Bihar Tourism: नवलखा पैलेस के नाम से मशहूर शाही ब्राह्मण महल है पर्यटकों के बीच लोकप्रिय
Bihar Tourism: मधुबनी जिले के राजनगर में मौजूद नवलखा पैलेस अपने खूबसूरत मिथिला स्थापत्य कला के लिए प्रसिद्ध है. यह बिहार का प्रमुख पर्यटन स्थल है, जिसे देखने काफी संख्या में लोग मधुबनी पहुंचते हैं. आइए जानते हैं नवलखा पैलेस की विशेषता.
Bihar Tourism: बिहार में मौजूद कई ऐसी प्राचीन इमारतें और ऐतिहासिक जगहें हैं, जो अपने पुरातात्विक और धार्मिक महत्व के लिए मशहूर हैं. यहां मौजूद अशोक के शिलालेख से लेकर बराबर की गुफाओं तक का विशेष महत्व है. बिहार विभिन्न धर्मों के धार्मिक स्थलों के केंद्र के रूप में जाना जाता है. यहां स्थित बोध गया, पावापुरी, अजगैवीनाथ धाम और तख्त श्री हरमंदिर साहिब, क्रमबद्ध बौद्ध, जैन, हिंदू और सिख धर्म के लोगों के पवित्र स्थान हैं. यहां घूमने देश-विदेश से लोग बड़ी संख्या में आते हैं. बिहार में मौजूद अनेकों ऐतिहासिक स्थलों में से एक है मधुबनी का नवलखा पैलेस. इसे महाराजा रामेश्वर सिंह ने बनवाया था, जो अपनी अनोखी वास्तुकला के लिए आज भी पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है. आप भी बिहार घूमने आ रहे हैं तो जरूर आएं नवलखा पैलेस.
Bihar Tourism: कहां स्थित है नवलखा पैलेस
नवलखा पैलेस बिहार के मधुबनी में मौजूद शाही ब्राह्मण महल है, जिसे देखने सालों भर पर्यटक मधुबनी आते हैं. लगभग 15000 एकड़ में बने इस खूबसूरत संरचना का निर्माण दरभंगा के राजा रामेश्वर सिंह ने करवाया था. प्राचीन वास्तुकला में बना यह शाही महल राजधानी पटना से करीब 182 किलोमीटर दूर स्थित है. यहां आने के लिए आप सड़क, रेल और हवाई मार्ग का उपयोग कर सकते हैं. इस महल से सबसे नजदीकी हवाई अड्डा दरभंगा एयरपोर्ट है. जबकि इसका निकटतम रेलवे स्टेशन राजनगर ट्रेन स्टेशन है. इस महल के नक्काशी में 22 परतों का उपयोग किया गया था, जो ताजमहल से भी ज्यादा है. नवलखा पैलेस सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करता है.
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Bihar Tourism: क्यों खास है यह महल
मधुबनी का नवलखा पैलेस, जो राजनगर पैलेस के नाम से भी जाना जाता है अपनी खूबसूरती के लिए काफी मशहूर है. मिथिला स्थापत्य कला में बना यह महल कई मायनों में खास है. कमला नदी के पूर्वी तट पर स्थित नवलखा पैलेस के अंदर प्रवेश करने पर आपको प्राचीन चित्रकला और बड़ा सा तालाब देखने को मिलेंगे, जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं. इस खूबसूरत महल का निर्माण 9 लाख चांदी के सिक्कों से किया गया था, इस कारण इसका नाम नवलखा पैलेस पड़ा. 15 जनवरी 1934 को आए भूकंप में महल का कई हिस्सा नष्ट हो जाने के बाद भी इस पैलेस की खूबसूरती बरकरार है. महल के परिसर में मौजूद मंदिर, तालाब और उद्यान इसे खास बनाते हैं. यह शाही ब्राह्मण महल गोंडल क्षेत्र का सबसे पुराना महल है, जो सात मंजिला है. नवलखा पैलेस बिहार का प्रमुख हेरिटेज साइट है, जो पर्यटकों के बीच लोकप्रिय है.
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