Swami Vivekanand Jayanti 2023, Swami Vivekananda Quotes and Suvichar: प्रत्येक वर्ष 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस (National Youth Day 2023) के रूप में मनाया जाता है. 12 जनवरी 1863 को कलकत्ता में जन्में नरेन्द्रनाथ दत्त को आध्यात्मिक मार्ग अपनाने के बाद स्वामी विवेकानंद के नाम से जाना जाने लगा. आध्यात्मिक मार्ग अपनाने के बाद उनको स्वामी विवेकानंद के नाम से जाना जाने लगा. इसे आधुनिक भारत के निर्माता स्वामी विवेकानंद के जन्मदिवस को याद करने के लिए मनाया जाता है.तो चलिए आज जानते हैं स्वामी विवेकानंद जी से जुड़े कुछ रोचक और अनसुने प्रसंग…
यह कभी मत कहो कि ‘मैं नहीं कर सकता’, क्योंकि आप अनंत हैं. आप कुछ भी कर सकते हैं.
– स्वामी विवेकानंद
एक रास्ता खोजो.
उस पर विचार करो.
उस विचार को अपना जीवन बना लो.
उसके बारे में सोचो.
उसका सपना देखो, उस विचार पर जियो.
मस्तिष्क, मांसपेशियों, नसों, आपके शरीर के प्रत्येक भाग को उस विचार से भर दो.
और किसी अन्य विचार को जगह मत दो. सफलता का यही रास्ता है.
– स्वामी विवेकानंद
आप जोखिम लेने से भयभीत न हो,
यदि आप जीतते हैं, तो आप नेतृत्व करते है, और यदि हारते है ,
तो आप दुसरो का मार्दर्शन कर सकते हैं.
– स्वामी विवेकानंद
शक्ति जीवन है तो निर्बलता मृत्यु है.
विस्तार जीवन है तो संकुचन मृत्यु है.
प्रेम जीवन है तो द्वेष मृत्यु है.
– स्वामी विवेकानंद
अपने इरादों को मज़बूत रखो. लोग जो कहेंगे उन्हें कहने दो. एक दिन वही लोग तुम्हारा गुणगान करेंगे.
– स्वामी विवेकानंद
अपने आप को विस्तार आपको अपने अंदर से करना होगा.
तुम्हें कोई नहीं सिखा सकता, कोई तुम्हें आध्यात्मिक नहीं बना सकता.
कोई दूसरा शिक्षक नहीं है बल्कि आपकी अपनी आत्मा है.
– स्वामी विवेकानंद
दुनिया एक महान व्यायामशाला है जहां हम खुद को मजबूत बनाने के लिए आते हैं.
– स्वामी विवेकानंद
जिस क्षण से मैंने प्रत्येक मानव शरीर के मंदिर में भगवान को बैठे हुए महसूस किया है, उस क्षण से मैं प्रत्येक मनुष्य के सामने श्रद्धा से खड़ा हूं और उसमें भगवान को देख रहा हूं – उस क्षण मैं बंधन से मुक्त हो जाता हूं, वह सब कुछ जो गायब हो जाता है, और मैं मुक्त हूं.
– स्वामी विवेकानंद
ब्रह्मांड की सभी शक्तियां हमारे अंदर हैं. यह हम ही हैं जिन्होंने अपनी आंखों के सामने हाथ रखा है और रोते हुए कहा कि अंधेरा है.
– स्वामी विवेकानंद
यह कभी मत सोचो कि आत्मा के लिए कुछ भी असंभव है. ऐसा सोचना सबसे बड़ा विधर्म है. यदि पाप है, तो यह एकमात्र पाप है, यह कहना कि आप कमजोर हैं, या अन्य कमजोर हैं.
– स्वामी विवेकानंद
हमारा कर्तव्य है कि हम सभी को अपने उच्चतम विचार को जीने के लिए संघर्ष करने के लिए प्रोत्साहित करें, और साथ ही आदर्श को सत्य के जितना संभव हो सके बनाने के लिए प्रयास करें.
– स्वामी विवेकानंद
खुद को कमजोर मान लेता बहुत बड़ा पाप है.
– स्वामी विवेकानंद
यही आप मुझको पसंद करते हो तो, मैं आपके दिल में हूँ. यदि आप मुझसे नफरत करते हो , तो मैं आपके मन में हूँ.
– स्वामी विवेकानंद