साल के पहले सूर्य ग्रहण के समाप्त होने के बाद इस वर्ष साल 2023 में पहला चंद्र ग्रहण 5 मई 2023 शुक्रवार के दिन लगने जा रहा है.
सूर्य ग्रहण सुबह 07 बजकर 04 मिनट से शुरू हुआ और यह दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर समाप्त हुआ.
हिंदू धर्म में ग्रहण को बेहद महत्वपूर्ण माना गया है. इसमें भगवान की पूजा, ठोस और तरल भोज्य पदार्थ खाना, भोजन पकाना, घर से बाहर निकलना, मांगलिक या शुभ कार्य और उससे संबंधित खरीदारी नहीं करने की सलाह दी जाती है. ऐसा करने पर दोष लगता है. सूर्य ग्रहण और सूतक काल में धार्मिक और शूभ कार्य करना वर्जित होता है.
सूर्य ग्रहण के समय सूर्य को नग्न आंखों से नहीं देखना चाहिए, साथ ही किसी मंदिर या धार्मिक स्थान पर प्रवेश ना करें. किसी मूर्ति को ना छुएं. तेल मालिश वर्जित होती है, बाल या नाखून भी नहीं काटने चाहिए.
#SolarEclipse2023
— Walter Verst (@WalterVerst) April 20, 2023
Así se registró el #EclipseSolar en #Exmouth, #Australia.
Hermoso momento!!!! pic.twitter.com/DII8a2s1Pl
साल 2023 का पहला सूर्य ग्रहण लग चुका है. यह ऑस्ट्रेलिया में देखा जा रहा है. यह भारत में नहीं दिखेगा लेकिन अमेरिका, जापान, चीन में इसे देखा जा रहा है. यह एक कंकणाकृति सूर्य ग्रहण है जिसे मिश्रित सूर्य ग्रहण भी कहा जाता है. ज्योतिष में ग्रहण को अशुभ घटनाओं में गिना जाता है.
आज इस साल का पहला सूर्य ग्रहण आज यानी वैशाख अमावस्या के दिन लग रहा है. यह सूर्य ग्रहण सुबह 07 बजकर 04 मिनट से शुरू हुआ है और यह दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक रहेगा. इस सूर्य ग्रहण की कुल अवधि पांच घंटे 24 मिनट तक रहेगी.
पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य ग्रहण विशेष तौर पर गर्भवती महिलाओं और उनके गर्भ में पल रहे बच्चों के लिए अशुभ होता है. चूंकि जानकारों का मानना है कि इस दौरान बुरी शक्तियां काफी ज्यादा सक्रिय होती हैं. ऐसे में यदि को महिला गर्भवती है तो सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2022) के दौरान विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है.
हिंदू धर्म में ग्रहण को बेहद महत्वपूर्ण माना गया है. इसमें भगवान की पूजा, ठोस और तरल भोज्य पदार्थ खाना, भोजन पकाना, घर से बाहर निकलना, मांगलिक या शुभ कार्य और उससे संबंधित खरीदारी नहीं करने की सलाह दी जाती है. ऐसा करने पर दोष लगता है. सूर्य ग्रहण और सूतक काल में धार्मिक और शूभ कार्य करना वर्जित होता है.
मेष राशि के जातकों पर इस ग्रहण का सबसे अधिक प्रभाव पड़ेगा. इसके अलावा सिंह, कन्या, वृश्चिक और मकर राशि के जातकों पर भी इस सूर्य ग्रहण का प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है. वहीं साल का पहला सूर्य ग्रहण वृष, मिथुन, धनु और मीन राशि वालों के लिए बेहद शुभ रहेगा. मेष राशि: साल का पहला सूर्य ग्रहण मेष राशि में लग रहा है.
