Tourist Places In Odisha: ओडिशा पर्यटकों के बीच काफी मशहूर है. इस राज्य में काफी कुछ देखने लायक हैं. आप यहां की प्राकृतिक सुंदरता को देखकर मंत्रमुग्ध हो जाएंगे. यहां के प्रमुख धार्मिक स्थलों में कोणार्क सूर्य मंदिर, जगन्नाथ पुरी धाम (पुरी जगन्नाथ मंदिर) और कॉन्फ्लुएंस ऑफ हिंदू और बौद्ध धर्म के प्रमुख स्थल हैं. आज हम आपको बताएंगे ओडिशा में घूमने लायक जगहों के बारे में. जहां आप इस स्वतंत्रता दिवस पर अपनी फैमिली और फ्रेंड के साथ सैर करने जा सकते हैं.
श्री जगन्नाथ पुरी मंदिर, ओडिशा के पुरी शहर में स्थित है. हिन्दू धर्म के तीन महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक माना जाता है. यह मंदिर भगवान जगन्नाथ (कृष्ण) उनके बहन बलभद्र और दीदी सुबद्रा को समर्पित है. मंदिर का इतिहास बहुत प्राचीन है. इसका निर्माण बहुत समय पहले हुआ था. मंदिर की संरचना काफी विशेष है, जिसमें दिखने में चारों ओर से घुमने वाली कला संचारित है. मंदिर के अंदर जगन्नाथ, बलभद्र और सुबद्रा की मूर्तियां स्थापित हैं. मंदिर के पास ही अनन्या वास, सुदर्शन समुद्र और रामाचंदी पुर भी हैं, जिन्हें देखने पर्यटक आते हैं.
कोणार्क सूर्य मंदिर ओडिशा में स्थित एक प्रमुख हिन्दू मंदिर है जो सूर्य भगवान के आदिदेवता को समर्पित है. यह मंदिर भगवान सूर्य की पूजा के लिए बनाया गया है. कोणार्क सूर्य मंदिर का निर्माण 13वीं शताब्दी में हुआ था. मंदिर की संरचना अत्यधिक जटिल है और इसमें सूर्य देवता की विभिन्न रूपों की सूर्यरथ, पशुपति भगवान शिव, चारिकांचा (भगवान विष्णु की अवतार) आदि की मूर्तियां हैं. मंदिर की प्रमुख विशेषता उसके गहरे और अद्वितीय स्कुलप्चर हैं, जो मंदिर की दीवारों, दरवाजों और शिखर पर बने हुए हैं. कोणार्क सूर्य मंदिर को ‘ब्लैक पगोडा’ भी कहा जाता है क्योंकि यह श्याम (काला) पत्थर से बना है और उसके सुनहरे समय की जो कुछ बची हुई बनावट है, वो अब खो चुकी है. कोणार्क सूर्य मंदिर को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है, और यह ओडिशा के पर्यटन स्थलों में से एक है.
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चिल्का झील भारतीय उपमहाद्वीप में स्थित एक महत्वपूर्ण सामुद्रिक झील है जो ओडिशा राज्य के पूर्वी क्षेत्र में स्थित है. यह झील भारत की सबसे बड़ी नमकीन पानी झील मानी जाती है और वन्यजीवों के लिए एक महत्वपूर्ण संरक्षित क्षेत्र है. चिल्का झील का क्षेत्रफल लगभग 1,100 वर्ग किलोमीटर है और यह बरागरह, खंडागडा और पुरी जिलों में फैला हुआ है. यह झील महत्वपूर्ण वन्यजीव जीवन के लिए एक आदर्श स्थल है, जिसमें बहुत सी प्रजातियां पक्षियों, मछलियों और समुद्री जीवों के लिए एक आवास है. चिल्का झील में बहुत सारे प्रजातियों के बचाव के लिए वन्यजीव संरक्षण अभियान चलाया जाता है, जिसमें चिल्का झील में पाए जाने वाले बिग तिलचाई (ईरावदी डॉल्फिन) के बचाव को महत्वपूर्ण माना जाता है. चिल्का झील के किनारे कई पर्यटन स्थल भी हैं जो पर्यटकों को आकर्षित करते हैं.
सिमलिपाल राष्ट्रीय उद्यान, ओडिशा में स्थित एक प्रमुख वन्यजीव संरक्षित क्षेत्र है जो वन्यजीवों की सुरक्षा, प्रशिक्षण के लिए स्थापित किया गया है. यह उद्यान ओडिशा के मयूरभंज जिले में स्थित है. सिमलिपाल राष्ट्रीय उद्यान का क्षेत्रफल लगभग 2,750 वर्ग किलोमीटर है और यह अल्पकालिक पानी झीलों, घने वनों, गहरे घाटियों, झरनों और निर्मित सड़कों के बावजूद एक आदर्श प्राकृतिक और जीव विविधता स्थल है. यहां पर बहुत सारी प्राकृतिक जीवविविधता है, जिसमें विभिन्न प्रजातियों के जानवर, पक्षियां,और पौधे-पौधों का संयमन किया गया है.
हीराकुद डैम भारत के पूर्वी ओडिशा और छत्तीसगढ़ राज्यों की सीमा पर स्थित एक बड़ा बांध है जो महानदी नदी पर बना है. यह डैम भारत का सबसे बड़ा हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट है और विशेष रूप से ऊर्जा उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण है. हीराकुद डैम का निर्माण 1948 में शुरू हुआ और 1957 में पूरा हो गया था. यह डैम महानदी नदी पर बना है जिसका परिणाम स्वरूप हीराकुद डैम निर्मित हुई है. यह झील भारत की दूसरी सबसे बड़ी जलाशय है और इसका क्षेत्रफल लगभग 746 वर्ग किलोमीटर है. डैम ने नदी के पानी को नियंत्रित करके बिजली उत्पादन के साथ-साथ खेती और पानी की आपूर्ति को भी सुनिश्चित किया है. इसके अलावा, यह एक प्रमुख पर्यटन स्थल भी है जहां पर्यटक घूमने आते हैं.