Tourist Places In Varanasi: वाराणसी उत्तर प्रदेश भारत के पवित्र शहरों में से एक है. यहा देश-विदेश से लोग आते हैं. इतना ही नहीं इसे सभी धर्मों का प्रमुख पीठ माना जाता है. कई मान्यताओं और पौराणिक कथाओं के अनुसार काशीपुर नामक प्राचीन शहर स्थित था. वाराणसी के घाटों की पवित्रता, गंगा आरती, ब्रह्मा-विष्णु-महेश मंदिरों की भव्यता, बनारसी साड़ी और बनारसी पान की मशहूरता के लिए भी जाना जाता है. आइए जानते हैं वाराणसी में घूमने की जगहों के बारे में.
काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी का प्रमुख और पवित्रतम मंदिर है. यह श्री काशी विश्वनाथ महादेव के नाम से जाना जाता है और हिन्दू धर्म के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है. यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है. इस मंदिर का निर्माण वाराणसी के प्राचीन काल में हुआ था. इसे बार-बार निर्माण और सुधार किया गया है. मंदिर की वास्तुकला में काशीपुर शैली का उपयोग किया गया है, जो पवित्र वाराणसी के वास्तुकला की एक पहचान है. मंदिर का प्रवेश द्वार काशी विश्वनाथ मंदिर के प्रमुख आकर्षणों में से एक है. यह प्रमुख गोपुरम नगण्य पत्थरों से बना है और इसकी ऊंचाई लगभग 50 फीट है. मंदिर के अंदर यात्री विश्राम कर सकते हैं और भगवान शिव की पूजा-अर्चना कर सकते हैं. मंदिर के गर्भगृह में श्री विश्वनाथ जी की मूर्ति स्थापित है, जिसे पूजा का विशेष ध्यान दिया जाता है. गर्भगृह के अलावा, मंदिर में नवग्रह देवताओं, माता पार्वती, भगवान गणेश, भगवान कार्तिकेय और भगवान सूर्य की मूर्तियां भी हैं.
दशाश्वमेध घाट वाराणसी के प्रमुख और प्रसिद्ध घाटों में से एक है. यह घाट गंगा नदी के किनारे स्थित है और धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटनिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है. यह घाट अपनी पवित्रता, धार्मिक महत्व और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है. इस घाट का नाम भगवान ब्रह्मा के दश अश्वमेध यज्ञों से जुड़ा हुआ है. इसी जगह पर ब्रह्मा ने दस अश्वमेध यज्ञ किए थे और इसलिए इसे दशाश्वमेध घाट कहा जाता है. इस घाट पर लोग स्नान करते हैं, पितृ-तर्पण करते हैं और पुण्य कार्यों का आयोजन करते हैं. यहां गंगा आरती भी आयोजित की जाती है जिसे देखने के लिए लाखों लोग आते हैं. यह आरती दिन के समय होती है. यह एक आद्यात्मिक और दृष्टि से आनंददायक अनुभव है. इतना ही नहीं इस घाट पर स्थित कई मंदिरों में से एक है अग्नीश्वर महादेव मंदिर. यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और यहां भगवान शिव की पूजा की जाती है.
सरनाथ वाराणसी से लगभग 13 किलोमीटर दूर स्थित है. यह गौतम बुद्ध के प्रमुख धर्मस्थलों में से एक है. यह जगह बुद्ध के प्रवचन के स्थल के रूप में प्रसिद्ध है और बौद्ध धर्म के अनुयायों के लिए महत्वपूर्ण है. यहां गौतम बुद्ध ने प्रथम पंच वस्तु की घोषणा की थी – अर्थ, धर्म, संघ, सत्य और सीलापठ. यहां उन्होंने अपना पहला उपदेश दिया था, जिसे बौद्ध संघ ने संग्रहीत किया.
काशी विद्यापीठ भारत के वाराणसी शहर में स्थित एक प्रमुख विश्वविद्यालय है. यह विद्यापीठ वाराणसी के प्रमुख शिक्षा संस्थानों में से एक है. यह वेदांत, धार्मिक अध्ययन, संस्कृति, ज्योतिष और अन्य कला-संबंधित विषयों में प्रसिद्ध है. इसकी स्थापना 1916 में पंडित मधन मोहन मालवीय द्वारा हुई थी. जो एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षाविद् और राजनेता थे. उनका उद्देश्य भारतीय संस्कृति, संस्कृत भाषा और प्राचीन शास्त्रों की स्थायित्व को बचाना और प्रशंसा करना था. इसमें विभिन्न कॉलेज, विभाग और संगठन हैं, जिनमें संस्कृत विभाग, ज्योतिष विभाग, धर्मशास्त्र विभाग, वेद विभाग, प्राच्य विभाग, विज्ञान विभाग, भूगोल विभाग, और संस्कृति विभाग शामिल हैं। यहां विभिन्न स्नातक, स्नातकोत्तर, और विद्यावारिधि कार्यक्रमों की पेशकश की जाती है. इतना ही नहीं काशी विद्यापीठ के प्रमुख कैंपस में विभिन्न शैक्षणिक और आध्यात्मिक सुविधाएं हैं. यहां छात्रों को उच्च शिक्षा और शोध के लिए सुविधाएं उपलब्ध हैं. कैंपस में पुस्तकालय, शोध केंद्र, शास्त्रीय संग्रहालय, कम्प्यूटर लैब, ग्रंथालय, छात्रावास और आध्यात्मिक केंद्र शामिल हैं.
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यह भी एक प्रमुख घाट है जहां आप गंगा स्नान कर सकते हैं और धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का आनंद ले सकते हैं. इसके अलावा, वाराणसी में कई अन्य प्रमुख मंदिर, घाट, धार्मिक स्थल, बाजार और कुछ आध्यात्मिक आश्रम भी हैं. जिन्हें आप देख सकते हैं. आपकी आदतों, रुचियों और अनुभव के आधार पर, आप अपनी पसंद के अनुसार इन स्थानों का दौरा कर सकते हैं.
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