Explainer : केदारनाथ धाम कैसे पहुंचे, जानिए सही रूट और घूमने के लिए जगह

Explainer : केदारनाथ धाम भगवान शिव के चार धामों में से एक है और इसे शिवलिंग के एक शक्तिपीठ के रूप में जाना जाता है. यहां भगवान शिव के पवित्र मंदिर का स्थान है. आज हम आपको बताएंगे केदारनाथ कैसे पहुंचे और सही रूट, कहानी और केदारनाथ घूमने की जगह.

By Shweta Pandey | July 24, 2023 10:25 PM

Explainer :  केदारनाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल 2023 को खुल गए. हर साल यहां पर लाखों श्रद्धालु आते हैं. केदारनाथ धाम भगवान शिव के चार धामों में से एक है और इसे शिवलिंग के एक शक्तिपीठ के रूप में जाना जाता है. यहां भगवान शिव के पवित्र मंदिर का स्थान है. हिमालयी पर्वत श्रृंग में स्थित केदारनाथ पहुंचने के लिए यात्रियों को पर्वतीय मार्ग से गुजरना पड़ता है. आज हम आपको बताएंगे केदारनाथ कैसे पहुंचे और  सही रूट के बारे में.

केदारनाथ धाम

केदारनाथ धाम भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित एक प्रमुख तीर्थ स्थल है. यह धाम हिन्दू धर्म के आठ महत्वपूर्ण चार धामों में से एक है, जिसे चार धाम यात्रा का भाग माना जाता है. केदारनाथ धाम पहुंचने के लिए पर्वतीय मार्ग से गुजरते हैं, जिसमें कुछ स्थानों पर रास्ता खासी कठिन हो सकता है. केदारनाथ धाम की ऊंचाई और पर्वतीय वातावरण इसे भारतीय धर्म और संस्कृति के लिए विशेष बनाते हैं और यात्रियों को अधिक सकारात्मक अनुभव प्रदान करते हैं.

केदारनाथ धाम कैसे जाएं

केदारनाथ धाम पहुंचने के लिए निम्नलिखित तरीके हैं.

  • हेलीकॉप्टर सेवा: आसान और तेजी से केदारनाथ धाम पहुंचने के लिए आप हेलीकॉप्टर सेवा का उपयोग कर सकते हैं. हरिद्वार, देहरादून और गुप्तकाशी जैसे नजदीकी शहरों से उड़ानें उपलब्ध होती हैं जो केदारनाथ धाम तक पहुंचती हैं.

  • पैदल यात्रा: केदारनाथ धाम तक पैदल यात्रा एक धार्मिक और अनुभव भरी यात्रा होती है. आप गौरीकुंड या सोनप्रयाग से यात्रा शुरू कर सकते हैं और पर्वतीय मार्ग से धाम पहुंच सकते हैं. यह यात्रा लगभग 14 किलोमीटर (गौरीकुंड से) या 21 किलोमीटर (सोनप्रयाग से) है.

  • राजमार्ग सेवा: धार्मिक यात्रियों के लिए राजमार्ग सेवा भी उपलब्ध है, जिसमें बसें और टैक्सियां केदारनाथ धाम तक जाती हैं. राजमार्ग सेवा के लिए गुप्तकाशी से या रुद्रप्रयाग से यात्रा करनी पड़ती है.

  • पालकी सेवा: कुछ भक्तों के लिए पालकी सेवा भी उपलब्ध होती है, जिसमें पालकी यात्रियों को धाम तक ले जाती है. यह एक श्रद्धा और धार्मिक अनुष्ठान का एक अनूठा अनुभव प्रदान करती है. बता दें कि केदारनाथ धाम तक पहुंचने के लिए ऊपर दिए गए तरीकों में से किसी एक का चयन करें और यात्रा का आनंद लें. धार्मिक यात्रा के दौरान यात्रियों को ध्यान, धार्मिक अनुष्ठान,और पर्वतीय सौंदर्य का आनंद मिलता है.

केदारनाथ यात्रा का खर्च

  • केदारनाथ यात्रा का खर्च यात्रा करने के तरीके, स्थान और आयु समृद्धि के आधार पर भिन्न होता है. नीचे कुछ सामान्य खर्च जिन्हें ध्यान में रखना होगा.

  • परिवहन: यात्रा के लिए आपको परिवहन जैसे बस, ट्रेन, फ्लाइट या हेलीकॉप्टर का चयन करना पड़ता है. इसका खर्च आपके निकटतम शहर से केदारनाथ धाम तक की दूरी पर आधारित होगा.

  • यात्रा वित्तीय सुविधाएं: यात्रा के दौरान आपको खाने-पीने की सुविधा, होटल आवास, यात्रा के दौरान उपयोगी वस्त्रों और अन्य आवश्यकताएं भी ध्यान में रखनी होगी.