Update
— yυnnα ; yukenkolmiYun🦕 (@younnaneun) April 20, 2023
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Sunrise today from the Exmouth Gulf #SolarEclipse2023 pic.twitter.com/0FbIkYsnXf
— Chris Lewis (@a_film_maker) April 19, 2023
सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य अपनी उच्च राशि मेष में मौजूद रहेंगे. वहीं सूर्य साथ मेष राशि में ही राहु विराजमान होंगे. इसके अलावा मेष राशि में बुध और मिथुन राशि में मंगलदेव होंगे. वैदिक ज्योतिष शास्त्र में मंगल ग्रह को मेष जबकि बुध ग्रह को मिथुन राशि का स्वामी माना गया है. इस तरह से मंगल और बुध के एक दूसरे की राशि में होने से ग्रहण योग का निर्माण हो रहा है. ग्रहण योग बहुत ही अशुभ माना जाता है. ऐसे में यह कुछ राशि के जातकों के लिए अशुभ हो सकता है.
शास्त्रों में ग्रहण की घटना को शुभ नहीं माना जाता है. जब भी ग्रहण की घटना होती है तब कुछ इसका नकारात्मक प्रभाव जरूर पड़ता है. आज लगने वाले साल के पहले सूर्य ग्रहण पर कुछ अशुभ संयोग भी बनेगा.
ग्रहण सुबह 07 बजकर 4 मिनट से शुरू हुआ है जो दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर खत्म हो होगा. भारत में इसके नहीं दिखने के कारण सूतक काल मान्य नहीं है.
आज वैशाख माह की अमावस्या तिथि है और आज के दिन साल का पहला सूर्य ग्रहण शुरू हो चुका है. भारतीय समयानुसार ग्रहण सुबह 07 बजकर 04 मिनट से आरंभ हो चुका है.
साल का पहला सूर्य ग्रहण शुरू हो चुका है. भारतीय समय के अनुसार आज सुबह करीब 07 बजकर 04 मिनट से सूर्य ग्रहण शुरू हो चुका है. यह सूर्य ग्रहण बहुत ही खास है क्योंकि एक साथ आपको आंशिक, पूर्ण और कुंडलाकार सूर्य देखने को मिलेगा.
धार्मिक शास्त्रों में के अनुसार सूर्य ग्रहण के दौरान कुछ भी नहीं खाना चाहिए. स्कंद पुराण में भी उल्लेखित है कि सूर्य ग्रहण के दौरान भोजन करने से सेहत पर गलत असर पड़ता है. यह भी बताया गया है कि सूर्य ग्रहण के समय भोजन करने से सारे पुण्य और कर्म नष्ट हो जाते हैं. इसलिए ग्रहण के दौरान खाने पीने से परहेज करने की सलाह दी जाती है.
सूर्य ग्रहण सुबह 07 बजकर 05 मिनट पर शुरू हो चुका है. यह ग्रहण दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगा. सूर्य ग्रहण की कुल अवधि 5 घंटे 24 मिनट की रहने वाली है. यह ग्रहण वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को अश्विनी नक्षत्र में मेष राशि में लग रहा है.
सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है और पृथ्वी पर छाया डालता है. इस अवस्था में वो सूर्य के प्रकाश को पूरी तरह या आंशिक रूप से ढक लेता है. कंकणाकृति सूर्य ग्रहण मिला जुला सूर्य ग्रहण माना जाता है जिसमें ग्रहण एक कुंडलाकार सूर्य ग्रहण के रूप में शुरू होता है फिर धीरे-धीरे यह पूर्ण सूर्य ग्रहण में बदल जाता है और फिर वापस आकर कुंडलाकार सूर्य ग्रहण में बदल जाता है.
ऑस्ट्रेलिया में यह दिखना शुरू हो गया है. यह भारत में नहीं दिखेगा लेकिन बहुत सारे देशों में इसे देखा जा सकेगा. सूर्य ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पहले शुरू हो चुका है.
