Success Story: कांच के कचरे को एक आइडिया के सांचे में ढाल खड़ा कर दिया खुद का कारोबार

आमतौर पर उपयोग के बाद कांच की बोतलों को लोग फेंक देते हैं, जो पर्यावरण के लिए नुकसानदायक है. अगर कांच की बोतल से कुछ कलात्मक चीजें बना दी जायें, तो न केवल पर्यावरण, बल्कि घर की शोभा भी बढ़ेगी और पैसे भी बचेंगे. इसी सोच के साथ रेंजीनी थॉमस ने अपना स्टार्टअप शुरू किया, जिसे खूब सराहना भी मिल रही है.

By Prabhat Khabar News Desk | September 24, 2023 2:30 PM
an image

सौम्या ज्योत्सना

दुबई से फाइनेंस में उच्च शिक्षा हासिल कर अपने देश आनेवाली केरल की रेंजीनी थॉमस ने नौकरी करने की बजाय खुद का कारोबार शुरू करने का फैसला लिया. अपने आइडिया के बारे में रेंजीनी बताती हैं, “जब मैं दुबई में थी, तो मैंने कभी भी इस बारे में नहीं सोचा था, लेकिन जब मैं भारत आयी और यहां इतना सारा कचरा पैदा होते देखा, तो सोचा कि क्यों ना इससे कुछ अलग खड़ा किया जाये.” साल 2021 में शुरू किये गये अपने स्टार्टअप वापासी (Vapasee) के जरिये 21,000 से अधिक कांच की बोतलों को घरेलू सजावट और कलात्मक चीजों में बदल दिया है. इसमें लैंप, साइड टेबल सजावट, वॉल हैंगिंग, पैलेट, घड़ियां और भी बहुत कुछ शामिल हैं.

और शौक ने दिलायी अलग पहचान

दुबई से कोच्चि लौटने के बाद रेंजीनी ने शादी के बाद सोचा कि क्यों न अपने शौक को समय दिया जाये और कुछ ऐसा बनाया जाये, जो पर्यावरण के लिए सुरक्षित हो. वे बताती हैं, “हालांकि, मुझे शुरू से कलात्मक चीजें बनाने का शौक है. भले ही मैंने फाइनेंस की पढ़ाई की है, मगर मैंने विमानन और मीडिया उद्योग में काम किया है. बचपन में भी मुझे आर्ट एंड क्राफ्ट में बहुत रुचि थी. लेकिन तब इसे महज एक शौक के रूप में देखती थी. पता नहीं था कि यही मेरी पहचान बन जायेगा.”

उन्होंने आगे बताया, “मेरे पति भी एक कलाकार हैं, इसलिए मुझे काफी एक्सपोजर मिला. उनके पास एक स्टूडियो है, जहां वे फिल्मों के लिए म्यूजिक तैयार करते हैं, लेकिन दुबई में हालात बिल्कुल अलग थे. मेरे आस-पास के लोग कला में बहुत अधिक रुचि नहीं रखते थे. मैं भी अपने 9 से 5 के शेड्यूल से थोड़ी थक गयी थी. हालांकि, भारत आने के बाद अपनी कला को जीने का नया मौका मिला. अपने चित्रों को प्रदर्शनी में शामिल किया, जिसे लोगों से खूब सराहना मिली.”

इस तरह हुई स्टार्टअप की शुरूआत

रेंजीनी के अनुसार, असल में कांच के कचरों के ढेर के बारे में तब पता चला, जब वे अपने पति के साथ उनकी स्टूडियो के लिए स्क्रैप डीलरों के पास जाती थीं, जहां कचरा का ढेर पड़ा रहता था. यहीं उनकी कलात्मक प्रवृत्ति जागृत हुई और उन्होंने स्क्रैप डीलरों के पास पड़े भारी मात्रा में कांच के कचरे का उपयोग करने का फैसला किया. उन्होंने कहा, “स्क्रैप डीलरों को मिलने वाली कुछ सामग्रियां बहुत अधिक कीमत में बिकती थीं, जैसे कि तांबा. लेकिन कुछ उनके किसी काम की नहीं थीं. वे सामग्रियां लैंडफिल में ही समाप्त हो जाती थीं. कांच भी उनमें से एक था, इसलिए स्क्रैप डीलरों ने इसे मुझे मुफ्त में दे दिया.

मैंने टायर के रिम, बाल्टियां, गिलास और टिन के डिब्बे जैसी चीजें भी इकट्ठा करना शुरू कर दिया. इनसे अपने घर और दोस्तों के लिए सजावटी सामान बनाये, जिसे लोगों ने काफी पसंद किया. इसके बाद दोस्तों और आसपास से ऑर्डर मिलने शुरू हुए और यहीं से स्टार्टअप की शुरुआत हुई. कांच के अलावा 5,000 से अधिक नारियल के गोले, 800 किलोग्राम से अधिक लकड़ी और 500 किलोग्राम से अधिक धातु के कचरे को रीसाइकल करके घरेलू सजावट की वस्तुएं और कलाकृतियां बना चुकी हूं. अब तक 5,000 से अधिक सजावटी उत्पाद बेच चुकी हूं. रेंजीनी अब सोशल मीडिया के जरिये इस काम को विस्तार देने में जुटी हैं. इस काम से न सिर्फ कमाई हो रही है, बल्कि पर्यावरण को संवारने में भी योगदान दे रही हूं.

Also Read: Daughter’s Day 2023: बेटियों को पंख दें…वे भर सकती हैं ऊंची उड़ान

Exit mobile version