  • पार्किंग और दर्शन: केदारनाथ धाम तक पहुंचने के बाद, आपको यात्रा दर्शन करने के लिए भी खर्च करना पड़ सकता है, जैसे कि मंदिर में दान, आरती, और अन्य पूजा अर्चना का खर्च.

  • गाइड और पोनी सेवा: यदि आप नए हैं और यात्रा में परिचित नहीं हैं, तो आप गाइड की सेवाएं ले सकते हैं जो आपको स्थानीय जगहों के बारे में जानकारी देगा. इसके अलावा, पोनी सेवा भी उपलब्ध है जो यात्रियों को पर्वतीय मार्ग पर सहायता प्रदान करती है. ध्यान देने योग्य बात है कि यात्रा से पहले आपको अपनी योजनाएं समीक्षा करने, वित्तीय बजट बनाने और आवश्यक छूट या यात्रा योजना के लिए अन्य सरकारी योजनाएं जांचने की जरूरत होगी. ध्यान से यात्रा योजना बनाएं और अपने यात्रा को धार्मिक और आनंददायक बनाएं.

केदारनाथ धाम की कहानी

केदारनाथ धाम की कहानी हिंदू पौराणिक कथाओं में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है. इसका अनुशरण करते हुए, भगवान शिव और पार्वती के बारे में एक प्रमुख कथा जुड़ी हुई है.

केदारनाथ धाम की कहानी निम्नलिखित रूप से है. 

  • पांडवों के युद्ध के बाद, जिसे महाभारत कहा जाता है, उस समय पांडव राजा युधिष्ठिर अपने भाइयों के साथ तीर्थयात्रा पर गए. इस यात्रा में उन्होंने भगवान शिव से दिव्य दर्शन पाने की इच्छा जताई.

  •  उस समय, भगवान शिव ने दिव्य दर्शन उपहार के रूप में पांडव राजा को एक भूरेती के रूप में प्रकट किया.भगवान शिव ने उनसे कहा कि वह भूरेती के दर्शन के लिए उनकी वास्तविक रुप में भी तैयार नहीं थे.

  • इसके बाद, भगवान शिव ने दिव्य स्वर्गीय दर्शन के लिए केदारनाथ धाम में प्रतिष्ठा की. वहां पर भगवान शिव के ज्योतिर्मय शिवलिंग को अद्भुत सुंदरता और शक्ति से सजाया गया. यहां पर्वतीय वातावरण और भगवान के ध्यान में लगे रहने से केदारनाथ धाम एक पवित्र स्थान बन गया.

  • केदारनाथ धाम को बारिश और बर्फ से ढककर रखा गया था, और यह धरती पर कब्रिस्तान के रूप में था।. महाभारत के बाद युद्ध के कारण करीब 5000 वर्ष पहले, आदिगुरु शंकराचार्य ने भगवान शिव के धाम को पुनर्स्थापित किया और इसे एक प्रमुख तीर्थ स्थल बनाया.

  • यह थी केदारनाथ धाम की कुछ प्रमुख कथाएं, जो इसे हिंदू धर्म के एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल के रूप में जाना जाता है. आज भी हर साल लाखों श्रद्धालु भगवान केदारनाथ के दर्शन करने के लिए आते हैं और इस धाम को अपने आत्मीयता, शांति और संयम के लिए एक पवित्र जगह मानते हैं.

केदारधाम यात्रा में खानपान

  • केदारनाथ धाम यात्रा के दौरान आपको अपने खाने की व्यवस्था करनी पड़ती है, क्योंकि धाम के आसपास खाने के विकल्प सीमित होते हैं. यहां पर कुछ आम खाने के विकल्प दिए जा रहे हैं जिनका आप उपयोग कर सकते हैं.

  • भंडारा: केदारनाथ धाम में मंदिर के आस-पास भंडारा (अन्नभोजन) की सुविधा होती है जिसमें धार्मिक यात्रियों को भोजन की व्यवस्था की जाती है. यहां अन्न, दाल, चावल, सब्जियां, रोटी और पानी की सुविधा होती है.

  • प्रसाद: मंदिर में पूजा अर्चना के दौरान भगवान शिव को प्रसाद के रूप में अन्न, मिठाई और फल दिया जाता है. आप मंदिर में प्रसाद का आनंद ले सकते हैं.

  • धर्मशाला और होटल: केदारनाथ धाम के आसपास धर्मशाला और होटल की सुविधा होती है जहां आप अपने रुकने के लिए रूम बुक कर सकते हैं. होटल में आपको भोजन की सुविधा मिलती है जिसमें आप विभिन्न प्रकार के व्यंजन का आनंद ले सकते हैं.

  • खाने की चीजें: यात्रा के दौरान आप खुद भी खाने की व्यवस्था कर सकते हैं. आप रुकते समय खाने के लिए सब्जियां, स्नैक्स, फल, नमकीन और दूध वगैरह ले जा सकते हैं.