Time and Date: https://www.youtube.com/watch?v=ifILl7GeZpE
NASA: https://www.youtube.com/watch?v=S2U3a1xXv8k
Science Centre Singapore: https://www.youtube.com/watch?v=PoHyQNASZ4c
साल 2023 का पहला सूर्य ग्रहण कंबोडिया, चीन, अमेरिका, माइक्रोनेशिया, मलेशिया, फिजी, जापान, समोआ, सोलोमन, बरूनी, सिंगापुर, थाईलैंड, अंटार्कटिका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, वियतनाम, ताइवान, पापुआ न्यू गिनी, इंडोनेशिया, फिलीपींस, दक्षिण हिंद महासागर और दक्षिण प्रशांत महासागर जैसी जगहों पर दिखाई देगा. भारत के लोग लाइव स्ट्रीम के जरिए सूर्य ग्रहण का नजारा देख सकते हैं.
2023 का हाइब्रिड सूर्य ग्रहण शुरू हो गया है, और यह अपने आंशिक चरण में है जैसा कि ऊपर लाइव स्ट्रीम में ऑस्ट्रेलिया के एक्समोथ शहर के दक्षिण से देखा गया है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, आखिरी हाइब्रिड सूर्य ग्रहण नवंबर 2013 में हुआ था और अगला नवंबर 2031 में होने वाला है. उसके बाद, इंतजार वास्तव में लंबा होने वाला है – हाइब्रिड सूर्य ग्रहण 2031 के बाद मार्च 2164 में ही होने वाला है.
NASA और Timeanddate.com दोनों ने सूर्य ग्रहण के दीदार के लिए लाइव स्ट्रीम लिंक जारी किया है. इसके जरिए दुनिया भर के लोग इस अद्भुत खगोलीय घटना को देख सकेंगे. इसके अलावा आप ‘Royal Observatory Greenwich’ के यूट्यूब चैनल पर भी सूर्य ग्रहण को लाइव देख सकते हैं.
सूर्य ग्रहण सुबह 07 बजकर 05 मिनट पर शुरू हो चुका है. यह ग्रहण दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगा. सूर्य ग्रहण की कुल अवधि 5 घंटे 24 मिनट की रहने वाली है. यह ग्रहण वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को अश्विनी नक्षत्र में मेष राशि में लगेगा.
यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा. यह सूर्य ग्रहण चीन, अमेरिका, माइक्रोनेशिया, मलेशिया, फिजी, जापान, समोआ, सोलोमन, सिंगापुर, थाइलैंड, कंबोडिया, अंटार्कटिका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, वियतनाम, ताइवान, पापुआ न्यू गिनी, इंडोनेशिया, फिलीपींस, दक्षिण हिंद महासागर और दक्षिण प्रशांत महासागर जैसी जगहों पर दिखाई देगा.
आम तौर पर, सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच में आ जाता है, जिससे पृथ्वी की सतह पर एक छाया पड़ती है.
सूर्य ग्रहण के दौरान किसी भी नए काम की शुरुआत न करें, शुभ-मांगलिक कार्य न करें, गर्भवती महिला घर से बाहर न निकलें, भोजन न करें और बहुत जरूरी न होने पर यात्रा न करें.
साल का पहला सूर्य ग्रहण मेष राशि, मिथुन राशि, कर्क राशि पर अशुभ प्रभाव डालेगा. मेष राशि वालों के वैवाहिक जीवन में विवाद बढ़ने की संभावना है. धन हानि के योग हैं, संभलकर रहें. मिथनु राशि वालों पर सूर्य ग्रहण के अशुभ प्रभाव से आत्मविश्वास में कमी आएगी. कपल में विवाद बढ़ने की संभावना है. कर्क राशि के लोगों को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
ऑनलाइन देख सकते हैं सूर्य ग्रहण आप Timeanddate.com पर सूर्य ग्रहण को लाइव देख सकते हैं. ग्रहण की लाइव स्ट्रीमिंग वेबसाइट और YouTube चैनल दोनों पर होगी.
पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य ग्रहण विशेष तौर पर गर्भवती महिलाओं और उनके गर्भ में पल रहे बच्चों के लिए अशुभ होता है. चूंकि जानकारों का मानना है कि इस दौरान बुरी शक्तियां काफी ज्यादा सक्रिय होती हैं. ऐसे में यदि को महिला गर्भवती है तो सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2022) के दौरान विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है.
सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है, जिससे सूर्य की किरणें जीवनदायी ग्रह पर अवरुद्ध हो जाती हैं. हालांकि, चंद्रमा की छाया इतनी बड़ी नहीं है कि वह पूरी दुनिया को ढक सके, इसलिए छाया एक विशिष्ट क्षेत्र तक सीमित रहती है जो चंद्रमा और पृथ्वी की निरंतर गति के कारण बदलती रहती है. जबकि अधिकांश ग्रहण आंशिक रूप से ढके होते हैं, अन्य प्रकार के ग्रहण अंतरिक्ष में भी होते हैं. पूर्ण सूर्य ग्रहण पूरी छाया को उसी रूप में ढालता है, जब चंद्रमा सूर्य की डिस्क को पूरी तरह से ढक लेता है. आंशिक और वलयाकार ग्रहण केवल चंद्रमा द्वारा कवर सूर्य के एक हिस्से को ही देखते हैं.
ग्रहण के दौरान खाने-पीने की चीजों में तुलसी का पत्ता रख देने से उस पर ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ता. ग्रहण के सूतक शुरू होने से पहले लोगों को खाने-पीने की चीजों में खासकर अचार, मुरब्बा, दूध, दही और अन्य खाद्य पदार्थों में तुलसी का पत्ता रख देना चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से खाने की चीजों पर ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ता है.
सूर्य ग्रहण के दौरान धरती पर बुरी शक्तियों का प्रभाव बढ़ जाता है इसलिए ग्रहणकाल के समय तुलसी का प्रयोग घर की शुद्धि करने में मदद की जाती है. वहीं, मान्यता है कि तुलसी होने से ग्रहण के बाद आई सभी तरह की नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तुलसी दोषों का नाश करने वाली होती है, इसलिए नेगेटिव ऊर्जा खत्म करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है.
ग्रहण का मोक्ष यानी पूरा समय होने के बाद मकान, दुकान, प्रतिष्ठान की साफ सफाई कर अच्छे से धुलाई करें. संभव हो तो पूरे घर को नमक के पानी से धोएं. इसके बाद खुद भी स्नान कर देवी देवताओं को स्नान कराएं. इसके बाद खाद्य पदार्थों पर गंगाजल छिड़क कर उनको शुद्ध करें. ग्रहण के प्रभाव सभी तरह के ग्रहण यानि सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण पर लागू होते हैं.
20 अप्रैल को लगने वाला सूर्य ग्रहण सुबह 07 बजकर 05 मिनट पर लगेगा. यह ग्रहण दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगा. सूर्य ग्रहण की कुल अवधि 5 घंटे 24 मिनट की रहने वाली है. यह ग्रहण वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को अश्विनी नक्षत्र में मेष राशि में लगेगा. इस बार का सूर्य ग्रहण इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इस दिन वैशाख माह की अमावस्या भी है. इस दिन दान-पुण्य जैसे काम करना बेहद शुभ माना जाता है.
ग्रहण के दौरान सूर्य देवता की आराधना करनी चाहिए और ‘ॐ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्नो: सूर्य: प्रचोदयात’ मंत्र कगा जाप करना चाहिए, और इसी के साथ महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए, ग्रहण पर दान करना बेहद शुभ माता जाता है.
यदि जन्मकुंडली में कालसर्प दोष हो तो उसे दूर करने के लिए इस दिन भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए.इसके लिए शिवलिंग का अभिषेक करें एवं महादेव के मंत्रों का अधिकाधिक जप करें.
