Jagannath Rath Yatra 2024: 53 साल बाद बना दुर्लभ संयोग एक नही दो दिन निकाली जाएगी रथ यात्रा

इस साल की पुरी की जगन्नाथ रथ यात्रा रथ एक और असाधारण पहलू भक्तों द्वारा रथों को दो बार खींचना है. आमतौर पर, भक्त त्योहार के पहले दिन रथ खींचते हैं लेकिन दुर्लभ संयोग के चलते 2 दिन निकाली जाएगी रथ यात्रा

By Pratishtha Pawar | July 7, 2024 7:53 AM

Jagannath Rath Yatra: पुरी की जगन्नाथ रथ यात्रा का इंतजार साल भर भक्तों को रहता है.7 जुलाई को भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा की शुरुआत होने जा रही है, इस बार कुछ दुर्लभ संगम एवं ब्रह्मांडीय घटनाओं के कारण एक नही बल्कि दो बार रथ यात्रा निकाली जाएगी. आइए जानते है 2 बार रथ यात्रा निकाले जाने के कारणों को-

पुरी जगन्नाथ रथ यात्रा, जिसे रथ उत्सव के रूप में भी जाना जाता है, विश्व स्तर पर सबसे बड़ी धार्मिक सभाओं में से एक है, जो हर साल ओडिशा के पुरी में आयोजित की जाती है. यह पर्व जगन्नाथ मंदिर से गुंडिचा मंदिर तक भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा की यात्रा का जश्न मनाता है. इस वर्ष रथ यात्रा का विशेष महत्व है, क्योंकि इसमें दुर्लभ घटनाएं घटित हो रही हैं.

जगन्नाथ रथ यात्रा: 7-8 जुलाई दोनों दिन निकाली जाएगी रथ यात्रा

Jagannath rath yatra

7 जुलाई को पूरी में जगन्नाथ यात्रा निकाली जाने वाली है. 53 साल बाद एक दुर्लभ सहयोग बना है जिसकी वजह से यात्रा एक दिन नहीं बल्कि दो दिन की होगी यानी 7 और 8 जुलाई को निकाली जाएगी.

हर साल आषाढ़ माह की शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि का भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र और सुभद्रा के साथ रथ पर सवार होकर मुख्य मंदिर से 3 किलोमीटर दूर गुंडिचा मंदिर तक जाते हैं. भगवान अगले 7 दिनों तक इसी मंदिर में रहते हैं आठवें दिन यानी दशमी तिथि को तीनों रथ मुख्य मंदिर की ओर लौटते है.

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जगन्नाथ रथ यात्रा: 53 साल बाद बना दुर्लभ संयोग

इस वर्ष एक दुर्लभ संयोग बना है. इस वर्ष भगवान जगन्नाथ की यात्रा दो दिन 7  और 8 जुलाई को निकाली जाएगी आखिर इसकी वजह क्या है? आएगी जानते हैं इन सवालों के जवाब-

Jagannath rath yatra

दरअसल जगन्नाथ मंदिर के ज्योतिषी के अनुसार इस साल आषाढ़ माह की कृष्ण पक्ष की तिथियां घट गई है जिससे की यात्रा से पहले की जाने वाली पूजा 7 जुलाई की शाम तक होगी इसीलिए सुबह शुरू होने वाली यात्रा शाम के करीब 4:00 बजे शुरू होने की संभावना है चूंकि सूर्यास्त के बाद रथ नहीं हाकें जाते.इसलिए रथ यात्रा का शुभरम्भ करके 8 जुलाई को सुबह जल्दी रथ यात्रा शुरू होगी. जानकारों का कहना है कि रथ यात्रा की तिथि बदली नहीं जा सकती इसीलिए 7 जुलाई को श्रृंगार और नेत्र उत्सव के बाद रथ यात्रा से जुड़ी पूजा शुरू होगी.

इन पूजा के चलते देरी होने से सूर्यास्त से पहले ही भगवान को रथ में स्थापित कर रातों को खींचा जाएगा और फिर अगले दिन यानी 8 जुलाई को सुबह जल्दी रथ चलना शुरू होंगे और इसी दिन गुंडिचा मंदिर पहुंच जाएंगे बताया जा रहा है कि ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है जब भगवान श्री जगन्नाथ की रथ यात्रा दो दिन निकलने जा रही है. 53 साल पहले 1971 में भी ऐसा ही हुआ था जब तिथियां घटने  से रथ यात्रा में देरी हुई थी और शाम को रथ खींचे गए थे.

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