डॉ. राधाकृष्णन के जन्म दिवस के अवसर पर हर साल शिक्षक दिवस 5 सितंबर को मनाया जाता है. उनका जन्म एक मध्यवर्गीय परिवार में हुआ था. कहा जाता है कि राधाकृष्ण के पिता चाहते थे कि उनका बेटा अंग्रेजी ना सीखे और मंदिर का पुजारी बन जाए. राधाकृष्णन अपने पिता की दूसरी संतान थे. उनके चार भाई और एक छोटी बहन थीं. छह बहन-भाइयों और माता-पिता को मिलाकर आठ सदस्यों के इस परिवार की आय बहुत कम थी. इसके बाद भी वे अपनी मेहनत से भारत के शीर्ष पद तक पहुंचे. इस दिन छात्र अपने गुरुओं के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए शिक्षण संस्थानों में भाषण देते हैं. यह वार्षिक आयोजन विशेष महत्व रखता है क्योंकि यह उन गुरुओं का सम्मान करता है जिन्होंने अपने समर्पण और ज्ञान के माध्यम से अनगिनत लोगों के जीवन को आकार दिया है. कृतज्ञता, प्रेरणा और चरित्र विकास में शिक्षकों की भूमिका पर ध्यान केंद्रित करते हुए, यहां कुछ स्पीच दिए गए हैं जो स्टूडेंट्स इस अवसर पर अपने शिक्षकों के लिए बोल सकते हैं.
शिक्षक दिवस भाषण 2023
टीचर्स डे पर आप अपने किसी भी पसंदीदा या फिर सभी टीचर के लिए स्पीच दे सकते हैं. माननीय शिक्षकगण आप सभी को नमन. इस शिक्षक दिवस पर मैं यह कहना चाहता हूं कि शिक्षक का हमारे जीवन में अमूल्य योगदान है. शिक्षकों के बिना यह मानव जीवन सार्थक नहीं है. हर किसी के जीवन में एक गुरु या शिक्षक का होना बेहद आवश्यक है. इसलिए हम सभी को सदा शिक्षकों का मान-सम्मान करना चाहिए और उनकी बातों पर अमल करना चाहिए. जिंदगी में यदि हम थोड़े भी सफल होते हैं, तो इसका श्रेय हमारे माता-पिता के बाद जिन्हें जाना चाहिए वो है हमारे शिक्षक. हम तो महज एक मिट्टी है, जबकि हमें किसी भी रूप में ढालने का काम कुमार रूपी शिक्षक करते हैं.
शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं
शिक्षक दिवस भाषण 2023
शिक्षक का बच्चों के भविष्य में महत्वपूर्ण योगदान होता है. एक शिक्षक के बिना छात्र का जीवन अधूरा रहता है. स्कूलों में इस दिन तरह-तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं और शिक्षक छात्रों को संबोधित भी करते हैं. कोरोना के कारण दो साल तक ऑनलाइन ही शिक्षक दिवस मनाया गया लेकिन इस बार हम अपने स्कूल में शिक्षक दिवस अपने गुरुओं के सा मना रहे हैं यह अत्यंत खुशी की बात है. आप सभी को शिक्षक दिवस की बधाई.
शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं
शिक्षक दिवस भाषण 2023
मां– पिताजी हमें जन्म देते हैं. लेकिन, सही-गलत का फर्क शिक्षक ही हमें सिखाते है. जिससे हमारा चरित्र निर्माण तो होता ही है साथ ही साथ सही मार्ग दर्शन भी मिलता है. जो हमारे उज्जवल भविष्य के लिए बेहद जरूरी है. यही कारण है कि शिक्षकों का स्थान माता–पिता से भी ऊपर होते हैं. कोरोना काल में हमारी शिक्षा व्यवस्था पर खासा प्रभाव पड़ा है. बावजूद इसके शिक्षा के बिना हम अपने जीवन की कल्पना नहीं कर सकते हैं. आने वाले समय में शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव होने वाली है. लेकिन, सभी छात्रों को निस्वार्थ भाव से एक शिक्षक ही शिक्षा दे सकती है. वे हमारे अंदर की बुराइयों को दूर कर हमें एक बेहतर इंसान बनाने के लिए काफी मेहनत करते हैं. अत: शिक्षकों के इस योगदान के लिए हमें अपने शिक्षकों का नमन करना चाहिए और उन्हें आदर व सम्मान करना चाहिए. टीचर्स डे पर सभी शिक्षकों का आभार व्यक्त करते हुए मैं अपने भाषण को विराम देता हुं. एक बार फिर आप सभी को इस विशेष दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.
धन्यवाद
शिक्षक दिवस भाषण 2023
भारत में शिक्षक दिवस सबसे पहले वर्ष 1962 में मनाया गया था. देश के पूर्व उप-राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस के तौर पर इस विशेष दिन को मनाया जाता है. कहा जाता है कि वे एक शिक्षक थे, जिन्होंने शिक्षा क्षेत्र में अपने 40 वर्ष दिए. उनका शिक्षा के क्षेत्र में काफी बड़ा योगदान रहा है. उनका जन्म 5 सितंबर को ही हुआ था. उप-राष्ट्रपति बनने के बाद सर्वप्रथम कुछ छात्रों ने मिलकर उनका जन्मदिन मनाना चाहा था. जिसे सुनते ही डॉ. राधाकृष्णन ने कहा कि मेरा जन्म दिवस मनाने से अच्छा है देश भर में शिक्षक दिवस मनाया जाए, तो मुझे गर्व होगा. तब से ही आज तक हर वर्ष देश भर के विभिन्न कॅालेज, संस्थान, या स्कूलों में 05 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाने की परंपरा है.
शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं
शिक्षक दिवस भाषण 2023
शिक्षक दिवस के दिन हम अपने शिक्षकों को याद करते हैं. जिन्होंने हमें सही मार्ग पर चलना सिखाया, सही गलत की पहचान करवायी. हर व्यक्ति में कोई न कोई रोल मॉडल होता है या शिक्षक होता है. इसके लिए जरूरी नहीं है कि व्यक्ति स्कूल कॉलेज से ही हो. ऐसे में शिक्षकों का सम्मान और धन्यवाद करने का दिन है टीचर्स डे. आमतौर पर इस दिन स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थानों में नृत्य, संगीत, भाषण आदि विभिन्न तरह के मनोरंजन से भरपूर कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.
शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं
आदरनीय शिक्षकगण आप सभी को नमन
दोस्तों क्या अप जानते हैं कि शिक्षक दिवस मनाने की शुरुआत कैसे हुई. एक बार छात्रों के एक समूह से भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन से उनका जन्मदिन मनाने की अनुमति मांगी. इस पर डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने अपना जन्मदिन अलग से मनाने के बजाय, 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए तो यह मेरे सौभाग्य की बात होगी. उसके बाद 1962 से भारत में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा.
शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं