surya grahan 2020, date and time, grahan kab hai, sutak timing, solar eclipse 2020, sutak kaal ka samay, date and time : रविवार, 21 जून को लगने वाला सूर्यग्रहण अप्रत्याशित परिणामों का सृजन करेगा. आंतरिक शक्ति के विस्तार के लिए यह ग्रहणकाल कमाल का सिद्ध होगा. सूर्य राहू से ग्रसित और केतु व मंगल से दृष्ट है. यह स्थिति राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ी राजनैतिक साजिशों की चुगली कर रही है. मिथुन राशि में सूर्य, राहू, चंद्रमा व बुध चलायमान हैं. यह स्थिति आर्थिक मोर्चे पर नाटकीय स्थिति को प्रकट करेगी.
यह ग्रहण जहां अर्थव्यवस्था को कुंद करेगा, वहीं शेयर बाजार में अचंभित करने वाली अप्रत्याशित परिस्थितियों का साक्षी बनेगा. शेयर बाजार में गिरावट के बाद बड़ा उछाल या बड़ी छलांग के पश्चात भारी गिरावट दृष्टिगोचर होगी. जो भी होगा, वह कारोबारियों की उम्मीद के उलट होगा. फार्मास्यूटिकल्स और धातु के स्टॉक्स में भारी तेजी की संभावना नजर आ रही है.
शुक्र अपनी ही राशि वृष में, मंगल मीन में, वृहस्पति व शनि मकर में, केतु धनु में चलायमान है. यह योग आनेवाले एक वर्ष में छोटे-छोटे अपराध, विशेष रूप से आर्थिक गुनाह की पृष्ठभूमि रचेगा. जल तत्व की राशि मीन में ऊर्जा पुंज मंगल की मौजूदगी कोई अलग गुल खिलायेगी और पानी में आग लगायेगी. यानी बातों का बतंगड़ होगा. मीडिया की पहरेदारी होगी. सरहदों के लिए वक्त बेचैन करने वाला है, पर सीमा पर झमेले से ज्यादा कष्ट इसके पीछे की राजनैतिक चालों से होगा.
भूकंप और सुनामी जैसी किसी बड़ी प्राकृतिक आपदा के भी संकेत हैं. इस वर्ष बाढ़ और सूखा दोनों देखने को मिलेंगे. कालसर्प योग में यह सूर्य ग्रहण अप्रिय स्थितियों का कारक बनेगा. यह स्थिति किसी बड़े तनाव का सृजन करेगी. इस दरम्यान छह ग्रहों के वक्री होने से विचित्र संयोग का निर्माण हो रहा है. सरकारें प्रभावहीन व अक्षम प्रतीत होंगी. विश्व और देश के किसी बड़े नेता, अभिनेता, उद्योगपति या गणमान्य व्यक्ति को लेकर बुरी खबर आयेगी, पर अच्छी खबर यह है कि सूर्य, चंद्रमा और बुध पर केतु की वक्र दृष्टि अगले एक से छह महीनों के भीतर कोरोना महामारी की धार को भोथरा करती हुई प्रतीत हो रही है, पर साथ किसी नये तनाव की पृष्ठभूमि भी तैयार कर रही है. किसी राज्य में सत्ता का बड़ा खेल संभव है. राजनैतिक स्वार्थ हृदय को चीर कर रख देंगे.
सूर्य ग्रहण के सूतक का मान्य 12 घंटे पूर्व से ही आरंभ हो जाता है. इस दौरान नारियल, एक मुट्ठी बादाम और थोड़ा-सा कोयला ग्रहणकाल में अपने सिर से उतार लें. ग्रहण के उपरांत इन तीनों वस्तुओं को पृथक बहते हुए जल में विसर्जित कर दें. यथासंभव राशन सामग्री और वस्त्रों का दान करें. नकारात्मक आंतरिक ऊर्जाओं का शमन होकर लाभ का मार्ग प्रशस्त होगा, ऐसा मान्यताएं कहती हैं.
क्या करें : ग्रहण के समय स्वयं में ब्रह्मांडीय ऊर्जा के प्राकट्य के लिए पहले सुमिरन और जाप करके ध्यान करें. तत्पश्चात दोनों कानों को उंगलियों से बंद करके आकाशीय धवनियों को सुनने का अभ्यास करें. आपको जो भी ध्वनि या झनझनाहट सुनाई दे, उसे अलग-अलग कर उन स्वरों को पहचानने का प्रयास करें. करिश्माई तरह से आंतरिक ऊर्जा का विकास होगा.
क्या न करें : भगवान की प्रतिमा का स्पर्श न करें. इस दौरान जगत के कर्मों से और खान-पान से यथासंभव बचाव करें. काम-क्रिया इस दरमियान पूर्णत: वर्जित है.
यह ग्रहण वलयाकार होगा, यानी सूर्य पूरी तरह नहीं ढकेगा. सिर्फ मध्य ही छाया क्षेत्र में आयेगा. सूर्य के बाहर का हिस्सा खूबसूरत कंगन की तरह जगमगायेगा. इसे ‘रिंग ऑफ फायर’ भी कहते हैं. यह सदी का दूसरा सूर्यग्रहण होगा. इससे पहले 2001 में 21 जून को ऐसा सूर्यग्रहण लगा था. इस बार कुछ ऐसे योग होंगे, जो 500 वर्ष पहले दृष्टिगोचर हुए थे.
कब शुरू होगा : राजधानी दिल्ली में इसकी शुरुआत सुबह 10:20 बजे से होगी और दोपहर 01:49 बजे पर खत्म होगा. अलग-अलग शहरों में समय में अंतर हो सकता है. ग्रहण लगने से ठीक 12 घंटे पहले यानी शनिवार, 20 जून की रात 09:52 से सूतककाल मान्य होगा.
यह ग्रहण भारत सहित पाकिस्तान, नेपाल, सऊदी अरब, यूएइ, एथोपिया तथा कोंगों में दिखेगा. देहरादून, टिहरी तथा सिरसा शहरों में वलयाकार सूर्यग्रहण दिखेगा, पर मुंबई, दिल्ली, शिमला, हैदराबाद, बेंगलुरु, लखनऊ, चंडीगढ़, कोलकाता, चेन्नई, अबू धाबी, रियाद, कराची, बैंकाक तथा काठमांडू इत्यादि से आंशिक सूर्य ग्रहण ही दिखाई देगा. उत्तर व दक्षिण अमेरिका महाद्वीप और ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप के अधिकांश भाग में यह नहीं दिखेगा.
सदगुरुश्री स्वामी आनंद जी
Posted By: Sumit Kumar Verma