  • ध्यान देने योग्य बात है कि केदारनाथ धाम के निकटवर्ती इलाकों में यात्रियों के लिए खाने के विकल्प सीमित हो सकते हैं और यहां पर्वतीय क्षेत्र में भोजन की व्यवस्था में कुछ परिवर्तन हो सकते हैं. इसलिए, यात्रा से पहले खाने की व्यवस्था की जांच करना महत्वपूर्ण होता है.

केदारनाथ मंदिर का इतिहास

केदारनाथ मंदिर भारतीय राज्य उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है और यह शिवपुराण में वर्णित छारधाम यात्रा का एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है. मंदिर के इतिहास के अनुसार केदारनाथ मंदिर लगभग 8 वीं या 9 वीं सदी में आदि गुरु शंकराचार्य ने पुनर्निर्माण किया गया था.

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केदारनाथ जाने के लिए क्या ले जाना चाहिए

  • केदारनाथ धाम जाने के लिए यात्री को तैयारी करनी चाहिए जिसमें उन्हें धार्मिक, सामाजिक और शारीरिक आवश्यकताओं का ध्यान रखना होता है. यहां कुछ आवश्यक वस्तुएं दी गई हैं जो यात्री को केदारनाथ धाम ले जाने के लिए आवश्यक हो सकती हैं.

  • यात्रा के दस्तावेज़: पहले यात्री को यात्रा के लिए आवश्यक दस्तावेज ले जाना चाहिए, जिसमें उनका पहचान पत्र, पासपोर्ट (यदि आवश्यक हो), यात्रा का टिकट, यात्रा प्रस्ताव और यात्रा से संबंधित दस्तावेज शामिल हो सकते हैं.

  • धार्मिक वस्तुएं: केदारनाथ धाम एक पवित्र धार्मिक स्थल है, इसलिए यात्री को व्रती वस्त्र, पूजा सामग्री, आरती थाली, प्रसाद, माला और धार्मिक किताबें जैसी वस्तुएं ले जानी चाहिए.

  • सामाजिक वस्तुएं: यात्री को वर्षा के लिए बर्फबारी जैकेट, ठंडी कपड़े, टॉयलेट आवश्यकताएं, बोतल जल, सन स्किन क्रीम और मॉस्किटो रिपेलेंट जैसी वस्तुएं ले जानी चाहिए.

  • शारीरिक वस्तुएं: यात्री को स्नान के लिए तौलिए, साबुन, व्यक्तिगत और टॉवल, चप्पल और बैग जैसी शारीरिक वस्तुएं ले जानी चाहिए.

  • पैसे: यात्री को पर्याप्त मात्रा में नकदी और अन्य वित्तीय वस्तुएं ले जानी चाहिए जो उन्हें यात्रा के दौरान खर्च करने के लिए उपयुक्त हो सकती हैं.

  • मेडिकल किट: यात्री को अपनी मेडिकल किट जैसे कि दवाएं, पैनाडोल, बैंडेज और उपचार के आवश्यक वस्तुएं ले जानी चाहिए.

  • कैमरा और बैटरी: यात्री को यात्रा के दौरान ख़ूबसूरत दृश्यों को कैप्चर करने के लिए कैमरा और उसके बैटरी को भी ले जाना चाहिए. 

  • उपयुक्त यातायात: यात्री को अपने यातायात की व्यवस्था करनी चाहिए, जैसे कि ट्रेन, बस या हेलीकॉप्टर के लिए आरक्षण करना या अपने खुद के वाहन को यात्रा के लिए ले जाना.

केदारनाथ घूमने के लिए जगह

केदारनाथ घूमने के लिए प्रमुख जगहों में से कुछ निम्नलिखित हैं.

  • केदारनाथ मंदिर: केदारनाथ धाम का मुख्य आकर्षण है भगवान केदारनाथ का पवित्र मंदिर. यह मंदिर प्राचीनतम और पवित्रतम मंदिरों में से एक है और हिंदू धर्म के पांच धामों में से एक है.

  • चोपता: यह जलस्रोत आस-पास एक प्राकृतिक आकर्षण है, जहां यात्री शांति और सकारात्मक ऊर्जा का आनंद ले सकते हैं. 

  • वासुकी ताल: यह जलस्रोत ब्रह्मकामल ग्लेशियर के पास स्थित है और यहां यात्री चरम शांति की अनुभूति कर सकते हैं.

  • वासुकी तालाब: यह ताल केदारनाथ मंदिर से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और यहां यात्री अपने रास्ते की सुंदर प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकते हैं.

  • भैरवनाथ मंदिर: यह मंदिर केदारनाथ मंदिर से लगभग 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और भगवान भैरव को समर्पित है.

  •  केदारनाथ घूमने के लिए ऊपर दी गई जगहों के अलावा भी आप आस-पास की प्राकृतिक सौंदर्य और पर्वतीय वातावरण का आनंद ले सकते हैं. यहां के खूबसूरत दृश्य और शांतिपूर्ण माहौल ने यहां को एक आकर्षक पर्वतीय तीर्थ स्थल बना दिया है.

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