Janmashtami 2024: जन्माष्टमी पर करें बांके बिहारी के दर्शन, क्या होगा श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का शेड्यूल

Janmashtami 2024: 26 अगस्त को भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव, जन्माष्टमी का त्यौहार मनाया जाने वाला है. आइए आपको दिखाएं जन्माष्टमी के लिए बांके बिहारी मंदिर में क्या तैयारियां चल रही है.

By Rupali Das | August 21, 2024 11:15 AM
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Janmashtami 2024: सोमवार 26 अगस्त 2024 को देश के अलग-अलग हिस्सों में जन्माष्टमी का त्यौहार मनाया जाने वाला है. इसे लेकर भगवान श्रीकृष्ण के विभिन्न मंदिरों में तैयारियां जोर-जोर से हो रही है. बांके बिहारी मंदिर, श्री द्वारकाधीश मंदिर, प्रेम मंदिर, जगन्नाथ मंदिर सहित अनेकों मंदिरों को जन्माष्टमी के लिए सजाया जा रहा है. इस दिन मंदिर प्रशासन की ओर से भक्तों की सुगमता के लिए कई दिशा-निर्देश भी जारी किए जाते हैं. भगवान कृष्ण की जन्मस्थली मथुरा में इस साल 2 दिन 26 अगस्त और 27 अगस्त को जन्माष्टमी मनाई जाएगी. लेकिन वृंदावन के प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में जन्माष्टमी का पर्व 27 अगस्त को मनाया जाएगा. अगर आप भी जन्माष्टमी के अवसर पर श्री कृष्ण से जुड़े स्थानों पर जाना चाह रहे हैं. तो आपके लिए खास रहेगा वृंदावन में स्थित बांके बिहारी मंदिर.

क्यों खास है बांके बिहारी मंदिर?

भगवान श्री कृष्ण की रास स्थली वृंदावन में स्थित बांके बिहारी मंदिर श्रीकृष्ण को समर्पित प्राचीन मंदिर है. इस मंदिर को लेकर अनेकों मान्यताएं प्रचलित है. कहा जाता है कि बांके बिहारी मंदिर में स्थापित भगवान की मूर्ति स्वयं प्रकट हुई थी. बांके बिहारी मंदिर में भगवान श्री कृष्ण को पर्दे में रखा जाता है. इस मंदिर में हर थोड़ी देर पर बांके बिहारी जी की मूर्ति के सामने पर्दा कर दिया जाता है.

इसे लेकर ऐसा कहा जाता है कि एक बार एक भक्त भगवान श्री कृष्ण के दर्शन करने बांके बिहारी मंदिर आए और वह एक टक बांके बिहारी जी की मूर्ति को देखते रह गए. इससे भगवान भक्त से रिझ गए और उसके साथ ही चले गए. तब बड़ी मुश्किल से भगवान श्री कृष्ण को मंदिर वापस लाया गया. इस घटना के बाद से बांके बिहारी मंदिर में झांकी दर्शन की व्यवस्था की गई. ताकि भविष्य में भगवान कृष्ण किसी और भक्त के साथ ना चले जाएं.

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कैसा होता है जन्माष्टमी का दृश्य ?

बांके बिहारी मंदिर भगवान श्री कृष्ण को समर्पित प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर है. इस मंदिर में जन्माष्टमी का पर्व बेहद भव्य तरीके से मनाया जाता है. जन्माष्टमी के दिन पूरे बांके बिहारी मंदिर को फूलों से सजाया जाता है. इस दिन काफी संख्या में श्रद्धालु बांके बिहारी मंदिर में श्रीकृष्ण के दर्शन करने आते है. वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में वर्ष में एक बार श्री कृष्ण जन्मोत्सव के दिन बांके बिहारी जी की मंगला आरती की जाती है.

इस दिन भगवान कृष्ण की एक झलक पाने के लिए श्रद्धालु आतुर रहते हैं. मंदिर प्रशासन द्वारा जन्माष्टमी के दिन भक्तों के लिए पूजा का शेड्यूल जारी कर दिया जाता है. ताकि श्रद्धालु समय सारणी के अनुरूप ही मंदिर में भगवान के दर्शन करने आएं. इससे भीड़ नियंत्रित करने में भी आसानी होगी.

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क्या है जन्माष्टमी का शेड्यूल ?

जन्माष्टमी के लिए मंदिर प्रशासन की ओर से जारी किए गए शेड्यूल के अनुसार भक्त बांके बिहारी जी के दर्शन कर पाएंगे. जन्माष्टमी के दिन सुबह 7:45 बजे से 12:00 बजे तक मंदिर के पट खुलेंगे. इस दौरान 9:00 बजे बांके बिहारी जी की श्रृंगार आरती की जाएगी. 11:55 बजे ठाकुर जी की राजभोग आरती के बाद 12:00 बजे पर्दा लगा दिया जाएगा. शाम के वक्त 5:30 बजे से 9:30 बजे तक श्रद्धालु बांके बिहारी जी के दर्शन कर पाएंगे. इस दौरान 6:30 बजे बांके बिहारी जी की ग्वाल आरती की जाएगी. 7:30 बजे भक्त भगवान के संध्या आरती में शामिल होंगे. मध्य रात्रि में बांके बिहारी जी का महाभिषेक किया जाएगा, इस दौरान दर्शन बंद रहेगा. सुबह 1:45 में मंगल आरती के साथ मंदिर के कपाट खुलेंगे और भक्त ठाकुर जी के दर्शन कर सकेंगे. 28 अगस्त को सुबह 7:45 बजे से 12:00 बजे तक बांके बिहारी मंदिर में नंदोत्सव मनाया जाएगा.

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जन्माष्टमी के दिन क्या होगा एंट्री-एग्जिट का रास्ता ?

जन्माष्टमी के दिन बांके बिहारी मंदिर में बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ती है. इससे निपटने के लिए मंदिर प्रशासन ने इस बार भक्तों के लिए एडवाइजरी जारी की है. मंदिर प्रबंधन ने जन्माष्टमी के दिन लोगों से अपील की है कि भक्त बुजुर्ग और बच्चों को लेकर मंदिर परिसर में ना आएं. इस अपील के साथ मंदिर प्रबंधन ने भक्तों से बांके बिहारी मंदिर में बैग या किसी प्रकार का सामान ना लाने को कहा है. श्रद्धालुओं का मंदिर प्रबंधन की ओर से जन्माष्टमी के दिन मंदिर के अंदर आने के लिए प्रवेश द्वार का और जाने के लिए निकास द्वार का इस्तेमाल करने को कहा गया है.

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