24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Independence Day 2024: स्वतंत्रता दिवस पर करें जलियांवाला बाग की सैर, जानें क्या है इतिहास

Independence Day 2024: अमृतसर के स्वर्ण मंदिर से कुछ ही दूरी पर स्थित जलियांवाला बाग अपने खूनी इतिहास के लिए जाना जाता है. आप 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर इस जगह घूमने आ सकते हैं. यहां आजादी की लड़ाई के दौरान नरसंहार हुआ था.

Independence Day 2024: स्वतंत्रता दिवस के दिन लोग ऐसी जगहों पर घूमना पसंद करते हैं, जो उन्हें आजादी के जश्न से जोड़ती है. देशभर में ऐसे कई पर्यटन स्थल हैं, जो स्वतंत्रता संग्राम और इसमें शामिल लोगों से जुड़े हुए हैं. स्वतंत्रता दिवस पर घूमने के लिए इन्हीं पर्यटन स्थलों में से एक है अमृतसर का जलियांवाला बाग. यह जगह 1919 में हुए नरसंहार की कहानी बयां करता है. लगभग 6.5 एकड़ में फैले इस क्षेत्र का इतिहास उन लोगों के खून से लिखा हुआ है, जिन्होंने देश को आजाद करवाने में अपने प्राणों का बलिदान दिया. स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आपको जलियांवाला बाग घूमने जरूर जाना चाहिए.

Also Read: India Tourism: 15 अगस्त पर बना रहे हैं घूमने का प्लान तो चले आइए राजस्थान

क्या है स्वतंत्रता आंदोलन से नाता

जलियांवाला बाग अमृतसर में मौजूद वही जगह है, जहां 13 अप्रैल 1919 को जनरल आर.ई.एच डायर ने खूनी खेल खेला था. यह जगह हर भारतीय को इतिहास में हुई उस बेहद दर्दनाक हत्याकांड की याद दिलाता है. साल 1919 में जनरल डायर ने एक विद्रोह के कारण किसी भी प्रकार की सभा और सम्मेलन करने पर रोक लगा दी थी, मगर इसकी जानकारी सही तरीके से लोगों तक नहीं पहुंच पाई थी. यही कारण है 13 अप्रैल 1919 को जलियांवाला बाग में बैशाखी का त्यौहार मनाने के लिए लोगों ने एक शांतिपूर्ण सभा का आयोजन किया. जब जनरल डायर को इस सभा की जानकारी मिली, तो वह 90 सैनिकों को लेकर जलियांवाला बाग पहुंच गया. कुछ ही देर में सैनिकों ने बाग को चारों ओर से घेर लिया और निहत्थे लोगों पर गोलियां बरसानी शुरू कर दी. करीब 10 मिनट के अंदर 1650 राउंड गोलियां चली, जो जालियांवाला बाग में हुए नरसंहार का कारण बनी. कई लोग जान बचाने के लिए बाग में मौजूद कुएं में कूद गए. देखते ही देखते कुआं भी लाशों से भर गया.

Jallianwala Bagh History
Jallianwala bagh history

जनरल डायर द्वारा खेले गए इस खूनी खेल के प्रमाण आज भी जलियांवाला बाग के दीवार और कुएं में मौजूद है. इस पार्क में मौजूद दीवार पर 36 गोलियों के निशान है,जो अंग्रेजों द्वारा भारतीयों को दिए गए घाव की कहानी बताते हैं. यह जगह लोगों को स्वतंत्रता संग्राम में अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीरों की याद दिलाता है. यही कारण है स्वतंत्रता दिवस के मौके पर बड़ी संख्या में लोग जलियांवाला बाग घूमने आते हैं.

Also Read: Independence Day event at Red Fort: दिल्ली के लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस का खास न्यौता पाने वाले ये दंपत्ति कौन हैं? जानिए उनकी दिलचस्प कहानी!

कैसे आएं जलियांवाला बाग

पंजाब के अमृतसर में स्वर्ण मंदिर से महज 1.3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, विश्व प्रसिद्ध जलियांवाला बाग. इसका खूनी इतिहास आज भी लोगों को आजादी के लिए हुई लड़ाइयों की याद दिलाता है. यहां आप ट्रेन, बस, निजी गाड़ी, कैब और प्लेन के माध्यम से आ सकते हैं.

सड़क मार्ग – पंजाब के अमृतसर में स्थित जलियांवाला बाग के लिए देश के सभी प्रमुख शहर दिल्ली, शिमला, देहरादून, जम्मू सहित उत्तर भारत के कई शहरों से निजी और सरकारी बसें संचालित हैं.

वायु मार्ग – अमृतसर के जलियांवाला बाग से सबसे नजदीकी एयरपोर्ट गुरु राम दास जी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है, जहां से इस पार्क की दूरी महज 11 किलोमीटर है.

रेल मार्ग – जलियांवाला बाग आने के लिए सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन अमृतसर स्टेशन है. जो इसे भारत के प्रमुख शहर जैसे कोलकाता, अहमदाबाद, मुंबई, दिल्ली और चेन्नई से जोड़ता है.

Also Read: Independence Day 2024: यूपी की इन जगहों का आजादी की लड़ाई से रहा है नाता, घूमने के लिए है खास

जरूर देखें:

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें