Janmashtami 2024: जन्माष्टमी का त्योहार पूरे भारत देश में उत्साह, उल्लास और आस्था के साथ मनाया जाता है. इस दिन देश के कई हिस्सों में दही-हंडी का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है. तो कुछ इलाकों में श्री कृष्ण जन्मोत्सव की धूम रहती है. भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को प्रभु श्रीकृष्ण के जन्म का उत्सव मनाया जाता है. इस दिन भगवान श्री कृष्ण से जुड़ी जगहों पर भव्य आयोजन और विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं. देश भर से लोग इन जगहों पर जन्माष्टमी मनाने पहुंचते हैं.
मथुरा, उत्तर प्रदेश
प्रभु श्री कृष्ण की जन्मस्थली मथुरा नगरी में जन्माष्टमी की धूम रहती है. इस दिन पूरे मथुरा को फूल और लाइट से सजाया जाता है. जन्माष्टमी पर मथुरा के द्वारकाधीश मंदिर, नंदगांव और श्री कृष्ण जन्म स्थान मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन होता है. भगवान कृष्ण को छप्पन भोग चढ़ाए जाते हैं.
मथुरा में जन्माष्टमी के उत्सव का मुख्य केंद्र श्री कृष्ण जन्म स्थान मंदिर होता है. बड़ी संख्या में भक्त श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के पावन अवसर परकान्हा के दर्शन करने मथुरा पहुंचते हैं.
वृंदावन, उत्तर प्रदेश
प्रभु श्री कृष्ण की रास स्थली वृंदावन में मौजूद बांके बिहारी मंदिर में जन्माष्टमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इस दिन पूरे बांके बिहारी मंदिर भव्य रूप से सजाया जाता है. यहां मंगला आरती के साथ श्री कृष्ण जन्मोत्सव की शुरुआत होती है. जन्माष्टमी के दिन वृंदावन आए श्रद्धालु बांके बिहारी जी की एक झलक पाने के लिए आतुर रहते हैं.
वृंदावन में श्री कृष्ण जन्मोत्सव पर बांके बिहारी का विशेष श्रृंगार किया जाता है. इस दिन वृंदावन का वातावरण कृष्णमय होता है.
द्वारका, गुजरात
जन्माष्टमी के दिन करीब 5000 साल पुराने श्री द्वारकाधीश मंदिर का दृश्य अत्यंत मनोरम होता है. श्री कृष्ण जन्मोत्सव पर पूरी द्वारका नगरी को सजाया जाता है. इस दौरान श्री द्वारकाधीश मंदिर और रुक्मिणी मंदिर सहित अन्य प्राचीन मंदिरों में दर्शन-पूजन करने संपूर्ण विश्व से कृष्ण भक्त आते हैं. प्राचीन काल में प्रभु श्रीकृष्ण द्वारका के शासक थे.
द्वारकाधीश मंदिर हिंदू धर्म के पवित्र चार धामों में से एक है, जहां जन्माष्टमी का उत्सव भव्य और आकर्षक स्वरूप में किया जाता है. इस दिन आधी रात के समय भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है. जन्माष्टमी के दिन पूरी द्वारका नगरी कृष्ण के रंग में रंगी नजर आती है.
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पुरी, ओडिशा
ओडिशा का पुरी शहर भगवान जगन्नाथ की पावन भूमि है. इस विश्व प्रसिद्ध धार्मिक स्थल में ओड़िया परंपरा से जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन ओडिशा के जगन्नाथ मंदिर और गुंडिचा मंदिर में जन्माष्टमी महोत्सव का आयोजन होता है. श्री कृष्ण जन्मोत्सव के पावन दिन प्रभु जगन्नाथ को पंचामृत प्रसाद के साथ 56 भोग अर्पित किया जाता है.
इस दिन मंदिर का नजारा काफी भव्य होता है. चारों ओर से भगवान कृष्ण के 108 नामों का जप और भजन कीर्तन सुनाई देता है. पुरी में जन्माष्टमी के दौरान झूलनोत्सव का भी आयोजन होता है, जिसे देखने श्रद्धालु और पर्यटक ओडिशा आते हैं. जन्माष्टमी पर पुरी आने वाले श्रद्धालु कृष्ण की भक्ति में लीन हो जाते हैं.
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उडुपी, कर्नाटक
कर्नाटक के उडुपी में जन्माष्टमी का उत्सव उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है. जन्माष्टमी के दिन सांस्कृतिक और आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण उडुपी शहर में कृष्ण भक्ति का मनोरम नजारा देखने को मिलता है. उडुपी का हृदय स्थल माने जाने वाले श्री कृष्ण मंदिर में जन्माष्टमी के दिन आस्था, उमंग और शांति का अद्भुत संयोजन देखने को मिलता है.
श्री कृष्ण जन्मोत्सव के मौके पर उडुपी के मंदिर और सड़कों को पारंपरिक कला शैली में सजाया जाता है. जन्माष्टमी पर उडुपी आने वाले श्रद्धालु और पर्यटकों को दिव्य आध्यात्मिक ऊर्जा और खिंचाव का अनुभव मिलता है.
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