Monsoon Travel Tips: मानसून के दौरान भूलकर भी ना करें भारत के इन जगहों की सैर, मजा हो सकता है किरकिरा

Monsoon Travel Tips: वैसे तो बारिश के मौसम में पहाड़, नदियां और झरनों की नेचुरल ब्यूटी और बढ़ जाती है. लेकिन बारिश में कुछ जगहों पर घूमना आपका मज़ा खराब कर सकता है. वहीं बारिश में कुछ शहरों की सड़कों पर घूमना काफी जोखिम भरा अनुभव भी हो सकता है.

By Shaurya Punj | July 21, 2023 9:40 AM

Monsoon Travel Tips:  मानसून का सीजन आ गया है, ऐसे में पर्यटक बारिश की बूंदों के साथ एंजॉय करना काफी पसंद करते हैं.हो भी क्यूं ना, बारिश चीज ही ऐसी है, जो हर किसी को रास आती है.  वैसे तो बारिश के मौसम में पहाड़, नदियां और झरनों की नेचुरल ब्यूटी और बढ़ जाती है. लेकिन बारिश में कुछ जगहों पर घूमना आपका मज़ा खराब कर सकता है. वहीं बारिश में कुछ शहरों की सड़कों पर घूमना काफी जोखिम भरा अनुभव भी हो सकता है.

गोवा

गोवा ही नहीं बल्कि सभी समुद्री तटों पर हाई टाइड के कारण कई लोगों की जान चली जाती है. यहां पर मानसून में जाना खतरनाक रहता है. बड़ी बड़ी लहरों के देखने के शौकीन लोग ही यहां जाते हैं. बारिश में यहां पर सभी तरह की वॉटर एक्टिविटी बंद रहती है और लोगों को समुद्र के तटों पर जाने की मनाई रहती है. बरसात के कारण आप बीच और शैक्स का आनंद नहीं ले पाएंगी. बारिश के कारण पार्टी भी कैंसल हो जाती हैं. इस मौसम में पर्यटकों की भीड़ भी कम होती है. साथ ही, क्योंकि इस मौसम में काफी बारिश आती है. इसलिए ट्रेन और एयरप्लेन के सफर में देरी हो सकती है. नंवबर से फरवरी, गोवा जाने के लिए सबसे बेस्ट टाइम है.

हिमाचल प्रदेश

हिमाचल प्रदेश में शिमला, मनाली और धर्मशाला जैसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों पर मानसून के दौरान भारी वर्षा होती है. यहां बारिश के कारण भूस्खलन और सड़कें बंद होना आम बात है. ऐसे में इस दौरान यहां पर जाना चुनौतीपूर्ण हो सकता है. खासतौर पर शिमला, मनाली, धर्मशाला, डलहौजी ऐसी जगह है जहां मानसून के मौसम में भारी बारिश होती है. पश्चिम हिमालय और हिमाचल प्रदेश में पीर पंजाल रेंज बारिश के चलते कई बार बंद भी कर दिया जाता है. जून से लेकर अगस्त या सितंबर तक आपको इन जगहों पर नहीं जाना चाहिए.

उत्तराखंड

अगर आप मानसून के दौरान उत्तराखंड ट्रैवल कर रहे हैं तो नैनीताल, मसूरी, चंबा जैसी जगहों पर जाने से बचें, क्योंकि मानसून के मौसम के दौरान यहां पर बहुत बारिश होती है. यह सीजन जून माह से सितंबर तक चलता है. पहाड़ी इलाका और नदी, झील के कारण यहां पर तेज बारिश होती है और नदी, नाले और झील उफान पर आ जाते हैं. उत्तराखंड की तरह ही हिमाचल में कई हिल स्टेशन है, जहां पर्यटकों की भरमार देखी जाती है. ऐसे में आप जब भी यहां घूमने की प्लानिंग करें, या तो मानसून के पहले करें या बाद में करें. क्योंकि मानसून के दौरान इन पहाड़ों वाले रास्ते या इन हिल स्टेशन पर जाना खतरे को दावत देने जैसा होगा.

दार्जलिंग

‘क्वीन ऑफ हिल्स’ के नाम से मशहूर दार्जिलिंग हमेशा से एक बेहतरीन हनीमून डेस्टिनेशन रहा है. लेकिन मानसून में यहां पर बारिश का स्तर इस तरह बढ़ जाता है कि घर से बाहर निकलना भी मुश्‍किल हो जाता है. पडाड़ों पर खतरा बढ़ जाता है. दार्जिलिंग एक खूबसूरत जगह है लेकिन भारी बारिश होने पर यहां गंभीर बाधाओं का सामना करना पड़ता है. नेचर लवर्स को यह जगह काफी आकर्षित करती है, लेकिन अगर आप बारिश के दिनों में यहां जाते हैं, तो आपका घूमने का प्लान बर्बाद हो सकता है. अव्यवस्थित यातायात, अचानक भूस्खलन, बंद रास्ते आपको दार्जिलिंग की खूबसूरती एन्जॉय नहीं करने देंगे. इसके अलावा फॉग के कारण पहाड़ियों में ड्राइविंग करना भी एक चैलेंज बन जाता है.

मेघालय

यदि आप मार्च के माह में जंगल और बारिश का मजा लेना लेना चाहते हैं तो मेघालय जरूर जाएं. यहां प्रमुख रूप से शिलॉन्ग को जरूर देखें. मेघालय की राजधानी शिलॉन्‍ग भारत का सबसे खूबसूरत हिल स्टेशन है. इसे पूर्व का स्कॉटलैंड कहा जाता है. चेरापूंजी का स्‍थानीय और आधिकारिक नाम सोहरा है जो शिलॉन्‍ग से 56 किलो मीटर की दूरी पर है. लेकिन यहां पर मानसून में घूमना खतरनाक है. दुनिया में सबसे ज्यादा गीली जगह के तौर पर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में मेघालय के मावसिनराम का नाम दर्ज है. यहां औसतन सालाना बारिश 11,802 मिलीमीटर होती है. ये बारिश इतनी है कि रियो डि जेनेरियो स्थित क्राइस्ट की 30 मीटर ऊंचे स्टेच्यू के घुटनों तक पानी आ जाएगा. चेरापूंजी की जगह अब उसी से लगभग 15 किलोमीटर दूर बसा मावसिनराम ले चुका है. गिनीज बुक में दर्ज है कि साल 1985 में मासिनराम में 26,000 मिलीमीटर बारिश हुई थी जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है.

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