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Explainer: किसने बनवाया लाल किला, यहां जानिए पूरा इतिहास और इसकी खासियत

History of Red Fort: लाल किला भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित है और पुरानी दिल्ली के शाहजहां के शासनकाल में बनाया गया था. आइए जानते हैं लाल किला का इतिहास क्या है, लाल किला कितने साल पुराना है, लाल किला देखने के लिए दिल्ली कैसे पहुंचे, लाल किला का टिकट क्या है, लाल किला की खासियत.

History of Red Fort: लाल किला इतिहास से भरा हुआ प्रसिद्ध स्मारक है जो भारतीय राजघराने की शानदार वास्तुकला का प्रतीक है. यह भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित है और पुरानी दिल्ली के शाहजहां के शासनकाल में बनाया गया था. लाल किले का निर्माण 17वीं शताब्दी में मुघल शासक शाहजहां ने करवाया था. इस किले का नाम इसके रेड स्टोन से बने हुए विशाल प्रांगण की वजह से पड़ा है .जिससे यह एक लाल रंग की जाती है. इसे उर्दू भाषा में “लाल” कहा जाता है, जिसका मतलब “लाल रंग का” होता है. लाल किले के दीवारों की चौड़ाई लगभग 2.4 किलोमीटर है और इसकी ऊंचाई 18 मीटर से 33 मीटर तक है. इसमें 2.5 किलोमीटर लंबा और 18 मीटर चौड़ा इलाका है जिसे “चोटीदार” कहते हैं. आइए जानते हैं लाल किला का इतिहास क्या है, लाल किला कितने साल पुराना है, लाल किला देखने के लिए दिल्ली कैसे पहुंचे, लाल किला का टिकट क्या है, लाल किला की खासियत.

लाल किला का इतिहास

लाल क़िला की निर्माण की शुरुआत शाहजहां नामक मुग़ल सम्राट ने 17वीं सदी में की थी. इसे बनाने का मुख्य उद्देश्य दिल्ली को राष्ट्रीय राजधानी बनाना था. इसके निर्माण में प्रयुक्त संरचना मुग़ल शैली को प्रतिष्ठित करती है. लाल क़िला का निर्माण 12 मई 1639 को पूर्ण हुआ और शाहजहां ने इसे अपने बेटे दारा शिकोह को उत्तराधिकारी के रूप में सौंपा गया था. लाल क़िला का आकार बड़ा और विशाल है. इसमें बहुत सारे भवन, मस्जिदें, बाग़, महल, और दरबार हैं. इसकी मुख्य दीवारें लाल रंग की हैं, जिससे इसे ‘लाल क़िला’ के नाम से पुकारा जाता है. इसमें छह प्रमुख दरवाज़े हैं – दिल्ली दरवाज़ा, लाहौर दरवाज़ा, अख़बर दरवाज़ा, बर्ख़ि दरवाज़ा, नोबेल दरवाज़ा, और हुमायूं दरवाज़ा. यह क़िला भारतीय इतिहास में कई महत्वपूर्ण घटनाओं के साक्षी रहा है. 15 अगस्त 1947 को भारत के स्वतंत्रता प्राप्ति के दिन, पंडित जवाहरलाल नेहरू ने यहां से पहले आज़ादी के ज़िक्र किया था. यह एक प्रमुख पर्यटन स्थल है जो देश और विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करता है. बता दें लाल क़िला की उम्र 2023 में लगभग 384 साल है. यह मुग़ल सम्राट शाहजहां द्वारा 12 मई 1639 को बनवाया गया था.

लखनऊ से लाल किला देखने कैसे जाए

लखनऊ से दिल्ली लाल क़िला देखने के लिए विभिन्न यातायात विकल्प उपलब्ध हैं. नीचे दिए गए तरीकों में से आप अपनी पसंद के अनुसार चुन सकते है 

हवाई जहाज़ (Airplane)

लखनऊ के चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा से आप नई दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (IGI) पहुंच सकते हैं. इसके बाद, आप टैक्सी, बस या मेट्रो से लाल क़िला तक पहुंच सकते हैं 

रेलवे (Train):

लखनऊ जंक्शन या लखनऊ चारबाग़ रेलवे स्टेशन से दिल्ली के नई दिल्ली रेलवे स्टेशन, ओल्ड दिल्ली रेलवे स्टेशन या हज़रत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन तक ट्रेन से आप पहुंच सकते हैं.

