Toe Rings: पैर की अंगुली की अंगूठी (जिसे बिछिया भी कहा जाता है) आमतौर पर भारत में विवाहित हिंदू महिलाओं द्वारा पहनी जाती है. बिछिया दोनों पैरों के दूसरी उंगली में जोड़े में पहना जाता है. ये आमतौर पर चांदी की धातु से बना होता है. भारतीय रिवाज के अनुसार शादी के बाद ही लड़कियां बिछया पहनना शुरू करती है. माना जाता है कि जिस तरह महिलाओं के लिए मंगलसूत्र पहना अनिवार्य माना जाता है उसी तरह बिछाया का भी महत्व है. बिछिया केवल एक आभूषण नहीं है इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी है…तो आइये इस बारे में विस्तार से जानें…
-
आयुर्वेद के अनुसार पैर के दूसरी उंगली की नस सीधे महिला के गर्भाशय से जुड़ी होती है. जो एक मामूली दबाव (पैर की अंगुली की अंगूठी के कारण) मासिक धर्म चक्र को विनियमित करने के लिए जाना जाता है. यह एक स्वस्थ गर्भाशय सुनिश्चित करने के लिए भी जाना जाता है.
-
परंपरागत रूप से एक विवाहित महिला अपने पैर के दूसरे अंगुली में बिछिया पहनती है जबकि अविवाहित महिलाएं इसे तीसरे अंगुली में पहनती हैं. ऐसा कहा जाता है कि अविवाहित महिलाओं द्वारा पैर की तीसरी अंगुली में चांदी की बिछिया पहनने से उन्हें मासिक धर्म के दर्द से राहत मिलती है या कम से कम आराम मिलता है.
Also Read: लाख कोशिशों के बाद भी नहीं हो रही Love Marriage, करें ये छोटा सा उपाय
यह भी कहा जाता है कि पैर की अंगुली के छल्ले के परिणामस्वरूप एक्यूप्रेशर लाभ भी हो सकता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि वे पैरों की कुछ नसों को दबाते हैं जो महिला के प्रजनन तंत्र को मदद करने के लिए जानी जाती हैं.
-
यह एक सामान्य ज्ञान है कि चांदी एक अच्छा संवाहक है. इसलिए यह एक महिला के शरीर से नकारात्मकता को दूर करने के लिए जाना जाता है.
-
अंतिम लेकिन महत्वपूर्ण बात यह है कि पैर की बिछिया पहनने से विवाहित महिलाओं का पति के साथ अच्छा संबंध बना रहता है.