Mussoorie Famous Tourism : मसूरी उत्तराखंड राज्य के गढवाल हिमालय में स्थित एक प्रसिद्ध पर्वतीय नगरी है. यह गुरुग्राम से लगभग 270 किलोमीटर और देहरादून से लगभग 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. मसूरी उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से भी नहीं दूर है. इसका नाम ब्रिटिश गवर्नर जनरल लॉर्ड डलहौसी के नाम पर रखा गया था, जो 19वीं सदी में इस स्थान पर शानदार बंगला बनवाए थे. यह एक पर्वतीय स्थल के रूप में अपनी प्राकृतिक सौंदर्य और शांतिपूर्ण वातावरण के लिए प्रसिद्ध है. इसे भारतीय हिमालय की ‘क्वीन ऑफ हिल्स’ के रूप में भी जाना जाता है. यहां कई प्रमुख स्थान यहां घूमने के लिए लोग आते हैं. आइए जानते हैं विस्तार से.
मसूरी का कैमल्स बैक रोड ब्रिटिश शासन के समय में बनाया गया था. इस रोड का निर्माण ब्रिटिश शासकों द्वारा 19वीं सदी में किया गया था. वे इस रोड को घूमने और सैर सपाटे के लिए बनवाए थे. यह रोड मसूरी के प्रसिद्ध पर्वतीय पर्यटन स्थलों में से एक है और आज भी यह पर्यटकों को आकर्षित करने का महत्वपूर्ण स्थान है. कैमल्स बैक रोड आज भी भारतीय और विदेशी पर्यटकों के बीच बहुत लोकप्रिय है और यहां पर्यटक शांतिपूर्ण वातावरण का आनंद लेते हैं और खूबसूरत नजारों का लुत्फ़ उठाते हैं.
लाल टिब्बा की ऊंचाई मसूरी में लगभग 2,275 मीटर (7,464 फुट) है. यह चोटी मसूरी के ऊंचे बिंदुओं में से एक है और पर्वतीय पर्यटकों को प्राकृतिक सौंदर्य का अद्भुत दृश्य देने के लिए जाना जाता है. लाल टिब्बा से ऊंचे स्थानों से आप आसमानी दृश्य, नीलगंगा नदी का पूरा दृश्य, और पर्वतीय समृद्धि का आनंद ले सकते हैं. यहां से आप सैर-सपाटे का भी आनंद ले सकते हैं और फोटोजेनिक स्पॉट्स का भी आनंद उठा सकते हैं. अगर आप सूर्यास्त और सूर्योदय देखना चाहते हैं तो लाल टिब्बा जा सकते हैं. क्योंकि यहां से सूर्यास्त और सूर्योदय का नजारा देखने लायक होता है. यह जगह घूमने के लिए सबसे बेस्ट है.
मसूरी का क्राइस्ट चर्च की ऊंचाई लगभग 2,347 मीटर (7,700 फुट) है. यह चर्च एक ऊंचे बिंदु पर स्थित है जिससे आपको मसूरी के प्राकृतिक सौंदर्य का शानदार दृश्य प्राप्त होता है. क्राइस्ट चर्च को पहुंचने के लिए आपको कुछ ऊंचाई चढ़नी पड़ती है लेकिन उसके ऊपर से आपको आकर्षक पर्वतीय दृश्यों का आनंद लेने का अवसर मिलता है. यह चर्च मसूरी के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है और पर्वतीय पर्यटकों को अपने शानदार स्थानीय विशेषताओं के लिए खींचती है. क्राइस्ट चर्च का निर्माण 1836 में शुरू हुआ था और इसका निर्माण ब्रिटिश शासक विलियम बेन्टिक द्वारा किया गया था. यह चर्च भारत में बनी प्रथम अंग्रेजी चर्च में से एक थी. क्राइस्ट चर्च मसूरी के बाजार के पास स्थित है. मसूरी में यह जगह घूमने के लिए सबसे अच्छा है.
मसूरी झील (Mussoorie Lake) मसूरी शहर के नजदीक स्थित एक छोटी सी प्राकृतिक झील है. यह झील पर्वतीय दृश्यों और शांतिपूर्ण वातावरण के साथ अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है. यह एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है जिसे दर्शनीय स्थलों के बीच सफलतापूर्वक स्थानीय और विदेशी पर्यटकों द्वारा बहुत पसंद किया जाता है. बता दें मसूरी झील के किनारे पर्यटकों के लिए विकसित विश्राम स्थल और पिकनिक स्थल हैं. यहां पर्यटक शांतिपूर्ण वातावरण में विश्राम करते हैं और पर्वतीय वातावरण का आनंद लेते हैं. इस झील पर बोटिंग का भी आनंद लिया जा सकता है. यहां पर बोटों को किराये पर उपलब्ध किया जाता है, जिससे आप झील के पानी में बोटिंग करके आनंद ले सकते हैं. बता दें अगर आप प्रकृति प्रेमी है तो मसूरी घूमने आ सकते हैं.
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मसूरी में ज्वालाजी मंदिर एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है. यह मंदिर देवी ज्वाला जी को समर्पित है, जो हिंदू धर्म की देवी मां का एक प्रसिद्ध रूप है. मसूरी के इस मंदिर को पर्वतीय दृश्यों के बीच स्थानित किया गया है और यहां से आपको आसमानी दृश्य देखने का अवसर मिलता है. इस मंदिर का धार्मिक महत्व है. बता दें मंदिर में नियमित धार्मिक अनुष्ठान, भजन-कीर्तन और पूजा-अर्चना होती है. यहां दूर-दूर से लोग घूमने आते हैं.