सूर्य ग्रहण तब लगता है, जब सूरज और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा आ जाता और वह सूर्य की रोशनी पृथ्वी पर आने से कुछ समय के लिए रोक देता है.
सूर्य ग्रहण गुरुवार सुबह 07:04 मिनट से शुरू होगा और दोपहर 12:29 मिनट पर ग्रहण समाप्त हो जाएगा. सूर्य ग्रहण की कुल अवधि 5 घंटे 24 मिनट की होगी.
धार्मिक की मान्यताओं के अनुसार सूर्य और चंद्र ग्रहण के वक्त भोजन पकाना और खाना नहीं करना चाहिए. पुराणों में माना जाता है कि जो व्यक्ति इस दौरान अन्न खाता है उसे नरक की यातनाएं भोगनी पड़ती हैं.
यह सूर्य ग्रहण मेष राशि में लगेगा. इसलिए मेष राशि वाले लोगों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. इसके साथ ही सूर्य पर राहु-केतु की दृष्टि होने के कारण वृषभ, कन्या, तुला, मकर और मीन राशि वालों की मुश्किलें भी ग्रहण के दौरान बढ़ सकती है.
तुलसीदल, जौ, गंगाजल, कुश और तिल ये पांच चीजें ग्रहण के दौरान भी पवित्र रहती हैं और इनका इस्तेमाल किया जा सकता है.
2023 में कुल चार ग्रहण पड़ेंगे, जिनमें दो चंद्र ग्रहण और दो सूर्य ग्रहण शामिल हैं. सूर्य ग्रहण देखते समय, सुरक्षा सावधानी बरतना महत्वपूर्ण है क्योंकि वे आंखों को स्थायी रूप से नुकसान पहुंचा सकते हैं और अंधेपन का कारण बन सकते हैं. नासा 14-शेडेड वेल्डिंग ग्लास, ब्लैक पॉलीमर या एल्युमिनाइज्ड माइलर जैसे उपयुक्त फिल्टर का उपयोग करने का सुझाव देता है. एक अन्य विकल्प दूरबीन के माध्यम से सूर्य को देखने के लिए एक टेलीस्कोप का उपयोग करना है.
हिंदू धर्म में ग्रहण को बेहद महत्वपूर्ण माना गया है. इसमें भगवान की पूजा, ठोस और तरल भोज्य पदार्थ खाना, भोजन पकाना, घर से बाहर निकलना, मांगलिक या शुभ कार्य और उससे संबंधित खरीदारी नहीं करने की सलाह दी जाती है. ऐसा करने पर दोष लगता है. सूर्य ग्रहण और सूतक काल में धार्मिक और शूभ कार्य करना वर्जित होता है.
साल 2023 का पहला सूर्य ग्रहण मेष और अश्विनी नक्षत्र में लग रहा है इससे मेष राशि के जातकों पर इसका सबसे ज्यादा प्रभाव दिखेगा. साल के पहले सूर्य ग्रहण में वृष राशि, धनु राशि, मीन राशि के जातकों के लिए शुभ रहेगा. धनु राशि वालों की धन में वृद्धि होगी, अटके काम पूरे होंगे. मीन राशि वालों को कार्य में सफलता मिलेगी, जबकि वृषभ राशि वालों को व्यापार में लाभ ही लाभ मिलेगा.
साल का पहला सूर्य ग्रहण मेष राशि, मिथुन राशि, कर्क राशि पर अशुभ प्रभाव डालेगा. मेष राशि वालों के वैवाहिक जीवन में विवाद बढ़ने की संभावना है. धन हानि के योग हैं, संभलकर रहें. मिथनु राशि वालों पर सूर्य ग्रहण के अशुभ प्रभाव से आत्मविश्वास में कमी आएगी. कपल में विवाद बढ़ने की संभावना है. कर्क राशि के लोगों को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
ऑनलाइन देख सकते हैं सूर्य ग्रहण आप Timeanddate.com पर सूर्य ग्रहण को लाइव देख सकते हैं. ग्रहण की लाइव स्ट्रीमिंग वेबसाइट और YouTube चैनल दोनों पर होगी.
