Bihar Tourism: “सिल्क सिटी” भागलपुर है कई मायनों में खास, जानिए विशेषता
Bihar Tourism: बिहार का भागलपुर शहर पुराने समय से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रेशम व्यापार का प्रमुख केंद्र रहा है. तो 2015 से हर साल 07 अगस्त को मनाए जाने वाले राष्ट्रीय हैंडलूम दिवस पर जानिए "सिल्क सिटी" भागलपुर से जुड़े कुछ रोचक तथ्य.
Bihar Tourism: बिहार का भागलपुर शहर विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है. यह शहर अपने समृद्ध और वैभवशाली इतिहास, ऐतिहासिक जगहों और प्राचीन धार्मिक केंद्रों सहित कई मायनों में खास है. भागलपुर को भारत की “सिल्क सिटी” के नाम से भी जाना जाता है. अगर आप भारत के प्राचीन शहरों को एक्सप्लोर करने का प्लान कर रहे हैं तो जरूर आएं भागलपुर.
वैभवशाली है इसका प्राचीन इतिहास
गंगा किनारे बसे भागलपुर शहर का इतिहास काफी समृद्ध और वैभवशाली है. राजधानी पटना से लगभग 250 किलोमीटर दूरी पर स्थित इस शहर का जिक्र पुराणों और महाभारत में भी मिलता है. महाभारत काल में भागलपुर अंग प्रदेश का हिस्सा हुआ करता था, जिसके राजा कर्ण थे. यह शहर प्राचीन भारत के 10 प्रमुख शहरों में से एक था. यह शहर अपने सिल्क के व्यापार के लिए विश्व विख्यात है. भागलपुरी सिल्क की साड़ियों और कपड़ों को विदेशों में भी पसंद किया जाता है. यही कारण है भागलपुर शहर भारत के सिल्क सिटी नाम से मशहूर है.
भागलपुर में स्थित विक्रमशिला विश्वविद्यालय प्राचीन भारत के तीन प्रमुख विश्वविद्यालयों नालंदा, तक्षशिला और विक्रमशिला में से एक थी, जो शिक्षा का केंद्र थी. पुराणों के अनुसार भागलपुर के मंदार पर्वत का उपयोग समुद्र मंथन के दौरान अमृत निकालने के लिए मथनी के रूप में किया गया था, इस कारण यह हिंदुओं का पवित्र तीर्थ स्थल है. सावन के महीने में देवघर के बाबा बैद्यनाथ पर जो जल चढ़ता है, वह भागलपुर के अजगैवीनाथ धाम में मौजूद पवित्र गंगा नदी से भरा जाता है. यही कारण है बिहार का भागलपुर शहर एक प्रसिद्ध धार्मिक, आध्यात्मिक, ऐतिहासिक पर्यटन केंद्र है.
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हाथों से बुनता सिल्क सिटी का सुनहरा भविष्य
बिहार का तीसरा सबसे बड़ा जिला भागलपुर अपने रेशम उत्पादन के लिए सिल्क सिटी नाम से मशहूर है, जिसे भारत का प्रमुख रेशम उत्पादन केंद्र भी माना जाता है. यह रेशम उद्योग भागलपुर की विरासत है, जिसे पीढ़ियों से कारीगर आगे बढ़ा रहे हैं. भागलपुर में मुख्य रूप से तसर सिल्क का उत्पादन किया जाता है. इससे बने उत्पादों का बाजार देश-विदेश तक फैला हुआ है.
मशीनीकरण के समय में हैंडलूम उद्योग को बढ़ावा देने के लिए हर साल 7 अगस्त को राष्ट्रीय हैंडलूम दिवस मनाया जाता है. इसी का असर है की सिल्क सिटी में फिर एक बार बुनकरों के हुनर की धाक दिख रही है. बुनकरों के परंपरागत कौशल के बल पर भागलपुरी सिल्क साड़ियों में हाथों से बने मोहनजोदड़ो और हड़प्पाकालीन डिजाइनों को उकेरा जा रहा है, जो भागलपुर रेशम उद्योग को एक बार फिर गति दे रहे हैं. वर्तमान समय में भागलपुरी सिल्क उद्योग का वार्षिक व्यापार अरबों रुपए का होता है.
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पर्यटन स्थलों से है समृद्ध
भागलपुर शहर बिहार के प्रमुख पर्यटन केंद्रों में से एक है, जहां धार्मिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक पर्यटन स्थल मौजूद हैं. इन पर्यटन स्थलों को घूमने लोग दूर-दूर से भागलपुर पहुंचते हैं. यहां का कोलगंज रॉक कट मंदिर, मंदार पर्वत और विक्रमशिला के खंडहर विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है.
भागलपुर का बूढ़ानाथ मंदिर, चंपापुर दिगंबर जैन मंदिर, कोलगंज रॉक कट मंदिर, अजगैवीनाथ मंदिर, गंगा घाट सहित कई प्राचीन धार्मिक स्थल मौजूद हैं, जो दर्शनीय हैं. यहां का विक्रमशिला डॉल्फिन अभयारण्य जलीय वन्यजीवों के संरक्षण के लिए बनाया गया है, जो घूमने के लिए शानदार है.
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