Parinirvana Stupa History: क्या है परिनिर्वाण स्तूप का इतिहास, जानिए कैसे पहुंचे
Parinirvana Stupa History: परिनिर्वाण स्तूप, जिसे अन्य नामों में महापरिनिर्वाण स्तूप और कुशीनगर का स्तूप भी कहा जाता है, बौद्ध धर्म का महत्वपूर्ण स्मारक है जो भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के कुशीनगर नगर में स्थित है. चलिए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं.
Parinirvana Stupa History: परिनिर्वाण स्तूप, जिसे अन्य नामों में महापरिनिर्वाण स्तूप और कुशीनगर का स्तूप भी कहा जाता है, बौद्ध धर्म का महत्वपूर्ण स्मारक है जो भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के कुशीनगर नगर में स्थित है. यह स्तूप बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध के परिनिर्वाण (निर्वाण की मृत्यु) के स्थान के रूप में मान्यता प्राप्त है. यहां बुद्ध की मृत्यु के बाद उनकी अंतिम संस्कार की आयोजना हुई थी. चलिए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं.
परिनिर्वाण स्तूप का इतिहास
परिनिर्वाण स्तूप भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्मारक है जो बौद्ध धर्म के महात्मा बुद्ध के परिनिर्वाण स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है. यह स्तूप कुशीनगर नगर के श्रीमहापरिनिर्वाण विहार के परिसर में स्थित है. बुद्ध का परिनिर्वाण भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना है, जो उनके मृत्यु के बाद उनके शरीर की समाधि या निवासस्थान के रूप में जाना जाता है.
परिनिर्वाण स्तूप किसने बनवाया था
परिनिर्वाण स्तूप का निर्माण 5वीं शताब्दी ईसा पूर्व में सकेत सम्राट अशोक द्वारा किया गया था. यह महत्वपूर्ण स्मारक बनने के बाद, इसे सुदेन्द्र बोधि महासंघ ने पुनर्निर्माण कराया. स्तूप की ऊँचाई लगभग 24 मीटर है और इसका निर्माण पत्थरों, अभिलेखों और तापी की विस्तृत कार्यकलापों से हुआ है. इसके चारों ओर छापे गए प्रतिमाओं की श्रृंगारिकता और सौंदर्य स्तूप को एक आकर्षक स्थान बनाते हैं.
परिनिर्वाण स्तूप के पास पांच मिटटी से बनी विहार हैं, जो बौद्ध संतों की स्मृति के रूप में बनाए गए हैं. यहां आने वाले लोग ध्यान और धार्मिक अभ्यास के लिए एक सांत्वना स्थल के रूप में इस्तेमाल करते हैं. यहां परंपरागत आरती विधि, पूजा और धर्मिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है. इसके अलावा, वहां बौद्ध धर्म के अनुयायी भी आते हैं ताकि वे बुद्ध की महिमा और शिक्षाओं को याद कर सकें.
समर्थ भारतीय इतिहास में परिनिर्वाण स्तूप का महत्वपूर्ण स्थान है और इसे देश और विदेश से आने वाले पर्यटकों के बीच एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में जाना जाता है. इसका सौंदर्य, आध्यात्मिक महत्व और महात्मा बुद्ध के पास एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्मारक के रूप में यह स्थान इसे एक विशेष बनाते हैं.
परिनिर्वाण स्तूप घूमने कहां कहां से लोग आते हैं
कुशीनगर के परिनिर्वाण स्तूप पर विश्वभर से बहुत सारे लोग आते हैं. यह स्तूप एक प्रमुख बौद्ध पर्यटन स्थल है और धार्मिक महत्व के कारण बौद्ध संघ और पर्यटकों के बीच बहुत प्रसिद्ध है. भारतीय पर्यटकों के अलावा, कुशीनगर के परिनिर्वाण स्तूप पर विदेशी पर्यटक भी आते हैं. बौद्ध धर्म के अनुयायी और अन्य धार्मिक समुदायों के लोग प्रमुखतः इस स्थान को दर्शन करने आते हैं. अधिकांश विदेशी पर्यटक यहां बौद्ध संघ के संगठन द्वारा आयोजित यात्राओं के तहत आते हैं. वे बुद्ध की महिमा और बौद्ध धर्म के महत्व को अनुभव करने के इच्छुक होते हैं. परिनिर्वाण स्तूप पर विभिन्न राष्ट्रों के बौद्ध श्रद्धालु, पर्यटक और ज्ञानी आते हैं जो इस प्रमुख बौद्ध स्मारक का दर्शन करने के लिए यहां आते हैं.
परिनिर्वाण स्तूप कैसे पहुंचे
परिनिर्वाण स्तूप को पहुंचने के लिए आप निम्नलिखित तरीकों का उपयोग कर सकते हैं. हवाई यात्रा: कुशीनगर में नजदीकी हवाई अड्डा जगधेशपुर हवाई अड्डा है. आप यहां फ्लाइट से पहुंच सकते हैं और फिर स्थानीय टैक्सी या ऑटोरिक्शा का इस्तेमाल करके परिनिर्वाण स्तूप तक पहुंच सकते हैं.
ट्रेन: कुशीनगर रेलवे स्टेशन जिला केंद्र जगधेशपुर के पास स्थित है. आप ट्रेन से जगधेशपुर तक पहुंच सकते हैं और फिर स्थानीय वाहनों का उपयोग करके परिनिर्वाण स्तूप की ओर जा सकते हैं.
सड़क मार्ग: कुशीनगर को राजमार्ग और राष्ट्रीय राजमार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है. आप अपने नगरीय क्षेत्र से यात्रा करके परिनिर्वाण स्तूप तक पहुंच सकते हैं. विभिन्न राज्यों और शहरों से बस सेवाएं भी उपलब्ध हैं जो कुशीनगर तक जाती हैं.
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कुशीनगर में परिनिर्वाण स्तूप पर पहुंचने के बाद, आप स्थानीय वाहनों जैसे रिक्शा, टैक्सी, या ऑटोरिक्शा का उपयोग करके स्तूप तक पहुंच सकते हैं. यह स्तूप श्रीमहापरिनिर्वाण विहार के पास स्थित है, जिसका स्थान स्थानीय पर्यटन सेंटर या स्मारक कार्यालय से प्राप्त किया जा सकता है. सवारी, सावरी और पेशेवर पर्यटन यात्राएं भी उपलब्ध हैं जो परिनिर्वाण स्तूप जैसे प्रमुख धार्मिक स्थल को शामिल करती हैं.आप इन यात्राओं का आयोजन कर सकते हैं और स्थानीय गाइड के साथ इस प्रमुख स्मारक की यात्रा का आनंद ले सकते हैं. फिलहाल आपको बताते चलें परिनिर्वाण स्तूप पर पहुंचने के लिए आपको कुशीनगर को हवाई, ट्रेन या सड़क मार्ग से जगधेशपुर तक पहुंचना होगा और फिर स्थानीय वाहनों का उपयोग करके स्तूप तक पहुंचना होगा.
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