साल का पहला सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा यह कंबोडिया, चीन, अमेरिका, माइक्रोनेशिया, मलेशिया, फिजी, जापान, समोआ, सोलोमन, बरूनी, सिंगापुर, थाईलैंड, अंटार्कटिका, ऑस्ट्रेलिया, वियतनाम, ताइवान, पापुआ न्यू गिनी, इंडोनेशिया, फिलीपींस, दक्षिण हिंद महासागर, दक्षिण प्रशांत सागर, और न्यूजीलैंड में आसानी से देखा जा सकेगा.
सूतक काल से ग्रहण काल के दौरान तक गर्भवती स्त्रियां चाकू, कैंची आदि किसी भी नुकीली चीज का इस्तेमाल न करें. न ही सिलाई-कढ़ाई करें.
सूर्य ग्रहण के दौरान वे घर से बाहर न निकलें. अपने पेट के हिस्से पर गेरू लगाएं. मान्यता है ऐसा न करने पर गर्भ में पल रहे बच्चे को नुकसान हो सकता है.
सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को सब्जी काटने या फिर अन्य किसी यंत्र का प्रयोग नहीं करना चाहिए, क्योंकि मान्यता है कि ऐसा करने पर बच्चे में शारीरिक विकृति आती है.
नासा का कहना है कि सूर्य ग्रहण को बिना आंखों की सुरक्षा के देखने से आंखों को स्थायी नुकसान हो सकता है जिससे अंधापन भी हो सकता है. इसलिए, सूर्य ग्रहण (solar eclipse) को देखने के लिए, ब्लैक पॉलीमर, एल्युमिनाइज्ड माइलर, या शेड नंबर 14 के वेल्डिंग ग्लास जैसे उचित फिल्टर का उपयोग किया जा सकता है. इसके अलावा, आप टेलीस्कोप द्वारा व्हाइटबोर्ड पर सूर्य की छवि को प्रक्षेपित करके आसानी से सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) देख सकते हैं.
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सूर्य ग्रहण गुरुवार सुबह 07:04 मिनट से शुरू होगा और दोपहर 12:29 मिनट पर ग्रहण समाप्त हो जाएगा. सूर्य ग्रहण की कुल अवधि 5 घंटे 24 मिनट की होगी.
सूर्य ग्रहण ग्रहण में नकारात्मक ऊर्जा तेजी से बढ़ती है. इसलिए इस दौरान खाने-पीने, पूजा-पाठ करने जैसे कई काम वर्जित माने जाते हैं.
यह सूर्य ग्रहण मेष राशि में लगेगा. इसलिए मेष राशि वाले लोगों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. इसके साथ ही सूर्य पर राहु-केतु की दृष्टि होने के कारण वृषभ, कन्या, तुला, मकर और मीन राशि वालों की मुश्किलें भी ग्रहण के दौरान बढ़ सकती है.
इस साल का पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल 2023 को वैशाख अमावस्या पर लगेगा. लेकिन इस ग्रहण को भारत में नहीं देखा जा सकेगा. इसलिए इसका सूतक मान्य नही होगा. ऐसे में स्नान, दान, पूजा, पितरो का पिंडदान-तर्पण आदि जैसे सभी कार्य किए जा सकेंगे.
20 अप्रैल को लगने वाला सूर्य ग्रहण बेहद खास रहने वाला है क्योंकि 19 साल बाद सूर्य ग्रहण मेष राशि में लगने जा रहा है. साथ ही ये सूर्य ग्रहण हाइब्रिड होगा क्योंकि यह तीन रूपों आंशिक, पूर्ण और कुंडलाकार में दिखेगा. ऐसा संयोग 100 साल बाद आया है जब एक ही ग्रहण में 3 ग्रहण का नजारा देखा जा सकेगा.