Hottest Places: भारत में सबसे गर्म महीना मई और जून होते हैं. ये महीने भारतीय उपमहाद्वीप में गर्मी का तप्त समय होते हैं और तापमान बहुत उच्च होता है. इन महीनों में उत्तर भारत में जलवायु अधिक शुष्क और गर्म होती है, जबकि दक्षिण भारत में उमस सहित गर्म और नमीपूर्ण मौसम होता है. जून के शुरुआती दिनों में विशेष रूप से उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में लू नामक गर्मी के तूफ़ान की संभावना रहती है. जिसमें तापमान बहुत अधिक होता है और जीवन को प्रभावित कर सकता है. हर साल की तरह इस साल भी भारत में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी पड़ी. आइए आज दुनिया की कुछ ऐसी जगहों के बारे में जानते हैं, जहां का तापमान 70 डिग्री सेल्सियस पार हो चुका है.
दुनिया की सबसे गर्म जगहों की बात करें तो पहले नंबर पर है ईरान. ईरान के बंदर-ए-महशाहर शहर सबसे गर्म जगहों में से एक है. बंदर-ए-महशाहर का अधिकतम तापमान जुलाई 2015 में 74 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था. इससे पहले यहां का अधिकतम तापमान 51 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था. इसके बाद दश्त-ए-लूट में साल 2003 से 2009 के बीच अधिकतम तापमान 70.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था. अभी यहां कोई नहीं रहता है.
दुनिया की सबसे गर्म जगहों में अफ्रीका का सहारा रेगिस्तान है. इस जगह का औसत तापमान 35 से 42 डिग्री सेल्सियस रहता है. इतना ही नहीं पूरे साल यहां 100 मिलिमीटर से भी कम बारिश होती है. सहारा रेगिस्तान में अधिकतम तापमान 58 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है. जबकि सतह का तापमान 76 डिग्री सेल्यिस रिकॉर्ड रहा है. इसी के साथ सहारा दुनिया का सबसे गर्म जगहों में से एक है.
सूडान के वाडी हाल्फा शहर में बारिश नहीं होती है. यहां पर हमेशा औसत तापमान 41 डिग्री सेल्सियस रहता है. इतना ही नहीं अप्रैल 1967 में यहां अधिकतम तापमान 53 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया था. इसी के साथ यह दुनिया का सबसे गर्म जगहों में से एक है.
कैलिफोर्निया में स्थित डेथ वैली दुनिया की सबसे अधिक गर्म जगहों में से एक है. डेथ वैली में 10 जुलाई 1913 में अधिकतम तापमान का रिकॉर्ड दर्ज किया गया था. उन दिनों यहां फरनेस क्रीक नामक स्थान पर अधिकतम तापमान 56.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था. अभी यहां पर हमेशा 37 से 40 डिग्री के बीच तापमान दर्ज किया जाता है.
इस दुनिया में कुछ ऐसी जगहें हैं जो जहां सबसे अधिक गर्मी पड़ती है. इन्ही जगहों में से एक है फ्लेमिंग माउंटेन. यह चीन में टकलामाकेन रेगिस्तान के उत्तरी इलाके में स्थित है. उस माउंटने की लंबाई 100 किलोमीटर और चौड़ाई 5 से 10 किलोमीटर है. इस जगह गर्मी के दिनों में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस रहता है. साल 2008 में यहां अधिकतम तापमान 66.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था. हालांकि इसके बारे में कोई पुष्टि नहीं हुई है.
पृथ्वी पर गर्मी होने का मुख्य कारण है सूर्य से आने वाले उष्मा या ताप उर्जा का प्रवाह. सूर्य हमारे निकटतम तारा है और वह अनेक हजार वर्षों से हमें अपनी उर्जा प्रदान करता आ रहा है. सूर्य से आने वाली उष्मा और ताप उर्जा भूमि को गर्म करती हैं, जिससे पृथ्वी पर गर्मी होती है. जब सूर्य के प्रकाशमान बिंदुओं को पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करता है, तो उनका बहुत सा प्रकाश धरती पर अवशोषित होता है और यह प्रकाश उष्मा में रूपांतरित होता है. इसके कारण पृथ्वी के सतह पर उष्णता का बढ़ना होता है और इससे गर्मी का अनुभव होता है.