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Famous Tourist Destination in Jharkhand: धार्मिक और पर्यटन स्थल के रूप में प्रसिद्ध है पारसनाथ पहाड़

पारसनाथ पहाड़ झारखंड का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, जहां हर साल करीब लाखों लोग घूमने आते हैं. यह पहाड़ न केवल घूमने के लिए बल्कि धार्मिक नजरिए से भी महत्वपूर्ण है. तो चलिए आज आपको बताते हैं पारसनाथ पहाड़ के बारे में.

By Rupali Das | June 13, 2024 2:26 PM

Famous Tourist Destination in Jharkhand: पारसनाथ पहाड़ झारखंड कि सबसे ऊंची चोटी है, जिसकी ऊंचाई 1350 मीटर है. यह गिरीडीह जिला में स्थित पहाड़ों कि शृंखला है.रांची हवाई अड्डा से करीब 103 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है पारसनाथ पहाड़. पारसनाथ पर्वत सैलानियों के बीच काफी प्रसिद्ध है. यह काफी खूबसूरत और धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण स्थान है. प्रकृति प्रेमियों और घूमने के शौकीन लोगों के लिए पारसनाथ एक बेहतरीन जगह है. पारसनाथ पहाड़ कि कुछ खास बातें हैं :

Famous Tourist Destination in Jharkhand: सैलानियों के बीच मशहूर पारसनाथ

पारसनाथ पहाड़ पर्यटकों के बीच काफी प्रसिद्ध है, यही कारण है यह पहाड़ झारखंड के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक है. यहां हर वर्ष लाखों कि संख्या में सैलानी घूमने आते हैं. चूंकि, इसकी ऊंचाई समुद्रतल से 1350 मीटर ऊंची है, इसलिए वाहन पहाड़ी पर नहीं चढ़ पाते हैं. यही कारण है, यहां आने वाले पर्यटकों को पैदल ही इसकी चोटी तक चढ़ाई करनी होती है. जो इस ट्रिप को और मजेदार बना देती है. पारसनाथ पहाड़ एक खूबसूरत जगह है, जो चारों ओर से जंगल से घिरा हुआ है. यहां से आस पास का नजारा बहुत ही मनोरम दिखता है. एक बेहतरीन पर्यटन स्थल होने साथ साथ,पारसनाथ धार्मिक केंद्र भी है. जैन और संथाल समुदाय के लोग इसे अपना तीर्थस्थल मानते हैं.

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Famous Tourist Destination in Jharkhand: पारसनाथ पहाड़ का धार्मिक महत्व-

जैन धर्म के लोग पारसनाथ पर्वत को ”सम्मेद शिखर” कहते हैं. यह उनके प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक हैं, जिसका नाम उनके 23 वें तीर्थंकर के नाम पर ”पारसनाथ” रखा गया. पारसनाथ जैन समुदाय के सबसे पवित्रस्थल के रूप में जाना जाता है. जैन समुदाय के 20 तीर्थंकरों ने इस पहाड़ पर ही मोक्ष प्राप्त किया था. यहां मोक्ष पाने वाले हर तीर्थंकर के लिए पहाड़ी पर एक मंदिर बना हुआ है. पहाड़ी पर बने कुछ मंदिर 2,000 साल पहले के बने हुए हैं, इसलिए पारसनाथ पहाड़ जैन धर्म के लोगों के लिए काफी महत्वपूर्ण है. जैन धर्म के अतिरिक्त संथाल समुदाय के लोग भी पारसनाथ को अपना धार्मिक केंद्र मानते हैं. वे इसे ”मारंग बुरु” पहाड़ी कहकर संबोधित करते हैं. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार पहाड़ पर मौजूद मंदिर का निर्माण मगध के राज्य बिंबिसार ने करवाया था,जिसमे संगमरमर का उपयोग किया गया था.

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