Summer Eye Care Tips: गर्मियों के मौसम में अपनी आंखों की सेहत का रखें खास ख्याल
गर्मी में आपकी आंखों को नुकसान पहुंचने का खतरा अधिक रहता है. यही वह समय है, जब आपको अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है. जानिए आप अपनी आंखों की सेहत को कैसे बढ़ावा दे सकते हैं.
Summer Eye Care Tips: गर्मियों का मौसम शुरू हो गया है. इस मौसम में त्वचा के साथ-साथ आंखों का ख्याल रखना बहुत जरूरी है. दरअसल, तेज धूप में बाहर निकलने से आंखों पर काफी तीखी रोशनी पड़ती है, जिससे आंखों में चिड़चिड़ापन और ड्रायनेस की समस्या बढ़ जाती है. इसलिए अब समय आ गया है कि आंखों की पर्याप्त देखभाल और आंखों की सेहत का खास ख्याल रखा जाये. इसके अलावा, गर्मियों में आंखों को अल्ट्रावायलेट किरणों का भी खतरा रहता है. यदि आप भी अपनी आंखों की सेहत का ख्याल रखना चाहते हैं, तो इन आसान उपायों को आजमा सकते हैं.
सनग्लास या गॉग्लस का इस्तेमाल करें
पानी और बर्फ जैसी सतह से परावर्तित होने वाले प्रकाश के कारण अल्ट्रावायलेट किरणें फोटोकेराटाइटिस या फोटो कंजंक्टिवाइटिस (जिसे आमतौर पर ‘स्नो ब्लाइंडनेस’ के रूप में जाना जाता है) का कारण बनती हैं. लगातार यूवी किरणों के संपर्क में आने से मोतियाबिंद, पेटीगियम (कॉर्निया पर एक गैर-कैंसरयुक्त वृद्धि) या पलकों की त्वचा का कैंसर हो सकता है. इसलिए जब भी आप धूप में बाहर निकलें, तो हमेशा ऐसे सनग्लास पहनें, जो यूवी किरणों से रक्षा करने में मदद करते हों. यदि आपके शेड्स 100% यूवी सुरक्षा प्रदान नहीं कर रहे हैं, तो संभावना है कि वे आपकी आंखों को लाभ पहुंचाने की बजाय अधिक नुकसान पहुंचा रहे हैं. इसलिए इस बात का ख्याल रखें कि आप केवल धूप का चश्मा न खरीदें, बल्कि वह खरीदें, जो वास्तव में यूवी से रक्षा करने में सक्षम हो.
बाहर निकलते वक्त हैट या वाइजर पहनें
धूप में आंखों की सुरक्षा के लिए सनग्लास के अलावा सन हैट या वाइजर पहनना काफी राहत भरा हो सकता है. क्योंकि, आपको अपनी आंखों को सूर्य की किरणों से बचाने की जरूरत है. जब आप अपना सनग्लास पहनते हैं, तो काफी हद तक आप यूवी जोखिम को कम कर देते हैं. इसी तरह कम से कम 3 इंच चौड़े किनारे वाली हैट पहनने से भी आंखों को काफी मदद मिलती है. बेसल सेल कार्सिनोमा त्वचा कैंसर का एक रूप है, जो आमतौर पर पलकों को प्रभावित करता है. यह निचली पलक पर होता है. यह आंख के कोनों या भौंहों के नीचे भी विकसित हो सकता है. इस परेशानी से बचने में हैट काफी मदद कर सकता है.
दोपहर की धूप से बचें
जब भी संभव हो, घर के अंदर ही रहने का प्रयास करें. विशेषकर सुबह और दोपहर के समय (सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक). यह वह समय होता है, जब सूर्य का प्रकाश अपने चरम पर होता है और अल्ट्रावायलेट किरणों का प्रभाव अधिक पड़ता है. ऐसे में अगर आपको बाहर जाना है, तो पोलराइज्ड लेंस पहनें, क्योंकि ये चमक को कम कर देते हैं. ऐसे चश्मे ड्राइविंग के दौरान या जब आप साइकिल चला रहे हों, तो पहनने के लिए बहुत अच्छे होते हैं.
बादल छाये रहने पर स्पोर्ट्स सनग्लास पहनें
बादल छाये रहने या बादलों से घिरे मौसम के दौरान स्पोर्ट्स सनग्लास पहनना चाहिए. इससे आंखों की अच्छी देखभाल होगी और आंखों को यूवी से बचाया जा सकेगा. गर्मी के मौसम में अगर बादल छाये हो, तो भी अपनी आंखों का ख्याल रखना बहुत जरूरी है.
अपनी आंखों को हाइड्रेट रखें
गर्मियों के दौरान लोगों में पानी की कमी होने की संभावना अधिक होती है, जिससे उनकी आंखों पर असर पड़ सकता है. अधिक डिहाइड्रेशन की वजह से शरीर के लिए आंसू पैदा करना कठिन हो जाता है, जिससे सूखी आंखों के लक्षण और दृष्टि से जुड़ी अन्य समस्याएं हो सकती हैं. अपनी त्वचा और आंखों दोनों को हाइड्रेटेड रखना बहुत जरूरी है. आंखों और त्वचा को नमी से बचाने के लिए हमेशा दिन में पर्याप्त पानी (न्यूनतम 2 लीटर) पिएं.
सीधे एयर कंडीशन की हवा से बचें
गर्मी से बचने के लिए अधिकतर लोग एयर कंडीशन का खूब इस्तेमाल करते हैं. लेकिन इस तथ्य को समझना जरूरी है कि एयर कंडीशनिंग से आंखें शुष्क हो जाती हैं. इसलिए आंखों में हवा के सीधे प्रवाह से बचना चाहिए और खुद को हाइड्रेटेड रखना चाहिए.
सनस्क्रीन लोशन लगाते समय सावधानी बरतें
सनस्क्रीन लोशन लगाते समय आंखों के संपर्क में आने से बचने की कोशिश करें, क्योंकि इससे जलन हो सकती है. गर्मियों के दौरान आंखों की उचित देखभाल जरूरी है. अगर आपको किसी भी तरह की जलन महसूस हो, तो अपनी आंखों को साफ पानी से अच्छी तरह धो लें. इसके अलावा, स्मोकिंग से भी आंखों पर असर पड़ता है. इससे आंखों में ड्राइनेस, मोतियाबिंद, मैक्यूलर डीजनरेशन और अन्य सहित कई समस्याएं हो सकती हैं. इसलिए धूम्रपान से बचें.
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