Jagannath Temple: 332 साल पुराने मंदिर से निकलेगी भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा
Jagannath Temple: रांची के जगन्नाथ मंदिर का निर्माण नागवंशी राजा एनी नाथ सहदेव ने करवाया था. 1691 में बने इस मंदिर से मनमोहक दृश्य दिखते हैं. इस मंदिर में सालों भर श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है. तो आइए आज आपको बताते हैं इस मंदिर से जुड़ी कुछ बातें.
Jagannath Temple: झारखंड न केवल प्रकृति सौंदर्य बल्कि प्राचीन मंदिरों से भी समृद्ध राज्य है. यहां मां छिन्नमस्तिका मंदिर, बाबा धाम, देवड़ी मंदिर, जगन्नाथ मंदिर सहित कई प्रसिद्ध मंदिर मौजूद हैं. जहां हर वर्ष लाखों की संख्या में लोग भगवान के दर्शन के लिए आते हैं. झारखंड की राजधानी रांची में पुरी के तर्ज पर बना प्राचीन जगन्नाथ मंदिर मौजूद है. इस मंदिर का इतिहास 332 साल पुराना है. यह मंदिर अपने इतिहास और खूबसूरती के लिए मशहूर है.
Jagannath Temple: कहां है यह मंदिर
झारखंड की राजधानी रांची के धुर्वा क्षेत्र में मौजूद है प्राचीन जगन्नाथ मंदिर. यहां आप रेल, हवाई और सड़क मार्ग से आ सकते हैं. इसका निकटतम रेलवे स्टेशन हटिया जंक्शन है. अल्बर्ट एक्का चौक से 10 किमी मौजूद जगन्नाथ मंदिर अपनी अनूठी वास्तुकला के लिए लोगों के बीच लोकप्रिय है.
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Jagannath Temple: क्या है महत्व
जगन्नाथ मंदिर प्रकृति के गोद में बसा अध्यात्म का केंद्र है. हर वर्ष पुरी जगन्नाथ मंदिर की ही तरह रांची में भी भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा निकलती है. जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु रथ खींचने पहुंचते हैं. ऐतिहासिक रथ यात्रा के दौरान प्रभु जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ नौ दिनों तक मौसीबाड़ी में रुकते हैं, जो मुख्य मंदिर से कुछ दूरी पर ही स्थित है. रथ यात्रा के दौरान रांची में मेले का आयोजन किया जाता है. बड़ी संख्या में लोग प्रभु के दर्शन करने मौसीबाड़ी पहुंचते हैं. नागवंशी राजा ठाकुर एनी नाथ शाहदेव ने 1691 में इस मंदिर का निर्माण करवाया था. यहां आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष द्वितीया तिथि को अद्भुत भक्तिमय दृश्य देखने को मिलता है. इस मंदिर का निर्माण करीब 80-90 मीटर ऊंची छोटी पहाड़ी पर किया गया है, जहां से रांची शहर का दृश्य मनोरम दिखाई देता है. इस मंदिर की वास्तुकला भी नायाब है जिसमें प्राचीन शिल्पकारी की झलक दिखाई पड़ती है.
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