Jharkhand Tourism: इस मनमोहक जलप्रपात से निकलती है पानी की 10 धाराएं, खूबसूरत है यहां का दृश्य

Jharkhand Tourism: रांची में मौजूद दशम जलप्रपात अपने खूबसूरत नजारों के लिए पर्यटकों के बीच मशहूर है. इसकी खूबसूरती निहारने सालों भर सैलानी दूर-दूर से रांची आते हैं. आइए जानते हैं क्या है इस जलप्रपात की खासियत.

By Rupali Das | July 21, 2024 10:44 AM

Jharkhand Tourism: जलप्रपातों की नगरी कहे जाने वाली झारखंड की राजधानी रांची प्रकृति प्रेमियों के लिए जन्नत से कम नहीं है. यहां मौजूद अनेकों झरने, पहाड़ियां, घुमावदार घाटियां और हिल स्टेशन लोगों को अपनी ओर खींच लाते हैं. रांची में कई खूबसूरत और मनमोहक झरने मौजूद हैं, जिससे गिरता पानी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है. हर साल हजारों की संख्या में सैलानी इन जलप्रपातों का शानदार नजारा देखने रांची पहुंचते हैं. प्राकृतिक सौंदर्य से समृद्ध रांची एक मशहूर पर्यटन केंद्र है. अगर आप भी रांची घूमने आ रहे हैं तो जरूर जाएं दशम जलप्रपात.

Jharkhand Tourism: क्यों खास है दशम जलप्रपात

झारखंड में स्थित प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल है दशम वाटरफॉल, जो टाटा-रांची हाईवे रोड पर तैमारा गांव के पास मौजूद है. कांची नदी पर बने इस जलप्रपात से पानी की 10 धाराएं निकलती हैं, जो अत्यंत मनोरम दृश्य बनाती है. यही कारण है इस जलप्रपात को दशम जलप्रपात नाम से जाना जाता है. इस जलप्रपात का साफ और पारदर्शी पानी इसे खास बनाता है. यहां का नजारा मॉनसून के मौसम में और सुहाना हो जाता है. बड़ी संख्या में लोग पिकनिक मनाने और छुट्टियां बिताने दशम जलप्रपात आते हैं. झरने से करीब 144 फीट ऊंचाई से गिरता पानी सैलानियों को काफी रोमांचित महसूस कराता है. इस फोटोजेनिक पर्यटन स्थल के आसपास मौजूद हरियाली और जंगल इसकी खूबसूरती दोगुनी करते हैं. राजधानी रांची से लगभग 40 किलोमीटर दूर इस वॉटरफॉल में पलास, बेर, साल, केंदू, कुसुम जैसे पेड़ों पर लाह का उत्पादन किया जाता है. दशम जलप्रपात के क्षेत्र में पूरे झारखंड का लगभग 36% लाह उत्पादन किया जाता है.

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Jharkhand Tourism: दशम फॉल में रखें इन बातों का ध्यान

दशम फॉल घूमने जा रहे पर्यटकों को सुरक्षा कारणों से कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए. दशम जलप्रपात में ऊंचाई से गिरता पानी चट्टानों के बीच काफी गहरे गड्ढे बना देता है. जो लोगों को जल्दी दिखाई नहीं देते, ये गड्ढे कई दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं. इस जलप्रपात की गहराई ज्यादा होने और प्राकृतिक जलविद्युत धारा उत्पादन के कारण लोगों को पानी के ज्यादा अंदर जाने और नहाने मना किया जाता है.

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