाना एक अच्छे मित्र का सबसे बड़ा कर्तव्य होता है.
मित्रता पर स्थिर रहें
मित्रता के बारे में सुकरात कहते हैं कि अगर आपने एक बार किसी को अपना मित्र मान लिया है, तो उसके साथ अपने रिश्ते को लेकर स्थिर रहें और उसे कभी भी यह एहसास ना दिलाएं की वह अकेला है. एक बात मित्रता हो जाने पर इस रिश्ते को लेकर हमेशा अडिग रहे और इस रिश्ते को बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास करें.
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