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यहां से हर 90 मिनट में सूर्योदय-सूर्यास्त आता है नजर, जानें ये खास बात

Sunrise and sunset : अंतरिक्ष में होने वाली घटनाएं लोगों के मन में उत्सुकता जगाती हैं और लोग चाहते थे कि उनके सवालों का जवाब अंतरिक्ष से हाल में लौटे अंतरिक्ष यात्री दें.

By Prabhat Khabar News Desk | November 16, 2021 9:05 AM

धरातल से 250 मील की ऊंचाई पर चक्कर लगा रहा इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आइएसएस) हर 90 मिनट में पृथ्वी का एक चक्कर पूरा करता है और इसमें मौजूद अंतरिक्ष यात्री हर 90 मिनट में सूर्योदय-सूर्यास्त देखते हैं. बात अगर पूरे दिन की हो, तो अंतरिक्ष यात्री रोज 16 सूर्योदय और इतने ही सूर्यास्त देखते हैं. ये सारी बातें सोशल मीडिया पर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन ने ट्विटर यूजर्स के सवालों का जवाब देते हुए बताया.

इस स्पेस स्टेशन के दो अंतरिक्ष यात्री (जापान के अकिहिको होशाइड और फ्रांस के थॉमस पेसक्वेस्ट) हाल ही में लगभग सात घंटे तक स्पेसवॉक के बाद स्पेस स्टेशन पर लौट आये थे. बता दें कि अंतरिक्ष में होने वाली घटनाएं लोगों के मन में उत्सुकता जगाती हैं और लोग चाहते थे कि उनके सवालों का जवाब अंतरिक्ष से हाल में लौटे अंतरिक्ष यात्री दें. एक ऐसा ही बेहतरीन आयोजन हाल में ट्विटर पर हुआ. बातचीत के दौरान एक ट्विटर यूजर ने पूछा कि क्या दोनों एस्ट्रोनॉट को उनके स्पेस सूट के तापमान में कोई फर्क महसूस हुआ.

इसके जवाब में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के ट्विटर हैंडल से ऐसा जवाब दिया गया, जिसने सभी को हैरान कर दिया. जवाब में लिखा गया, स्पेसवॉकर हर 90 मिनट में सूर्योदय और सूर्यास्त का अनुभव करते हैं और यूजर पूछ रहे हैं कि क्या दोनों एस्ट्रोनॉट अपने सूट में तापमान में अंतर महसूस करते हैं. मिशन की एक और खूबी रही कि दोनों एस्ट्रोनॉट एक सपोर्ट ब्रैकेट को इंस्टॉल करने बाहर निकले थे, इसी के साथ उन्होंने अपना मिशन सफलतापूर्वक पूरा कर लिया.

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सूर्य के प्रकाश को परावर्तित करता है आइएसएस: आइएसएस सूर्य के प्रकाश को परावर्तित करता है जिस कारण यह धरती से भी दिखायी देता है. लेकिन, आइएसएस चंद्रमा की तरह चमकीला नहीं है और यह इतना चमकीला नहीं है कि इसे दिन के समय देखा जा सके. अगर आप सही वक्त पर सही जगह मौजूद हैं, तो आप रात के वक्त खुली आंखों से आइएसएस को अंतरिक्ष में विचरण करते देख सकते हैं. इसकी पहचान भी आसान है क्योंकि यह शुक्र और चंद्रमा के बाद आसमान में तीसरी सबसे चमकीली वस्तु है.

जानें ये खास बात

-नासा की वेबसाइट ‘स्पॉट द स्टेशन’ की मदद से लगा सकते हैं आइएसएस की स्थिति का पता

-अपनी जगह का उल्लेख करने पर, यह बता देगी कि यह स्टेशन कब आपके ऊपर से गुजरेगा

-सूर्योदय और सूर्यास्‍त के समय आइएसएस पर 250 डिग्री फॉरेनहाइट तक होता है तापमान में अंतर

-20 नवंबर, 1998 को प्रक्षेपित किया गया था आइएसएस

-7.66 किमी/सेकेंड की रफ्तार से पृथ्वी का लगा रहा है चक्कर

Posted By : Amitabh Kumar

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