Somnath Temple: बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक इस मंदिर की कहानी है बेहद दिलचस्प
Somnath Temple: सोमनाथ मंदिर विश्व प्रसिद्ध बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है. शिव भक्तों के लिए स्वर्ग माने जाने वाले इस मंदिर पर कई बार आक्रमणकारियों ने हमले किए. इस मंदिर की उत्पत्ति और कहानी काफी दिलचस्प है. तो आइए जानते हैं इससे जुड़े कुछ रोचक तथ्य.
Somnath Temple: गुजरात के सौराष्ट्र जिले में मौजूद सोमनाथ मंदिर हिंदू धर्म के लोगों के लिए पावन धाम है. यह मंदिर बहुत ही खास है. सोमनाथ मंदिर भारत में सबसे ज्यादा देखे जाने वाले मंदिरों में से एक है. यहां लाखों की संख्या में लोग भगवान के दर्शन करने आते हैं. सोमनाथ मंदिर में मौजूद शिवलिंग 12 ज्योतिर्लिंगों में से सबसे पहला ज्योतिर्लिंग है. इतिहास में कई बार इस मंदिर को नष्ट करने की कोशिश की गई, पर हर बार आक्रमणकारी विफल रहे. इस मंदिर से जुड़ी कई ऐसी बातें हैं जो काफी रोचक हैं.
Somnath Temple: क्या है मंदिर का इतिहास
प्राचीन मान्यताओं के मुताबिक सोमनाथ मंदिर में मौजूद वास्तविक शिवलिंग काफी रहस्यमय था, जो हवा में तैरता था. यह मूल ज्योतिर्लिंग लोहे से बना हुआ था, जो एक विशाल पत्थर या मैग्नेटाइट के चुंबकीय बल के कारण हवा में लटका हुआ था. यह पत्थर मंदिर के छत में लगा हुआ था. प्राचीन सोमनाथ मंदिर वैभवशाली और समृद्ध था. इस कारण इतिहास में कई बार सोमनाथ मंदिर पर हमले हुए. 11वीं सदी में महमूद गजनवी ने न केवल मंदिर के ढांचे को क्षति पहुंच जाए बल्कि शिवलिंग को भी भंग किया. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर का निर्माण स्वयं चंद्रदेव ने करवाया था. यह वही जगह है जहां भगवान श्रीकृष्ण ने अपने जीवन लीला समाप्त की थी और देह त्यागा था. इस मंदिर में आकर लोगों को शांति मिलती है.
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Somnath Temple: मिलती है पापों से मुक्ति
सोमनाथ मंदिर शिव भक्तों के लिए स्वर्ग और पवित्र धाम है . यहां आने से उन्हें परम भक्ति और शांति का आनंद मिलता है. इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं को उनके सभी पापों से मुक्ति मिल जाती हैं. सोमनाथ मंदिर में हिरण, कपिला और सरस्वती नदी का महासंगम होता है, जिसमें स्नान करने का महत्व है. इसे त्रिवेणी स्नान भी कहा जाता है. इस मंदिर का हिंदू धर्म में विशेष महत्व और स्थान है. यहां सालों भर बड़ी संख्या में लोग भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने आते हैं.
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