Bihar Tourism: धार्मिक और प्राकृतिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है वाल्मीकि टाइगर रिजर्व
Bihar Tourism: बिहार का वाल्मीकि टाइगर रिजर्व जैव विविधता संरक्षण के लिए प्रसिद्ध है. कहा जाता है यहीं भगवान श्रीराम के पुत्र लव और कुश का जन्म हुआ था. वाल्मीकि टाइगर रिजर्व बिहार के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शामिल है. तो आइए जानते हैं इस टाइगर रिजर्व के बारे में.
Bihar Tourism: बिहार राज्य अपने प्राचीन मंदिरों, समृद्ध इतिहास और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है. यहां बूढ़ानाथ मंदिर, अजगैवीनाथ मंदिर, मुंडेश्वरी मंदिर, चौमुखी महादेव मंदिर, महाबोधि मंदिर और विष्णुपद मंदिर सहित अनेक प्राचीन मंदिर मौजूद हैं, जो बिहार को धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित करते हैं. इन्हीं प्रसिद्ध स्थलों में से एक है, वाल्मीकि टाइगर रिजर्व जो ना केवल अपने प्राकृतिक बल्कि धार्मिक महत्व के लिए भी प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है. अगर आप भी धर्म और प्रकृति में रुचि रखते हैं, तो जरूर आएं वाल्मीकि टाइगर रिजर्व.
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धार्मिक और प्राकृतिक महत्व करता है लोगों का आकर्षित
बिहार का इकलौता टाइगर रिजर्व, वाल्मीकि टाइगर रिजर्व पर्यटकों के बीच प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है. इस राष्ट्रीय उद्यान में स्लॉथ भालू, बाघ, जंगली सुअर, तेंदुआ, बाइसन सहित विभिन्न प्रकार के हिरण देखने को मिलते हैं. यह टाइगर रिजर्व जैव विविधता और पक्षी विविधता के संरक्षण के लिए मशहूर है. यहां बड़ी संख्या में लोग घूमने और पिकनिक मनाने आते हैं. नेपाल से सटे वाल्मीकिनगर में स्थित वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में प्रकृति के अद्भुत सौंदर्य देखने को मिलते हैं. यहां आप सफारी राइड और नौका विहार का भी आनंद ले सकते हैं. जंगल सफारी की सैर करते हुए पर्यटक घने जंगल के बीच घूमते वन्यजीवों को देखकर रोमांचित महसूस करते हैं. इस टाइगर रिजर्व का पौराणिक और धार्मिक महत्व भी लोगों को अपनी ओर खींचता है.
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व को लेकर पौराणिक मान्यताएं प्रचलित है कि त्रेतायुग में भगवान श्री राम के पुत्र लव और कुश का जन्म इसी जंगल में हुआ था. यह वही स्थान है जहां माता सीता धरती के नीचे समा गई थी. यही कारण है वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में स्थित प्राचीन मंदिरों के दर्शन करने श्रद्धालु दूर-दूर से बिहार पहुंचते हैं. वाल्मीकि टाइगर रिजर्व बिहार के प्रमुख धार्मिक और प्राकृतिक पर्यटन स्थलों में से एक है.
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कहां मौजूद है वाल्मीकि टाइगर रिजर्व
बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले में स्थित वाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान बाघों के संरक्षण के लिए समर्पित है. राजधानी पटना से लगभग 291 किमी दूरी पर स्थित वाल्मीकि टाइगर रिजर्व पर्यटकों के बीच प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है. आप हवाई जहाज, ट्रेन और कैब या निजी वाहन से वाल्मीकि टाइगर रिजर्व तक पहुंच सकते हैं.
सड़क मार्ग – आप बिहार के मुजफ्फरपुर, बेतिया, बगहा, मोतिहारी, गोरखपुर, पटना जैसे शहरों से नियमित चलने वाली बसों के माध्यम से वाल्मीकि टाइगर रिजर्व तक आ सकते हैं.
वायु मार्ग – वाल्मीकि टाइगर रिजर्व का सबसे निकटतम हवाई अड्डा कुशीनगर, गोरखपुर और पटना एयरपोर्ट है. यहां से आप कैब लेकर वाल्मीकि टाइगर रिजर्व तक आ सकते हैं.
रेल मार्ग – वाल्मीकि टाइगर रिजर्व से सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन नरकटियागंज और बेतिया बगहा स्टेशन है.
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