छात्र ने पढ़ाई के लिए बनाया ‘सीख’ एप
बेंगलुरु (कर्नाटक) के बेथनी हाइ स्कूल का विद्यार्थी 'मानस बाम' अपने अनूठे एप के कारण न सिर्फ कर्नाटक, बल्कि देश के कई राज्यों में गरीब छात्रों का चहेता दोस्त बन चुका है. देश के किसी भी हिस्से में रहने वाले गरीब बच्चे मुफ्त में ट्यूशन पढ़ाने वाले शिक्षकों से जुड़ सकते हैं.
गरीब बच्चे ट्यूशन पढ़ने के लिए पैसे कहां से लायेंगे? मानस बाम को यह चिंता हमेशा सताती थी, लेकिन वह आम बच्चों की तरह सिर्फ चिंता करके नहीं रह गया. उसने एक संगठन शुरू किया और ‘सीख (SEEKH)’ एप बना डाला. इसके माध्यम से देश के किसी भी हिस्से में रहने वाले गरीब बच्चे मुफ्त में ट्यूशन पढ़ाने वाले शिक्षकों से जुड़ सकते हैं. छात्र जरूरी विषयों के ट्यूशन के लिए वीडियो कॉलिंग का सहारा ले सकते हैं. वर्तमान में इस एप से 50 से ज्यादा टीचर और सैकड़ों स्टूडेंट जुड़ चुके हैं और यह देश के 15 राज्यों में विस्तार पा चुका है.
तकनीक से है दोस्ती
मानस को टेक्नोलॉजी की दुनिया में खोये रहने में मजा आता है. उसका कहना है कि इसके माध्यम से घर बैठे बहुत सारे काम किये जा सकते हैं, जो आज के समय की जरूरत है. इससे समय, पैसे और ऊर्जा की बचत होती है. मानस मशीन लर्निंग के कांसेप्ट को भी विस्तार देना चाहता है. मानस आगे चलकर ऐसा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम विकसित करना चाहता है, जो सभी जरूरी मूलभूत कार्यों को अंजाम दे सके. मानस का कहना है कि बच्चों को शुरू से ही कोडिंग और प्रोग्रामिंग जैसी जरूरी चीजें सिखा देनी चाहिए, ताकि वे कंप्यूटर के उपयोग और उसे रख-रखाव में पारंगत हो सकें.
डिजिटल वर्ल्ड के फेक गुरुओं से सावधान!
आजकल की डिजिटल होती दुनिया में सबसे लोकप्रिय गुरु गूगल गुरु बने हुए हैं. जिन समस्याओं का समाधान बड़े-बड़े ज्ञाताओं के पास नहीं है, गूगल गुरु उस समस्या का हल मिनटों में तुम्हारे सामने हाजिर कर देते हैं. वे सिर्फ गुरु ही नहीं, बल्कि ज्ञान की खान हैं. बस एक क्लिक पर तुम्हें आउटपुट मिलता है. आधुनिक जमाने में कहा जाता है कि गूगल इस द वे ऑफ लाइफ. माना कि इस गुरु से ज्ञान प्राप्त करना आसान है, पर वास्तविकता यह है कि इससे प्राप्त ज्ञान सदैव सही नहीं होते. अत: गूगल से मिली जानकारी की सत्यता को किसी और माध्यम से भी अवश्य जांच कर लो, नहीं तो लेने के देने पड़ सकते हैं. गूगल गुरु कभी भी एक शिक्षक का विकल्प नहीं बन पायेगा.
व्हाट्सएप गुरु : भरोसेमंद नहीं यह गुरु
पिछले कुछ समय से गूगल गुरु से भी तेजी से व्हाट्सएप गुरु सुबह से रात तक ज्ञान बांटते रहते हैं. इसके माध्यस से तो बिन मांगे ज्ञान की बरसात होती रहती है. गुड मॉर्निंग, जोक्स, गुड इवनिंग मैसेज से लेकर कभी किसी बीमारी के नुस्खे, तो कभी सामाजिक, आर्थिक या मानसिक परेशानियों के हल. कभी किसी बाबा का चमत्कार, तो कभी धर्म संबंधी भड़काउ व उलटी-सीधी बातें तुम्हारे स्मार्टफोन तक पहुंच जाती है. तुम्हें ऐसी बातों से सावधान रहना चाहिए. किसी भी बीमारी के नुस्खे अपनाने के पहले डॉक्टर की सलाह जरूरी होती है. उसी तरह अपनी अन्य परेशानियों के समाधान के लिए व्हाट्सएप से मिली जानकारी की जगह बड़े-बुजुर्गों की सलाह में ही समझदारी है.