ऋषिकेश में सिर्फ लक्ष्मण झूला ही नहीं, इन बेहतरीन जगहों को भी कर सकते हैं एक्स्प्लोर, मेडिटेशन के लिए है बेस्ट

ऋषिकेश गंगा नदी के किनारे बसा हुआ है. यह धार्मिक और पर्वतीय शहर है. यह शहर भगवान विष्णु के एक रूप, 'हृषीकेश' के नाम से भी प्रसिद्ध है. आज हम आपको बताएंगे ऋषिकेश में घूमने वाली कुछ जगहों के बारे में.

By Shweta Pandey | July 27, 2023 5:49 PM

ऋषिकेश उत्तराखंड राज्य में स्थित एक गांव है, जो गंगा नदी के किनारे बसा हुआ है. यह धार्मिक और पर्वतीय शहर है. ऋषिकेश को ‘योग नगरी’ भी कहते हैं क्योंकि यहां योग, मेडिटेशन और आध्यात्मिक साधना के लिए अनेक आश्रम और धार्मिक स्थल हैं. ऋषिकेश का इतिहास बहुत प्राचीन है. यह शहर भगवान विष्णु के एक रूप, ‘हृषीकेश’ के नाम से भी प्रसिद्ध है. यहा परमार्थ निकेतन आश्रम है. यह आश्रम भगवान स्वामी श्रद्धानंद जी द्वारा स्थापित किया गया था और यह ऋषिकेश का सबसे प्रसिद्ध आध्यात्मिक आश्रम है. इसके अलावा यहां त्रिवेणी घाट है. यह घाट गंगा और यमुना नदी की मिलने वाली त्रिवेणी स्थल के रूप में प्रसिद्ध है. यहां नदी में स्नान और पुण्य स्नान की परंपरा है. आज हम आपको बताएंगे ऋषिकेश में घूमने वाली कुछ जगहों के बारे में. जहां आपको एक बार जरूर जाना चाहिए.

बैजनाथ महादेव मंदिर ऋषिकेश

बैजनाथ महादेव मंदिर, ऋषिकेश शहर में स्थित एक प्रमुख धार्मिक स्थल है. यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इसे प्राचीन काल से भगवान शिव के प्रमुख पर्वतीय स्थलों में से एक माना जाता है. बैजनाथ मंदिर पवित्र गंगा घाट के निकट स्थित है और यहां आने वाले श्रद्धालु भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं. इस मंदिर का नाम श्री वैद्यनाथ महादेव से भी संबंधित है. इस मंदिर की प्रतिमा भगवान शिव की त्रिपुंड चिह्न से सजी हुई है. बता दें बैजनाथ महादेव मंदिर का मुख्य उत्सव शिवरात्रि को मनाया जाता है, जिसे भगवान शिव के जन्मदिन के रूप में माना जाता है. इस दिन भगवान शिव के भक्त भजन, कीर्तन और विशेष पूजा-अर्चना करते हैं.

परमार्थ निकेतन आश्रम

परमार्थ निकेतन आश्रम ऋषिकेश का सबसे प्रसिद्ध और विश्वविख्यात आध्यात्मिक आश्रम है. यह आश्रम गंगा नदी के किनारे स्थित है और ध्यान, योग, आध्यात्मिक साधना और संस्कृति के लिए लोगों के बीच एक प्रमुख धार्मिक स्थल है. यहां पर्वतीय वातावरण और गंगा नदी के निर्मल जल के चारों ओर एक शांत और प्राकृतिक वातावरण है. परमार्थ निकेतन आश्रम की स्थापना भगवान स्वामी श्रद्धानंद जी ने वर्ष 1942 में की थी. आश्रम में ध्यान और धार्मिक शिक्षा के लिए अलग-अलग ध्यान और प्राकृतिक शिक्षा केंद्र हैं. यहां लोग अपनी आध्यात्मिकता को विकसित करने के लिए आते हैं और ध्यान और साधना का अनुभव करते हैं. आश्रम में रोज़ाना सुबह और शाम को गंगा नदी के किनारे गंगा आरती का आयोजन किया जाता है. यहां पर आने वाले पर्यटक और आध्यात्मिक साधक भगवान के दर्शन करके ध्यान और शांति का अनुभव करते हैं. आश्रम में भगवद गीता, योग वेदांत, वेदांता, योग और मेडिटेशन जैसे विषयों पर संगोष्ठियां, सेमिनार और विभिन्न आध्यात्मिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं. परमार्थ निकेतन आश्रम में आपको एक शांत और प्राकृतिक वातावरण में ध्यान करने का अवसर मिलता है.

लक्ष्मण झूला

लक्ष्मण झूला ऋषिकेश का एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है जो गंगा नदी पर बना हुआ पुल है. यह पुल लक्ष्मण जी को समर्पित है. इस पुल का नाम लक्ष्मण झूला भारतीय इतिहास की एक प्रमुख कथा के अनुसार है. बता दें लक्ष्मण झूला का निर्माण 1929 में हुआ था और यह प्राचीन तार से बना है, जिसे पुल बनाने के लिए उपयोग किया गया है. इस पुल की लम्बाई लगभग 450 फीट है और इसका उचाई लगभग 70 फीट है. यह पुल ऋषिकेश के मुख्य बाजार और राम झूला के बीच में स्थित है. लक्ष्मण झूला पर चलना एक अनोखा अनुभव है. यहां से गंगा नदी का खूबसूरत नजारा देखा जा सकता है. इस पुल पर पर्वतीय वातावरण का आनंद लेने के लिए भी लोग आते हैं. यहां पर्यटक शांतिपूर्वक सैर करते हैं और धार्मिक वातावरण में आत्मा की शांति और सकारात्मकता का अनुभव करते हैं.

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त्रिवेणी घाट

त्रिवेणी घाट ऋषिकेश का एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है जो गंगा नदी के किनारे स्थित है. यह घाट गंगा और यमुना नदी की मिलने वाली त्रिवेणी स्थल है, जिसे हिंदू धर्म में पवित्र माना जाता है. इसे गंगा त्रिवेणी घाट भी कहा जाता है. त्रिवेणी घाट पर सुबह और शाम को गंगा आरती का आयोजन होता है, जिसे देखने के लिए लाखों पर्यटक यहां आते हैं. यहां पर्वतीय तापमान और शांत वातावरण का आनंद लेने के लिए भी लोग आते हैं. त्रिवेणी घाट पर स्नान करने का धार्मिक महत्व होता है. यहां आने वाले पर्यटक और आध्यात्मिक साधक अपने पापों को धोने के लिए स्नान करते हैं. त्रिवेणी घाट पर विभिन्न प्रकार की पूजा-अर्चना की जाती है और धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.

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