फ्रेंडशिप में रखें इन छोटी बातों का भी ख्याल, कभी नहीं आएगी दरार
दोस्ती के रिश्ते को जीवन के तमाम रिश्तों से ऊपर माना जाता है. यह खून का रिश्ता नहीं होता, बल्कि वो रिश्ता होता है, जिसे हम चुनते हैं. यह रिश्ता काफी नाजुक भी होता है. अविश्वास का एक झटका भी इसे तोड़ सकता है.
दोस्ती जीवन के सबसे अनमोल रिश्तों में से एक है. हर इंसान के लिए इस रिश्ते की वैल्यू अलग-अलग रहती है. दोस्ती में खटास तभी आती है, जब इस रिश्ते के वैल्यू को कोई एक पक्ष समझना कम कर देता है. जानें वो कौन सी छोटी-छोटी बातें हैं, जो इस पवित्र रिश्ते में दरार ला सकता है. दोस्ती के रिश्ते को उन फैक्टर्स से बचाना बहुत जरूरी है. कुछ बातें या मनमुटाव होने पर दोस्तों से मांफी जरूर मांगे. दोस्ती के रिश्ते में इगो को ना लाना दोस्ती निभाने के लिए सबसे अहम बात होती है.
दोस्तों को दे अटेंशनदोस्ती के बेहतरी के लिए दोस्तों को भी अटेंशन देना बहुत जरूरी है. ऐसे तो दोस्ती में किसी शोऑफ की जरूरत नहीं होती है लेकिन दोस्तों को भी कभी-कभी अटेंशन देनी चाहिए. इससे रिश्तें में ताजगी भर सकते हैं और अपने रिश्ते को बेहतर बना सकते हैं.
किसी तीसरे इंसान के आने से किसी भी रिश्ते पर बुरा असर पड़ता है. थर्ड पार्टी की इंट्री हर रिश्ते को कमजोर कर देती है. नए दोस्तों के बनने पर पुराने को न भूलें. अगर आपके लिए दोस्ती मायने रखती है तो उसे किसी की भी वजह से इग्नोर ना करें. इग्नोरेंस से रिश्ता टूटता जाता है.
जरूरत पूरी करने के लिए ना बनाएं दोस्तदोस्ती का रिश्ता बेहद ही खूबसूरत होता है. अपनी जरूरत पूरी करने के लिए सिर्फ दोस्त न बनाएं. ऐसे इरादे से बनाए गए रिश्ते कभी नहीं टिकते हैं. ऐसी दोस्ती अगर किसी के तरफ से होती है तो वो सिर्फ इसलिए टिकती है क्योंकि दूसरा पक्ष आपको खोना नहीं चाहता. दूसरे रिश्तों की तरह इस रिश्ते में भी लॉयलिटी बहुत जरूरी है.
नहीं करें बातें शेयरदोस्ती के रिश्ते में कभी भी गोपनीयता भंग नहीं करनी चाहिए. अगर किसी ने आपसे अपनी बातें शेयर की है तो कभी भी उसे लीक ना करें. दोस्ती का रिश्ता सबसे बड़ा इमोशनल सपोर्ट भी होता है इसलिए हमेशा इस रिश्ते में रखी बातें हमेशा खुद को रखें. इससे रिश्ते में खटास नहीं आएगी और दोस्ती का भरोसा बना रहेगा.
पैसे का हिसाब फेयर रखेंआज के वक्त में दोस्ती टूटने की एक कॉमन वजह पैसा होता है. जरूरत पड़ने पर पैसे लें तो तय समयसीमा में लौटाएं भी. पैसों का लेनदेन अगर आपका आपके दोस्तों के साथ होता है तो उसका हिसाब-किताब बिल्कुल फेयर रखें. इससे ज्यादा बैगेज या रिश्ते में एहसान जैसी भावना नहीं आती है.
सुनी-सुनाई बातों पर न करें यकीनदूसरे की बातों को सुनने और उसे ही सही मान लेने पर दोस्ती में दरार आनी तय है. कभी ऐसी नौबत आए तो दोस्तों से बात जरूर करें. किसी की बात का बुरा मान लेने से पहले यह जानना जरूरी है कि कहने वाले का मतलब क्या था और वह किस बारे में बात कर रहा था.
सही-गलत का फर्क समझाएंदोस्त यदि राह भटके तो उसे सही रास्ते पर लाना भी आपका फर्ज है. गलत को गलत और सही को सही कहें. अगर वह किसी गलत रास्ते पर जाता है या उसकी सोच की दिशा गलत है तो उसे सुधारने की कोशिश जरूर करनी चाहिए. अपने दोस्तों के सामने अपना प्वाइंट ऑफ व्यू जरूर रखें और सही और सौम्य तरीके से बात समझाने की कोशिश जरूर करें.
बात करना है जरूरीकभी किसी दूसरे की बातों को सुनने और उसे ही सही मान लेने पर दोस्ती में दरार आनी तय है. कोई भी बात हो तो उसके लिए बात करना जरूरी है. कभी किसी भी बारे में बात होती है तो सीधे बात करें. अगर कोई आपके रिश्ते को लेकर कुछ बोल रहा है तो दूसरों पर विश्वास न कर दोस्त से सीधे उस बारे में पूछें.
Also Read: इन आदतों को आज ही कहें ना, नहीं तो लीवर की बिगड़ जाएगी सेहत; ऐसे करें देखभाल समय मांगता है दोस्ती का रिश्तादोस्ती का रिश्ता समय मांगता है. दोस्ती कितनी भी प्रगाढ़ क्यों न हो, दूरी बढ़ने लगती है, जब उसे आप समय देना कम कर देते हैं. रोज न सही, एक सप्ताह पर भी गर्मजोशी के साथ मिल लें, या बातें कर लें तो रिश्ते की ताजगी बरकरार रहती है. इस रिश्ते के अंदर जज्बातों का जिंदा रहना सबसे जरूरी होता है.
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