Somwari in Sawan: सावन का महीना हिंदू धर्म में बेहद पवित्र और शुभ माना जाता है. यह महीना भगवान शिव की पूजा-अर्चना के लिए विशेष होता है, और भक्तगण बड़े उत्साह से इस दौरान शिवजी की आराधना करते हैं. सावन में आने वाले प्रत्येक सोमवार को ‘सावन की सोमवारी’ कहा जाता है, जिसमें शिवभक्त उपवास रखते हैं और विशेष पूजा करते हैं. लेकिन सावन की अंतिम सोमवारी का महत्व सबसे अधिक होता है. आइए जानते हैं कि क्यों इस दिन की पूजा इतनी महत्वपूर्ण मानी जाती है और 2024 में यह खास तिथि कब आएगी.
सावन का महीना और उसकी महत्ता
सावन का महीना बारिश के आगमन के साथ आता है, और इसे प्रकृति के नवजीवन का समय भी माना जाता है. हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह समय भगवान शिव की आराधना के लिए उत्तम होता है. शिवपुराण में बताया गया है कि इस महीने में शिवजी की उपासना करने से भक्तों को उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है और उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
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सावन की सोमवारी का धार्मिक महत्व
सावन के प्रत्येक सोमवार को शिव भक्त शिवलिंग पर जल, दूध, और बेलपत्र चढ़ाकर उनकी पूजा करते हैं. इस दिन उपवास रखने और भगवान शिव की आराधना करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं. माना जाता है कि सावन के सोमवार के उपवास से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों को आशीर्वाद देते हैं. 2024 में, सावन की आखिरी सोमवारी 19 अगस्त को पड़ेगी. इस दिन शिव भक्त विशेष उपवास रखते हैं और भगवान शिव के मंदिरों में जाकर विशेष पूजा करते हैं।
पूजा विधि
आखिरी सोमवारी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए. इसके बाद पूजा स्थान पर जाकर शिवलिंग पर जल और दूध चढ़ाना चाहिए. बेलपत्र, धतूरा, और आक के फूल भी शिवलिंग पर अर्पित करें. अगर मंदिर नहीं जा सकते, तो घर पर ही भगवान शिव की प्रतिमा या तस्वीर के सामने पूजा करें. इस दिन मंत्रों का जाप और भगवान शिव की आरती भी की जाती है.
आखिरी सोमवारी का फल
आखिरी सोमवारी का उपवास और पूजा भक्तों को विशेष फल प्रदान करती है. इस व्रत को रखने से व्यक्ति के जीवन में शांति और सुख-समृद्धि आती है. भगवान शिव की कृपा से जीवन की सारी बाधाएं दूर होती हैं और सभी इच्छाएं पूरी होती हैं. जो भक्त पूरे सावन का व्रत नहीं रख पाते, वे केवल आखिरी सोमवारी का व्रत रखकर भी भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं.