Jharkhand Tourism: झारखंड का वो जेल जहां धरती आबा ने ली थी अंतिम सांस
Jharkhand Tourism: झारखंड के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में शामिल है बिरसा मुंडा स्मृति पार्क सह संग्रहालय. इसी जगह भगवान बिरसा की मृत्यु हुई थी. तो चलिए आज आपको बताते हैं इस ऐतिहासिक जगह के बारे में.
Jharkhand Tourism: झारखंड का गौरव भगवान बिरसा मुंडा वह शख्सियत है, जिन्होंने अंग्रेजों का खुलकर विरोध किया था. ट्राइबल लीडर के तौर पर मशहूर बिरसा मुंडा को धरती आबा के नाम से भी जाना जाता है. भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के शौर्य गाथाओं में शामिल बिरसा मुंडा ने अंग्रेजी हुकुमत के विरुद्ध साहस का परिचय दिया था. इस महान स्वतंत्रता सेनानी और आदिवासी नेता के जन्म दिवस पर 15 नवंबर को हर वर्ष जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया जाता है. स्वतंत्रता संग्राम में अपना बहुमूल्य योगदान देने के लिए अंग्रेजों ने बिरसा मुंडा को जेल में डाल दिया था, जहां उनकी मृत्यु हो गई थी. आज भी लोगों को इस जेल में बिरसा मुंडा से जुड़ी चीजें देखने को मिलती हैं. यही कारण है यह कारागार झारखंड के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में शामिल है. इसे अब बिरसा मुंडा स्मृति पार्क सह संग्रहालय के नाम से जाना जाता है. अगर आप भी झारखंड घूमने का प्लान बना रहे हैं तो आना ना भूलें, बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल.
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क्या है इस जेल में खास
झारखंड की राजधानी रांची में शहर के बीचो-बीच स्थित बिरसा मुंडा स्मृति उद्यान सह संग्रहालय वही जगह है, जहां आदिवासी नेता बिरसा मुंडा की मृत्यु हुई थी. 30 एकड़ में फैले राज्य के इस प्रमुख पर्यटन स्थल में आपको भगवान बिरसा से जुड़ी तमाम निशानियां देखने को मिल जाएगी. यह ऐतिहासिक स्थल लोगों को इतिहास के जीवंत दस्तावेज से रूबरू कराता है. झारखंड के कण-कण में बिरसा मुंडा की निशानियां मौजूद हैं. बिरसा मुंडा स्मृति पार्क या जेल पार्क उन्हीं निशानियों में से एक है.
जेल पार्क में आप उस सेल को भी देख सकते हैं जहां भगवान बिरसा मुंडा ने अपने प्राण त्यागे थे. तीन हिस्सों में विभाजित इस जेल में सैलानी धरती आबा के जीवन के तीन अलग-अलग पहलुओं को देख सकते हैं. इनमें भगवान बिरसा के बाल काल, सामान्य व्यक्ति से धरती आबा के रूप में परिवर्तित होने का काल और अपनी धरती को अंग्रेजों से बचाने के लिए संघर्ष करने के काल को दिखाया गया है. यहां आकर पर्यटक भगवान बिरसा के जीवन को बेहद करीब से जान सकते हैं. यही कारण है बिरसा मुंडा स्मृति पार्क झारखंड के इतिहास की स्वर्णिम झलक दिखाता है.
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कैसे पहुंचे जेल पार्क
जेल पार्क आने के लिए आप हवाई, सड़क और रेल मार्ग का उपयोग कर सकते हैं. चूंकि, बिरसा मुंडा स्मृति पार्क सह संग्रहालय राजधानी रांची में कचहरी से कुछ दूरी पर स्थित है. इसलिए यहां पर आवागमन की व्यवस्था सुगम है.
सड़क मार्ग – आप ऑटो, कैब या निजी गाड़ी के माध्यम से बिरसा मुंडा स्मृति पार्क तक आ सकते हैं.
रेल मार्ग – आप ट्रेन के माध्यम से भी बिरसा मुंडा स्मृति पार्क तक आ सकते हैं. इसका सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन रांची जंक्शन है, जहां से इसकी दूरी महज 4 किमी है. जो इस प्रमुख पर्यटन स्थल को महत्वपूर्ण शहरों के साथ जोड़ती है.
वायु मार्ग – बिरसा मुंडा समिति पार्क का सबसे निकटतम हवाई अड्डा बिरसा मुंडा एयरपोर्ट है. एयरपोर्ट से पार्क तक की दूरी केवल 8.5 किमी है. यहां से आप कैब या ऑटो के माध्यम से जेल पार्क तक आ सकते हैं.
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