बस:

लखनऊ से दिल्ली के लिए विभिन्न राज्य और निजी बस सेवाएं उपलब्ध हैं. आप लखनऊ से दिल्ली के किसी भी बस टर्मिनल जैसे काशीपुरी, अनंत विहार, सराई काला ख़ान या दिल्ली इंटरस्टेट बस टर्मिनल पहुंच सकते हैं.

स्वयंचलित वाहन:

यदि आपके पास स्वयंचलित वाहन है, तो आप लखनऊ से दिल्ली लाल क़िला की यात्रा कर सकते हैं. आपको नेशनल हाईवे 19 और नेशनल हाईवे 24 का इस्तेमाल करना होगा.

लाल किला का टिकट

भारतीय नागरिक: व्यस्क – 35 रुपये, बच्चे (अधिकतम 15 वर्ष तक) – 20 रुपये

विदेशी नागरिक: व्यस्क – 550 रुपये, बच्चे (अधिकतम 15 वर्ष तक) – 300 रुपये

कृपया ध्यान दें कि इन दरों में बदलाव हो सकते हैं और यह सुनिश्चित करने के लिए सबसे अच्छा होगा कि आप आधिकारिक वेबसाइट या संबंधित अधिकारियों से संपर्क करें. लाल क़िला के दर्शन के लिए अक्सर टिकट इसके प्रशासनिक भवन में या द्वार पर उपलब्ध होते हैं.

लाल किला की खासियत

लाल क़िला को एक अनूठी और महत्वपूर्ण संरचना माना जाता है. इसकी खासियत कुछ इस प्रकार है.

ऐतिहासिक महत्व: लाल क़िला भारतीय इतिहास में मुग़ल शासन की महानता का प्रतीक है. यह मुग़ल सम्राट शाहजहां द्वारा बनवाया गया था और भारतीय संस्कृति, कला और वास्तुकला के उत्कृष्ट उदाहरणों में से एक है.

विशाल संरचना: लाल क़िला का आकार बड़ा और विशाल है।.इसमें बहुत सारे भवन, महल, मस्जिदें, बाग़ और दरबार हैं, जो आकर्षक और सुंदरता से भरे हुए हैं.

लाल रंग की दीवारें: लाल क़िला की मुख्य दीवारें लाल रंग की होती हैं, जिससे इसे ‘लाल क़िला’ के नाम से पुकारा जाता है. यह दीवारें इसको एकदिवसीय राष्ट्रीय ध्वजारोहण समारोह के दौरान ख़ासतौर से चमकती हैं.

बदलता रंग: लाल क़िला की दीवारों के रंग को सूर्यास्त और सूर्योदय के समय बदलता है. यह अनूठा और चमकीला दृश्य प्रदान करता है.

दिल्ली दरवाज़ा: लाल क़िला में कई प्रमुख दरवाज़े हैं, जिनमें से दिल्ली दरवाज़ा सबसे अधिक प्रसिद्ध है. यह मक़्बरा दरवाज़े के रूप में भी जाना जाता है.

भव्य दरबार: लाल क़िला के भव्य दरबार में मुग़ल सम्राटों ने अपने दरबार का आयोजन किया था. यहां सम्राट अपने अधिकारियों और मंत्रियों के साथ साम्राज्यिक मुद्दों का समाधान करते थे.

दर्शनीय स्थल: लाल क़िला भारत के अनेक दर्शनीय स्थलों में से एक है और विभिन्न इतिहासी घटनाओं का साक्षी रहा है.

दीवारों की भव्यता: लाल क़िला की दीवारें विशाल और भव्य हैं. इनमें कई सुंदर मोतीफ और नक्काशी देखी जा सकती है.

सुंदर बाग़: लाल क़िला के अंदर स्थित बगीचे का नाम हयात बख़्श बगीचा है. यह एक बहुत ही सुंदर और शांतिपूर्ण स्थल है जहां आप विश्राम कर सकते हैं.

नृत्य और संगीत के कार्यक्रम: लाल क़िला में कई बार नृत्य और संगीत के कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं, जिन्हें देखना एक अलगाव अनुभव होता है.

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आपको बताते चलें लाल क़िला का असली नाम “क़िला-ए-मुअल्ला” (Qila-e-Mubarak) है. यह नाम उस समय इसे बनवाने वाले मुग़ल सम्राट शाहजहां द्वारा रखा गया था. इसका मतलब होता है “मुबारक फ़ोर्ट” या “धन्यवादी किला”. लाल क़िला को लाल रंग की दीवारों के लिए भी लाल क़िला के नाम से जाना जाता है. यह नाम इसकी शानदार दीवारों को देखते हुए लोगों ने रखा था. लाल क़िला भारतीय इतिहास का महत्वपूर्ण चिन्ह बनाया है.

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