Surya Grahan, Solar Eclipse 2022 Date, Time: दिवाली का त्योहार आने ही वाला है. रोशनी का त्योहार 24 अक्टूबर 2022 यानी सोमवार को मनाया जाएगा. इसके ठीक अगले दिन यान 25 अक्टूबर को सूर्यग्रहण लगने जा रहा है. देश की राजधानी सहित यह ग्रहण जयपुर, कोलकाता, मुंबई, चेन्नई, नागपुर और द्वारका से भी दिखेगा. यह सूर्य ग्रहण भारत के अतिरिक्त यूरोप, अफ्रीका, पश्चिम एशिया तथा उत्तरी हिंद महासागर में भी दिखाई देगा.
साल 2022 का आखिरी सूर्यग्रहण 25 अक्टूबर को लगने जा रहा है. यह सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर की शाम को 4 बजकर 40 मिनट से शुरू होगा और शाम को 5 बजकर 24 मिनट तक रहेगा.वैज्ञानिकों के मुताबिक, भारतीय समयानुसार यह सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर को दोपहर बाद 2 बजकर 29 मिनट पर आइसलैंड में शुरू होगा और फिर शाम 6 बजकर 20 मिनट पर अरब सागर में समाप्त हो जाएगा.दिल्ली-एनसीआर में यह सूर्य ग्रहण शाम करीब 4 बजकर 29 मिनट पर शुरू होकर सूर्यास्त के साथ 6 बजकर 9 मिनट पर समाप्त होगा।
ग्रहण लगने से पूर्व घर की साफ सफाई के उपरांत मुख्य द्वार, रसोई के द्वार व सभी खिडकियों के आसपास गेरू से स्वास्तिक चिन्ह अंकित करें.यदि आप स्वास्तिक चिन्ह ना बना पाए तो गेरू के कुछ टुकड़े वहां पर रख दें.
घर में हवन सामग्री लाकर, घर के मध्य में एक हवन कुंड में सारी सामग्री डालकर रख दें.इस हवन सामग्री को ग्रहण काल के उपरांत किसी मंदिर में भिजवा दें.
प्राकृतिक शक्तियों से खिलवाड़ ना करें.ग्रहण को कभी भी नग्न आंखों से देखने का प्रयास ना करें.
रसोई की सभी दिशाओं में तुलसी की पत्ती डाल दें.साथ ही घर में बने सभी भोजन व अनाज में भी कुछ तुलसी की पत्तियां डाल दें.ग्रहण उपरांत इन सभी तुलसी की पत्तियों को वहां से हटा दें।
ग्रहण के दौरान घर की पूर्व दिशा में दान करने हेतु गेहूं को किसी खुले बर्तन में रख दे व ग्रहण उपरांत इसे भी किसी मंदिर में भिजवा दें.
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ग्रहण काल में भोजन करने से बचें.
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ग्रहण के उपरांत घर की साफ-सफाई सेंधा नमक के जल से करें.व आप भी सेंधा नमक के जल से स्नान करें.
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इसके पश्चात घर के मध्य में व सभी दिशाओं में कपूर व गूगल की धूप दिखाए.
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ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं अपने पेट पर गेरू का लेप लगाएं.साथ ही अपने बिस्तर के दोनों तरफ हल्दी की गांठ रख दें.गर्भवती महिलाएं भूल कर भी घर से बाहर ना निकले.
यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.