Bihar Tourism: शांत और आध्यात्मिक जगह की है तलाश, तो चले आइए पावापुरी जल मंदिर
Bihar Tourism: कमल सरोवर के बीच स्थित उत्कृष्ट वास्तुकला का उदाहरण है जल मंदिर. यह भगवान महावीर के प्रति आस्था का केंद्र है. तो लिए आज आपको बताते हैं जल मंदिर की कहानी.
Bihar Tourism: बिहार के प्राचीन मंदिर, धार्मिक केंद्र, तीर्थस्थल और ऐतिहासिक स्थान पर्यटकों के बीच काफी प्रसिद्ध है. यहां मौजूद नदियों, पहाड़ों और शिलालेखों का विशेष महत्व है. यहां कई ऐसे स्थान मौजूद हैं, जो विभिन्न धर्मों के प्रमुख धार्मिक केंद्रों के रूप में प्रसिद्ध है. यह राज्य सालों से दुनिया भर में मशहूर पर्यटन स्थल रहा है. बिहार में मौजूद पावापुरी में स्थित जल मंदिर भी एक ऐसा ही ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल है. यह जैन धर्म के लोगों का प्रमुख तीर्थस्थल है. अगर आपका भी प्लान बिहार घूमने का है तो जल मंदिर अवश्य आएं.
जल मंदिर तक कैसे पहुंचेंगे
बिहार के नालंदा जिले के पावापुरी में स्थित है जल मंदिर. यह जल मंदिर जैन समाज का पवित्र धाम है. जल मंदिर बिहार की राजधानी पटना से करीब 100 किमी की दूरी पर स्थित है. इसका निकटतम रेलवे स्टेशन पावापुरी और राजगीर है. पावापुरी स्टेशन में न के बराबर सुविधा उपलब्ध है. राजगीर स्टेशन से यह मंदिर लगभग 38 किमी दूर है. यह वही स्थान है जहां जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर ने अपना आखिरी उपदेश दिया था.
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अतुलनीय है जलमंदिर की वास्तुकला और कलाकृति
पावापुरी में स्थित जल मंदिर जैन धर्म के अनुयायियों के लिए काफी महत्वपूर्ण स्थान है. यहां आने मात्र से व्यक्ति के सारे पाप मिट जाते हैं. इसी जगह पर भगवान महावीर को मोक्ष अर्थात निर्वाण की प्राप्ति हुई थी. यह वही पावन स्थान है जहां से महावीर ने दुनिया को अहिंसा से जीने का संदेश दिया था. यहां देश-विदेश से पर्यटक घूमने और भगवान महावीर के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करने आते हैं. जल मंदिर वही जगह है, जहां भगवान महावीर का अंतिम संस्कार किया गया था. कहा जाता है भगवान महावीर के अंतिम संस्कार में लाखों लोग मौजूद थे. वे सभी अंतिम संस्कार के बाद उनके शरीर का पवित्र भस्म उठाकर अपने साथ ले जा रहे थे. लोगों का विश्वास इतना गहरा था की राख खत्म होने के बाद,उनके अनुयायी वहां की मिट्टी उठाकर अपने साथ ले जाने लगे. इस दौरान उस जगह से इतनी मिट्टी उठा ली गई कि वहां से जल स्रोत निकलने लगा. इस जल ने देखते-देखते 84बीघा के सरोवर का आकार ले लिया. यह भविष्य सरोवर कमल के फूलों से भरा-पूरा रहता है. इस कारण इसे कमल सरोवर भी कहा जाता है. इस सरोवर के पास पहुंचते ही आपको असीम शांति का अनुभव होगा. जल मंदिर इस पवित्र सरोवर के बीच में स्थित है. यह प्राचीन मंदिर देखने में काफी शानदार और खूबसूरत है. जल मंदिर की अद्भुत कलाकृति और वास्तुकला अतुलनीय है. यह भव्य मंदिर संगमरमर से बना हुआ है. इस प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल का निर्माण राजा नंदीवर्धन ने करवाया था, जो भगवान महावीर के बड़े भाई थे. दिव्य मंदिर में भगवान महावीर के चरण पादुका मौजूद है. जल मंदिर श्रद्धालुओं के बीच आस्था और आध्यात्म का केंद्र है.