ओडिशा : कालाहांडी के शिक्षक के बगीचे में है बेशकीमती आम का पेड़, कीमत जानकर रह जायेंगे दंग

ओडिशा के एक टीचर ने अपने बगीचे में ऐसा आम का पेड़ लगाया है, जिसे कोई आम आदमी नहीं खा सकता. इसके दाम सुनकर ही लोगों के होश उड़ जाते हैं. दो आम की कीमत दो से तीन लाख रुपये तक है. जानें इसकी खूबियां.

By Mithilesh Jha | July 27, 2023 3:26 PM
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ओडिशा के कालाहांडी जिले के एक शिक्षक ने अपने बगीचे में बेशकीमती आम लगाया है. इस आम की कीमत 2 से 3 लाख रुपये प्रति किलो है. जी हां. सही सुना आपने. हम मियांजाकी आम की ही बात कर रहे हैं. यह आम जापानी ब्रीड का है. कालाहांडी में पेशे से शिक्षक भोई ने इसका पौधा लगाया और उससे अब उन्हें आम मिलने लगे हैं. हालांकि, अभी तक भोई ने किसी को यह नहीं बताया है कि उनके बगीचे में कितने आम फले हैं और उसकी कीमत कितनी है. न्यूज एजेंसी एएनआई ने मियांजाकी आम के पेड़ का वीडियो माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर शेयर किया है. इसमें दिख रहा है कि कई आम फले हैं. इस वीडियो में भोई कहीं नजर नहीं आ रहे.

कालाहांडी के कंडुलगुडा गांव के निवासी हैं भोई

एएनआई ने बताया है कि ओडिशा के कालाहांडी जिले के कंडुलगुडा गांव के एक शिक्षक ने इस विशेष किस्म की आम उगायी है. उन्हें इसका पौधा कृषि एवं बागवानी विभाग की ओर से उपलब्ध कराया गया था. इस वीडियो के सामने आने के बाद सोशल मीडिया में मियांजाकी आम के साथ-साथ भोई की चर्चा शुरू हो गयी. एक यूजर ने लिखा कि कृषि की ताकत दिखने लगी है. कृषि का भविष्य बेहद उज्ज्वल है. कालाहांडी जैसे पिछड़े जिले के एक शिक्षक ने मियांजाकी आम की खेती शुरू की है. ग्लोबल मार्केट में यह लाखों रुपये में बिकता है.

2 पीस आम की कीमत ढाई से तीन लाख रुपये

मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि इस प्रजाति के दो पीस आम की कीमत साढ़े आठ हजार रुपये से ढाई-तीन लाख रुपये तक होती है. यह स्वाद में तो विशिष्ट है ही, इसका इस्तेमाल औषधि के रूप में भी किया जाता है. ओडिशा के भोई के बगीचे में आम की कई और किस्में भी हैं, लेकिन मियांजाकी आम की वजह से ओडिशा में उन्हें प्रसिद्धि मिल रही है. सोशल मीडिया में भी उनके चर्चे हो रहे हैं.

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मियांजाकी आम के बारे में जानें

मियांजाकी आम की जापानी किस्म है. विदेशों में इसकी जबर्दस्त मांग है, क्योंकि इसका स्वाद लाजवाब है. इसमें कई औषधीय गुण पाये जाते हैं. जापानियों की मानें, तो विश्व के इस सबसे महंगे आम का नाम ‘टायो नो टोमागो’ है. इसका अर्थ होता है – सूरज का अंडा. मियांजाकी इलाके में इसकी खेती होती है. मियांजाकी इलाके में फलने की वजह से इस विशिष्ट आम को दुनिया भर में ‘मियांजाकी’ आम के नाम से जाना जाता है. मियांजाकी सेंट्रल होलसेल मार्केट में हर साल अप्रैल में इस आम की नीलामी की जाती है.

ओडिशा में पहले भी लग चुके हैं मियांजाकी आम के पेड़

ऐसा नहीं है कि ओडिशा के भोई ने ही इस आम को लगाया है. झारखंड समेत भारत के कई राज्यों में मियांजाकी आम के पौधे लगाये जा रहे हैं. हाल ही में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर और पश्चिम बंगाल के उत्तरी हिस्से में स्थित सिलीगुड़ी में आयोजित मैंगो फेस्टिवल (आम महोत्सव) में ‘मियांजाकी’ आम का प्रदर्शन किया गया था.

इसलिए इतना महंगा बिकता है मियांजाकी आम

बिजनेस इनसाइडर की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि मियांजाकी आम इतना महंगा क्यों बिकता है. इसमें कहा गया है कि जापान के मियांजाकी प्रांत में फलने वाला यह इरविन मैंगो वैरायटी है. इसे आमतौर पर ‘एपल मैंगो’ भी कहते हैं. बता दें कि इरविन मैंगो दुनिया भर में पाये जाते हैं और उसकी कीमत मियांजाकी आम से बहुत कम होती है. रिपोर्ट में यह भी स्पष्ट किया गया है कि सिर्फ नाम की वजह से इस काम की कीमत इतनी ज्यादा नहीं होती. इसके रख-रखाव का तरीका इस आम को सभी आमों से खास बनाता है. बिजनेस इनसाइडर के मुताबिक, इसे ग्रीनहाउस में रखा जाता है. समान तापमान पर रखा जाता है. जिस कमरे में इसे रखा जाता है, उसमें वेंटिलेशन की व्यवस्था होती है और हवा में बिल्कुल नमी नहीं होती.

विनय पांडा ने भी लगाया था मियांजाकी आम

आपको बता दें कि यह पहला मौका नहीं है, जब ओडिशा में मियांजाकी आम की खेती हो रही है. भोई पहले किसान नहीं हैं, जिन्होंने अपने बगीचे में इस फल का पौधा लगाया है. पिछले साल कालाहांडी जिले के ही एक शख्स ने अपने बगीचे में मियांजाकी आम का पौधा लगाया था. आम के पौधे में मंजर के साथ दो फोटो भी शेयर किये गये थे. वर्ष 2022 में जिस शख्स के आम के मंजर का फोटो सामने आया था, उसका नाम विनय पांडा है. यह फोटो आज भी ट्विटर पर उपलब्ध है और उस पर लिखा है- विनय पांडा के बगीचे में मियांजाकी आम का पौधा और उसमें पहली बार लगे मंजर.

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