आज की रात धरती के सबसे करीब एक विशाल ट्रक के आकार का एस्टेरॉयड गुजरेगा. माना जा रहा कि अब तक के इतिहास में सबसे करीब आने वाले एस्टेरॉयड में से ये एक है. नासा के अनुसार ये धरती के सबसे करीब होगा. लेकिन इसके कोई खतरा या नुकसान नहीं होगा. इसके धरती से टकराने की कोई संभावना नहीं है. नासा के मुताबिक ये क्षुद्रग्रह दक्षिण अमेरिका के ऊपर से 2200 मील की दूरी से गुजरेगा. ये एस्टेरॉयड करीब शाम 7 बजकर 27 मिनट पर होगा.
वैज्ञानिकों का कहना है कि धरती को इस एस्टेरॉयड से कोई खतरा नहीं होगा. ये पृथ्वी से नहीं टकराएगा. वैज्ञानिकों के अनुसार अगर ये चट्टान धरती के बहुत ज्यादा गरीब आ भी जाता है तो इसका ज्यादातर हिस्सा वायुमंडल में जल जाएगा और इसके टुकड़े वातावरण में बिखर जाएंगे. इसके कुछ बड़े टुकड़े उल्कापिंड के तौर पर गिरेगा. इसका मतलब है कि इससे धरती को कोई नुकसान नहीं पहुंचने वाला है.
इस एस्टेरॉयड की खोज खगोलशास्त्री गेनेडी बोरिसोव ने 11 फरवरी यानी शनिवार को की. बोरिसोव ने साल 2019 में एक इंटरस्टेलर धूमकेतु 21/बोरिसोव की शोध की थी. इस एस्टेरॉयड को 2023 BU नाम दिया था. इसका आकार 3.5 मीटर और 8.5 मीटर का होगा. बताया जा रहा है कि ये धरती के इतना करीब होगा जितना अब तक बहुत ही कम एस्टेरॉयड आए हो.
पिछले 3 दिनों में दुनियाभर के खगोलविदों ने दर्जनों बार इसकी जानकारी जुटाई है. जिससे इस एस्टेरॉयड ऑर्बिट को समझने जानने में मदद मिली. धरती के गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव में आने के बाद इसका रास्ता तेजी से बदलने लगेगा. नासा के मुताबिक ये सूर्य की परिक्रमा करने की बजाय 425 दिनों तक चलने वाले अंडाकार ऑर्बिट में जाएगा.